পাতা:সাহিত্য পরিষৎ পত্রিকা (দশম ভাগ).pdf/২৫৬

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SNOY बांद्व 'cगांव्र फ़क्षांपैौ' कांद्र (:*षां९* আলাওলের রচনা | কথা প্রসঙ্গে তিনি ५९ 'अभि5शब्र' शब्री सूफ़िया तिमाएछन । अवध भाभषाएभ किकू श्रांर्थक अछि । BLDB BLLYYS SSDBDS DDS BDL DD SuuBBDDESBBDBB DKD नाम 'ऐt° 6ा' नांथिनांछ्न्न ।। ७ङछ्ङtब्रव्र ቕqi የተማ5fWiçማfbj ! २०१ । शृंत्रांद्र डिलक्ष्द्र अरुबांति । এই পাণ্ডুলিপিটি বােধ হয় কোন মুদ্রিত গ্রন্থের প্রতিলিপি । কারণ, আবরণ-পত্রে লিখিত আছে-“শ্ৰীযুক্ত কবি কালিদাস কর্তৃক न९छुड ब्रा5न-चार्थ कविडl l उन्मत्थ) यां-ि রস পক্ষ যে অর্থ যথার্থরূপে গৌড়ীয় সাধু ভাষায় সুপ্ৰকাশপূর্বক ভবানীপুর “বৃত্তান্তBDS S sBD DDDBD DBBDS S BD DDD ५२8७ जाल उां९ २८ अॉय१।” शूछे ज९५|| ४० ; झूछे लिए cलथ। (अब अItछ किन, DDB B DDDSS S DBDSYYS S S 0 SKLES SBDD DL DDDSS বৈদ্যাক গ্ৰন্থ । देहांठ कविब्रांची, भूछेषांश ७ ‘भक्षा' भद्धभड लेसक्ष लिथिड अछि । अंश्थानि श्गङ ििक९गांव्र ‘एका शूर भूगारांन श्हेऊ अicद्ध । ७क 6नांtiद्र ७18 ब्रकgभद्र &सgशन DBDDDS S LL S BDS BBD S BDDD cवांक्ष श्, श्रौब्रा-५ान cभाश्नादांनी ५/टेब|- नांथ ठाकूव्र ! गन •२२७ तांत्रालांद्र हरछलि।ि अब ज१थ]| २e, श् oिtर्ट cठाथ । निष्म ५ कf cनicशन वैष५ ७ बायश्। लिविझा जियांय। SRoy সাহিত্য-পরিষৎ-পত্রিকা । कारिद्विखु १] ७ ८ खमांश्ङछेद्म 6न्ना ख्॥ १ांछा नांभछेgल डहां ब्र ४७१ - (१ांव्ग:ब्रिb कां झूठा। লোম্বুর রস भू5 लाbा७ल S y S. क्रि शद्रिय़| -- s

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২০০৯। বালক নামা । qरें q(इन्न गदिाअष ठूडाख् भश्नभननि९छ হইতে প্ৰকাশিত ‘আরতি’র দ্বিতীয় বর্ষের প্ৰথম সংখ্যায় সুপরিচিত শ্ৰীযুক্ত বাবু রসিক Y DDBD DDB gDDB DBYYS ‘शश्थानिन नाभ पालक नाभ | थ८१ठ DD DBBDDSS SBsSDDDDS SDBBDD KS বলম্বী হিন্দু বলিয়া বোধ হয়। * * * পৃথিथानिद्र डागांग्र डैशन भूल थांौनड। अश्मान BD DDBD KLL S S DDK DDDD DDD উপর আরবী পারসীর খুব প্রভাব ছিল, সেই नशम्र ( भूलाभांन्म व्राख्ञ८ ) &श्छ्थंॉनि व्र5िङ) श्शेब्रछिन, दगिझा cबांध छ् । &इक्ष नांभकद्र१ ७९९ ऊांषांद्र छांद्री श्रांद्रगी क्षिणी তাহাদিগকে প্ৰাণ্ডাক্ত অনুমানে পথে লইয়া या।”