পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/১৬৬

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“দীপ ও ধূপ”e ॐौब्रांशांनन्म छtप्ले*िांशाांश्च अप्वक शांकिटबब नब्रांनब्रि विक्रांब्र कैब्रिवांब्र क्रमड! जांप्इ ॥ ॐांशबl जांबोज८ङब्र नाथांब्र१ निब्रम अछूनांदब्र वार्नेौ ●ठिषtगौब्र जबtनवचि cजब्रां *कृठि विचांब्रिछ ना णिथिष्ठ नशाकर" cमाकचत्र निखि षट्झम । ख्रिङ्गै ब1 ख्रिगृद्भिश् ८झन् बfवष्जन, अगिभिौटश् cङ्गन तांखि वl २ांणांन क्रिणन, ॐांशांtनब ब्रांtब्र डl cणषां नां७ थiकि८ङ *ां८ब्र ॥ ॐiहांकञ्च ब्रांब्र ८षं नव नमग्न छूनई इग्न, बभनe नग्न । किख ब्रोप्छाङ्ग कोब्रोक्ने छानिएङ नl witब्रिएल cजो८क मक्लष्ट इग्न बl I কোন পুস্তক ভাল লাগিয়াছে বা মন্দ লাগিয়াছে বলা এক রকম गब्रांगब्रि बिकांब्र । cकांन शश्tिक छांज, ८कान राहिtरू भश्च वणl হয় ত স্থলৰিশেৰে ঠিকই। কিন্তু লোকে জানিতে চায়, কেন একটি दहि विछांब्रटकब्र छांण जांनिब्रां८ङ, बांब अक# ८कन छांण जां८* बॉरें ॥ DDD BBB BD BDD BBBBD DBB DDDD DBB श्रीमॉब बारें । पetझ कब्रिक्iङ्ग ८कॉन श्रृंखि जांभांब्र cकांन कांप्ल इण किब1, छtनेि नl । किड डांइ ८कांब नश्वरब्र षiकिरण७, अदन बांझे ॥ ४१थन ८कखल छांण लांनिब्रt८इ. ब1 छtण जां८न नांदे, **ईकूरे वजिष्ठ शांब्रि। ८कॉन कांवाअरइब्र ब्रग ७ ब्रन जणब्रटक दूकां*rठ इश्tण यषभद्ध विकांब्रटकब्र प्रका जत्रूडबचंखि कांहे, 4बर चिठौब्रठ ऋश्व अत्रुइटि८क छांबांध्र दाङ कब्रिवांब कभठी कांश् । अरे झूड़ेब्रश् चकांश cबांष कब्बिteहि । जटबक ब९नब्र पब्रिग्नl cकरण ब्राहेनठिक चवदनठिक जांबांबिक व्यङ्कठि दिव८ब्रब्र हूण ठषा ७ यूसिद्ध जां८णtळनां कब्रांव्र नाहिछिाक क्लन् ७ ब्रटनब्र नूरच्छ जत्रूखदत्रखि ७ ऋच बन्नङ्कउि छांदांत्र वकांन कब्रिदांब कथडl, कथन● गांयांछ *ब्रिमां८१ षोकि८ण७, अथन छांश cजांशं नोर्देब्रांप्इ या कां”il *क्लिब्रारइ ॥ किड “यौन ७ पूग" वांत्रक कविठागूखकs नषट्क किछ जिविवांब्र छांब्र बांधि जड़ेब्रiहि । इछब्रt१ विक्रांब्रzकब्र बांगटन यनिवांब्र ¢वांत्राट अl षiकिरण७ जांबांटक किडू वजिष्ठ इदैप्स ॥ नबरब्रब्र 4द९ णजिकांटछ इांटनब्र ग१कौडिांव*ट= चन्न कषt३ पणt हऍटक् । जांबांब्र क्टिवळबांब्र देह अकथांनि खेदङ्कहे कtवाजंश् ॥ षींश्रiब एडोंण शifiध्रi८छ् । हैहांब्र बजांöब्र ॐणब्रकांङ्ग इविाँल्लेब्र üरज्ञथं कब्रिटङहि *अछ नप्र, cष, देहाँ८ठ ब्रटeब पsा जां८इ-ठांश देशांप्ड बाई-किख ** बन्न, cष, श्इ भूखकथोनिब यषत्र कबिठांकिब्र बांबनठिटजब कठकल्ले बद्धिणिनि । किटणब्र ८&थङ्गनंiञ्च कवि कांदjsइ ब्रज़्नी कब्रिब्रांtइन, ७ांशाब्र७ जांचtण * कविफांकि हरे८ड शांeब्रां बांब्र । ॐद!

  • शैन ७ धून । “जांप्नl_७ इांश-यप्*छ अगैड ॥ **२० ॥ भूगा इ३ sांक । अकtनक अनिर्वप्नन्यू ब्रांश, क्-ि4, s२t4 राजद्रt cबांछ० कणिकांड ॥ -

দ্বীপ ও ধূপ नकmlनां८भ, etभी कूर्णैबकांनिनि, `क्षेत्रtश्च cडtत्रiब्र ऽवनीभ्i खt८णt, তব সদনের সম্মুখের পণে পভুক তা হতে একটু জালো । भूनांछि cठांमांब बांecन छब्रिब्रां c१iणां फेब्र♚iब बtछtप्ल ८ब्रहं६ চালে তাহে ধূপ, দিক তার ধুরী বাইরে বায়ুরে অবাস মেঙ্গে । कथ८नां *धिक चtश्वtब्र नि=*tब्र সোজা পথ ছাড়ি বেড়ায় ঘুরে, লোকালয় খুজি না পেয়ে নিশানা कांङ इ८ठ गांग्र बभ** मूरब ।। कौ१ &थझौ८°iब्र १ अt८ण॥ ८डtश्रtब यमेिं मदe८१ बि*ांना झ्छ, তোমার ধূপের হবাসে চমকি भक् िकनङtब्र मैं क्लिांcव्र ब्रग्न, श् ि१ौ८ह्म शैदब्र cअtषांश्व झंझtद्ब्र পথের ঠিকান স্বধাভে জালেअंद९ जांक्लांप्ण ब्रांथ भूग-गान, খোলু কপাটের ডাৰিন পাশে । cहांक कौ१ बां८णl, cठtज गणिङांब्र उरब ब्रांथ ठबू यशैन शांत्रि, अन्चकोब्र ब्रi८ङ cक् cय अष छटल, কোপা গিয়ে পড়ে কেমনে জালি ? ts३ गहिषांनि -क्लिग्नt कवेिब्र मriनन-बौ८viज्ञ जांप्लांटक औखब*८थब्र जtनक *ाषिक cनांछ1 *थ cनषिtछ *tदे८दम, जढनटक छैiहांब्र शक्द्र पूष्णब श्वाप्न थांनचिउ श्रदम । जांब, “डूनिबबानिनी" cष नश्नाzबब्र षनौ गब्रिज, गांधू 'गठिड", ब्रांनी, कबी, अनिक, नकणरक जांचौद्र छांविग्ना नकरणञ्च जछरे यौन ७ धूभद्ध जां८ब्रांजन कब्रिब्रादइन, नां#८कब्रl ठांशां● बूकि८ङ •iांबि८वन ॥ কো লেখে, কেৰ খোজে, প্রাগাৰ নিৰ্ণায়, षांdछे ८कह षांटक्के वाds, cबांके वरि वांब्र, गूखश्tद्म, श्रबषद्म, बहtषiा, छiशाब्, भांकि बांब्र, छैiछि catणl, गवां* जांबांब्र बमश-गबांडे ८वां८ब्र किङ्ग क८ब्र पांब, क्षं cश्ल, श्aं श८ख झo श्ifव्रेयां१ ।। गवांtब ििनना, ठबू बांय्वब वचरन वैtश जांशि,नांबा कि८क नकप्नद्ध नरन। जांवि बह वनवांछभग्नीं शृषिशै८ठ जांजच्च डिथांबौ ब्रव खिच1 कूक्लॉरें८ङ ?