পাতা:বিশ্বকোষ ত্রয়োদশ খণ্ড.djvu/৭০৭

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cम७ड़ी श्इ मां । कङांङ्ग qहे निबगैौह आगरिङछ बछ फांशब्ल तिङांरक अथवी जमब्रदिरषहरु ठांझ्ॉब्र फेन्नफिरक छांछिबtर्भद्भ बमकडेग्न छछ। ७की cखोछ क्रि७ श्छ । ध्९गरङ्ग ७ेश्व-ि सूक्षेणश्च त्रैिवiश्tर्थी श्थांनिश्रेष शृश्fiविख श्॥ ५:बश् खांश्fब्र!। জাতীয় সোপানে পূৰ্ব্বস্থান অধিকার করে। কিন্তু ৰাজ ঐ पूबउँी कछ डिब्रजाउँइ कrद्र आगङ रश, फाश हरेन তাছার জাতিচু্যতি ঘটে এবং সে উপপতি সহবাসে থাকিয়৷ আপন জীবিকার্জন করিতে সমর্থ হয় । ইছাদের মধ্যে বাল্যৰিবাহ প্রচলিত নাই। কিন্তু বালক ও বালিকায় যথাক্রমে ১৬ ও ১২ বর্ষেই বিবাহ দেওয়া হইয় থাকে। গোড় জাতি হইতে ইদ্ধাদের বিবাহপ্রথা সম্পূর্ণ স্বতন্ত্র। বরকর্ড ও কড়াকৰ্ত্তায় স্ব স্ব পুত্র-কন্ডার ৰিৰাছে অভিমত হইলে, পাতারি নামক জাতীয়পুরোহিত বিবাহকওঁ। ছইম্বা উভয় পক্ষে গমনাগমন করে। বিবাহ পাক। করিবার জন্ত সাধারণতঃ পূর্ণিম। রজনীতেই কথাষার্তা স্থির হয়। পাতারি মনোমত কন্যা নিদিষ্ট করিয়া দিলে, বরের বন্ধুগণ কস্তার রূপ-গুণ পরীক্ষার জন্তু তাহার পিত্রালয়ে গমন করে। বিবাছের প্রাথমিক প্রক্রিয়াগুলি সমাধা হইলে বরের বন্ধুগণ কন্যার বাড়ীতে ‘পুরি ভক্ষণ করে। তৎপরে স্বজাতিবর্গनम८ण यद्र s कछाक€ी 4दछ श्रेब्रा *ब्रन्”८ब्रब्र श्रछ श्छ রাখিয়া মদ্যপূর্ণ দেীনা বিনিময় ও পরস্পনে অভিবাদন করে। তদনন্তর উপস্থিত স্বজাতিবর্গকে মদ্য, পিংক প্রভৃতি খাওয়াइंग्र विदारु मशक झुछ कब्र इं★ । বিবাহকালে কঙ্কার মাতুলপত্নীকে ব্যাদি উপঢৌকম দেৱ এaবরের মাতুল স্বীয় ভাগিনেকে যৌতুকক্ষপ अर्थ भांम करछ। दिवाइ cनव श्रण दब्रकर्डी चीघ्र आणिक्प्क cयावरण কিৰা बश्वि डेभशद्ध cनद्र । अश८क इंहाँबा बाङ्ग *विवाहें’ व८ण । ইহাদিগের মধ্যে কঙ্কাপ জিৰারও প্রথা আছে। ৰন্থ कéाएक कछात्र अछ <v sाप्लेग, कछ ७ कछत्र बाटों★** নিমন্বিত বর ও কস্তাৰাত্রীদিগের ভোজ এবং ঐ छेोकाङ्ग हीक्लि একৃতি মনোপকরণ ক্রন করা হইৰে ৰলিয়। এই ক্ষতাপণ কহ,কি প্রকৃতপক্ষে ঐ টাকা বা " জ্ঞান দোতুকৰন্থপঞ্জভ্যর্পণ করি থাকে। ५:२:बग्न चबू जानिtड बश्विान পূৰ্ব্বে খেত বক্স পন্ধিৰাম কৰে, که آ۱۹۹ f۹۹۹ آtr۹ ه به پFant|پرچه थाङt. यूयटक कब्रन कब्रिप्रl **** केही ‘vब्रह्म' बांध्म খ্যাত "পয়ে মাতা স্বীয় পুরকে দেব" শোৱাই ভক্ষ [ १०१ ] इ६ भान कबार । उषाच् च्षाम्बाश्चषद औीन * काणtथ निविड बाशाच झकिब बद्र रीइ चाडीश इश्व भब्रिइच् छ्रेषा কgালয়ে গমন করে। গান্ধী স্কৃত্তি জগন্ন স্কোৰ ধাৰাৰোছ৭ে भमन कब्रिरण थाखिझुखि पर्यो। कछाणर्दछ जबैरण फ्रेणहिक इहेtण कछानचौकर्ण१ दिtण१६ अकjर्षम ग्रङ्गिइl siहानिनtक दनिकांब्र निर्किडे थोप्लेष्ठाणाभरषj णहेब दांह ॥ aषाम होई८७ दरब्रग्न निखी बौद्र नूयवधूब अछ ७क इका ईi६णैौ ७ ७कथामि बाकू •ा?ाहेब cनब। विषाश्करण थे चणकान्न कछारक *ब्रिथांम कब्रिाएल इग्न । शृश्धावनश्ऊि भैरक वा बरकब्र मैौछ दिवार cगडचा इव । *ांडाग्नि शूरब्रॉश्छि षिवोtए वांछकछा कब्रिह्॥ थारक ? किरू हूड अच्tिवश्ब्र बछ विवाश्वरकब्र ●षष cथोडेो ध्वनी fनशtक चूफिtड एब ।। 4हे ध्वशां★१ फाशtशम्र छाछ भनf६] थाडि । कूडाप्वत्र नाड़िब्र बछ हेशाक्छ विप्लव पाछि अाप्रु । श्राश्रमांकृठ फेझछ बकवाब्रबिरजङ्ग बह्वा अtथन कईक"ञf** सङणप्७ क्बिाश् विदाच्न सिकफि अध्गिङ ददेब्राप्रु, किच्। अथtर्णज्ञ cरूiन कttपाहे cनोtब्राबिछ, कछ ना । গাটবন্ধনের পর, সাধারণতঃ কঙ্কাগান এবং BBBD DD g YYLLY TDHHBB DDDDS aE LEKK कब्रान झ्द्र । दtब्रब्र °िफ1 कछा”चौछ कबोौणनtक वङ्गाथि छे°cछोकम निtण फांशग्नी चानिद्र! अ३न→किब्र नमभूत्रल ८षोष्ठ कब्रिब्र। ठादारगब्र क°ोप्ण ऋर्षमाद्राङ्गाकङ्ग (णिष्ट्रेणि ७ ग५ि) *कts cनत्र । रेशत्र गत्र, बब्र चश्च कडाड गैौवड निन्छ मान कtब्र। uहे नवग्र कछाब बाडूण छाँग्रेौजाबाईtक ५कtन द९नउबैौ cयोङ्कक निद्रा थाrरू। . সিলুদামের পর, সমস্ত বিৰাহ ব্যাপার চুক্ষি খেলে, दब्र स कछारक अस*<rरकाछे अtष, जहेब1 वt७ब्रा का 1 लेदारक ८काशबङ्ग या दांगब्र चङ्ग बtण ॥ ॐ शृंrए £कवण थांब बग्न * कछ थt८क, जन्ब्र ८कए यांहेtङ नाitब्र बn । कछाछ बाफt श्रृश्ब्र छात्र क्क कब्रिज्ञा प्रेाकाङ्ग । नवक्ष्णडि-बर्षमाछिणाकैो জুই জুন গাড়ী, একইাড়ি পুরি ও পাঁচ sाका नजन क्रिड इव । |५, बब बा कछावाजिनन cरोइक विष्णरे यrब* कडिrछ नात्र । विदाई०ब्रांtख श्ब्रषाणैोविनtक cछाज cवखब्र! कुछ भ। विवांइब्रथमैो धडांडी हऐरण नांपछाब्रि नूयांदिख छाडेण, अण ७ चाबनजपूर्व ५को cनाप्ने ग३इो क्ञ्चक्र्त्तात्र/बद्:थ ऐुश्फि एक्क ७ष६ cछोरज अनिवाग्न अछ निश्लक क्रशिका क्षरक । वङ्गकéी **ाजम्ने गर्न कक्रिश्च बिनाएन नकछि ●ां★न कब्रिtग नॉकाब्रि cनहे गांज छड़ेब्रा अतलां★छ मङ्गপক্ষীয় ও বঙ্গাপীয় ফুটুৰগণের লিঙ্কট মং,স্বল্পাঞ্চি ৰঙ্গ