পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৫৩৬

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龛 , श्रेिणिश्च। ৪র্থ সংখ্যা আমার সহিত এরূপভাৰে কৰা বলিৰে, তাছা আমার च८धब्र७ जांtनांछब्र हिल | चरलाख लबिउ ७ ज८थडिङ इहेब ठाफ़ांजाफ़ि जांनांना इहै८ड जब्रिब्रा' चांजिणांभ । किरू शॉर्षेौब्र शांटमब्र षड डांहांब्र कéचम्न चांथांब्र कांहन সৰ্ব্বক্ষণ বাজিতে লাগিল । - তাহার কথাটার কোনো উত্তর না দিয়া চলিয়া আসাটা चख्बङ, श्हेब्रा cभइ धान कब्रिद्घा, कप्त्वक भूहूर्ड गिरव्र জানালায় আবার আসিয়া দেখিলাম,-লে চলিয়া ििवांटछ् । - সেদিন ছু’পর বেলা ছোড়দির ঘরের সামনে বারান্দা ब्रि पारेरठ बाँदेरउ घटब्रब्र भट्षा श्रोटलब्र साम्रैौब्र cयत्त्वब्रि কণ্ঠস্বর শুনিয়া আশ্চর্ঘ্য হইয়া গেলাম। ভাল করিয়া শুনিবার চেষ্টা করিয়া আরও আশ্চৰ্য্য হইলাম,—তাহার আমার বিষয়ে কথা কহিতেছে । मब्रबांद्र यांनिब मैंॉफ़ाहे८डहे cन चांभांटक cनशिzउ नाहेण । ८कोछूक शंदना उशब्र यूषषानि बबिउ श्ब्र ऐटैिल । ছোড়দি প্রথমে আমাকে দেখিতে পায় নাই। সে দরজার দিকে পিছন করিয়া বলিয়াছিল। তাছার মুখের এই ভাব-পরিবর্তন দেখিয়৷ ঘাড় ফিরাইয়া আমাকে দেখিল। হাসিয়া কহিল,—“কি রে? কি খুজচিল ?” चाभि चथखछ हरेञ्चा cगंणांघ । षtन इक्वेल ७कü अठास्छ चकांख कब्रिटङ कब्रिटड शब्रां *क्लिलांघ ॥ ८फ़क वणिजांघ, *बांधि cडांभांब्र,-७ई-चांभांब्र বইখান পাচ্ছি না—আমার জিওমেটিখানা—কালকে श्रृंख्नेौक चांद्रह किन-” ছোড়দি হালির ফেলিল। মেয়েটি সকৌতুক দৃষ্টিতে चांभांब्र ग्रांटन छांहिब्बा भांश नॉक्लिग्नां कहिल, *जांग्नि क्रूि ८ङांभांब्र राई नहे।” छाशबा इजरनहे चांबाब शनिबा फेfण । उीब्र गब्र ছোড়দি সদয় কণ্ঠে কহিল,-"জায়, এখানে এলে বোল।” जांलांत्र बभिद्रा फेरीिरङ cनब्रि हऎण ना । किछ कि चांकर्दी cगई cमtब्राँ ! ठांशब्र चांछब्रव यस्त्र गश्छ, ७ड अकू% छोशब्र csicषव्र छोइनि ७ङ অসঙ্কোচ ৰে, সে যেন মাঝে মাঝে জামাকে ৰিন্ধ কৈ:ে 8Ե-Գ कब्रिटङहिण । चांषि ५कखन बग्न:धांश छजरणांक, बारणी नाश्रिजाब ८काrना आइहे चाथि गफिाउ बाकि ब्रादि नहेि, हेश८ब्रबैौ जाहिरछाब्र बह ना?ा, चणां*ा बहे পড়িয়াছি, ভিৰেটিং ক্লাৰে ছেলের জামার প্রবন্ধ শুনিয়া जबांक इहेबा जिब्रांटाइ, ५वर ठांशtनग्न यzश चावांब्र সাহিত্যিক খ্যাতিলাভ হইয়াছে, এমন কি বৃদ্ধ কম্পাউণ্ডারबांबू भर्षाख हेशानौ५ चांयाrरू ‘आणनि' बनिद्रा नरशषन कब्रिहङ जांब्रञ्च कब्रिड्रां८इन,-च्यथछ ७lहे cषzब्र*ि यांभां८क जव्य कब्र बूब थांक-किहूयाज गशैश्७ कब्रिट्ठाइ ना । चांभि जांब्र शांकिएड शांब्रिजांभ नीं । झ*ां९ रुनिब्रां ফেলিলাম, “তুমি বুঝি কুল খেন্তে খুব ভালবাস –আচ্ছ, কাল জামি তোমাকে অনেক কুল পেড়ে দেৰ।” cशद्वब्र िशाष। ८मांजाहेब्बा बजिल-“बांनिहे छ !” তারপর পাণ্ট প্রশ্ন করিল—“জার তোমার বুৰি আমায় দেখতে খুব ভাল লাগে ?—আচ্ছা, কাল থেকে জামি অনেকক্ষণ ধরে তোমার জানলার সামূনে বেড়াৰ।” यामि च२ांक झहेब्बl cगंणांघ ।। ७भन्न कि यtन धान ७क विब्रख् इहेणांश । ऐशांब्र कि किङ्करउहे या कांद्र ना ? ছোড়দি বলিল, “সত্যি বলছি ভাই —শুধু ও কেন, আমারও ইচ্ছে করে অনেকক্ষণ ধরে তোমায় দেখি । তোমায় দেখলেই জানন্দ হয়।” ८ण अ कूशिष्ठ कब्रिज । उॉग्नन्द्र ह*ां९ चाथाब्र निद्रक চাহিয়া বলিল, “এই বুঝি তোমার বই খোজ হচ্চে ? কাল না তোমার জিওমেটির পরীক্ষা আছে ?” कि क्लफ़ उठांशद्र रूषांखला ! चांमि अडास चांझ्ङ इहेलांध । डांक्लांडांख्नि छैठेंब जांषांख्न घtग्न छजिष्ट्रां बांजिलांभ । ঘরে জালিয়া জ্যামিভিধান খুলিলাম। কিন্তু তাহার बूखसणा बिरकॉ१ वणिब्रl cदांष इहेन ; ७बर नब्रन ८ब्रथाखणां७ अङिलब बक cटैकिल । इङब्रां९ बहेंषांना चाटुख चां८ख भूक्लिद्र ब्रांषिजांघ । कि झालीषा ७हे ८बहब}ि ! ७ठकन डांशब्र नटन्न কাটাইয়৷ আসিলাম, কিন্তু তাহার রহস্যের কোনো অন্ত পাইলাম না। সে বিদ্যুৎ রেপার মত দীপ্ত, মনোহর । चषछ कछ बछ यछ७ जांघांउहे ना ठांशांब्र भाषा फेशाछ