পাতা:কবিরঞ্জন রামপ্রসাদ সেনের গ্রন্থাবলী.djvu/১২

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b” कक्ङ्गिश्चन ब्रां★♚यंजॉन cनह्नग्न अइॉक्नौ । cजt*कानि शैौश! किद! एक ऋ७ चाब-श्दा बिरुखश् छूनिकच्न छषा । =ीश्ब्दश्iि बiजुन? भाक बाथ दाचा एनी दिका बद कङ्ग कञ्च को ? भोरह छtब झांgह चै थयtकtछ बाल्ने काँहै t*ाwाँइच् छे°{ftङ्ग जथाँब ।। चिoह ज्ञाई बारह डाण ८कfथरड गाँच९ कईज्ञ षiिtण१७ झश्रृश' ंगतःि ॥ साइबूररु बूहरू cझना शूरश्च *रुं श्क्ा csंश्ाः जस्तान मक्काई छान झाएन । পৰম্পৰ ছিদ্র চাষ । tष वttइ *tब्रtt* लाइ है कश्छि! *क} rsi¥ झit* * কোটি কোটি তীক্ষণs ८१ *? fदएक 4कtवांश्च बाइबैरिच tरूइ अन्tश् क्लैः । दरए पिछ महिएर जtङ्क सक्ला कब्रट्नी ब्रस्त रङ्ग ८कादएक शॉन कूक इक्रे । সপ্ত গল্প কৰে কৰে * कfके श्वश्व ह श्रद कछ $"हे कछ छथ९कtछ ? कानिकाइ भू प्रदै • भूदी विचकई ऋ* श्*च भूणिनः बाक्षि षषि ॥ कछ दछ श्रृंनीरक्च fक कविस प्रfकथव भोक्राइड नक्की ८श्न दानि ! কাঙ্গী-পাদপদ্মস্থলে बैंक विद्यबब दtज शब्’oछ् श् ि११छ्if५ ॥ बांखांब्ररु-fन ! झांड जftनं cबtर्थ कfक् इfअ** बjश्चfक : विtत्रकै ८वथाईंौ*वरण झाबारह शाथांब 1 • गििव प्राकाबै कच्चड क्ण 'श्। बकि बूस्टन दबाण चाडिइ नौश मारे । वबाच् ब५षण नहे कृषगांश् चानां । খুটাগল্প চাফাইল দেখিতে জানালা ॥ भालकरें मनाप्ने क्लिकन जब्रवच ॥ चाश् चाँब्र कछ कब थांबैौ* *श्च ॥

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cझौरर्घाका अबार्इ बोछि कूलिञ्चारक्क छात्र । সকে পোষাক্ত পৰ খঙ্গৰ ক্ষঙ্গি । खकङ्गचtबख ८क'ीछेो विदाखिछ छोरञ ॥ भू*श्कि अकाच क्वड केषाकरण ॥ श्रदानैौ* भक छड कई अििद बाञ ? क:छ अनूi:म छtड़ काँश्च #fाँ* *****ञ्च ॥ इझे नीtथ twौशि काटक झitरकै cभाजाश् । मश्रकाश cजॉरक श ॐ रूfदेrह ¢*अॉम ॥ अttभ छड़? जछfद नकf sथा काँच । दt:ड झाथी बं★कक छ*** दिवt* है ! השאה בזנזי שtא אזוזרי: sושזיף १बरक $शtक कई बड़ी बांश की अ ॥ न*tड ८मादक द्रक वाच्च माझीकृत ॥ क्रूथ है कfखनन करव शक f**** ? •ाtह कारक बूकाणको बाश्ाइदि दक । প্রদাৰে এষা কও কাল্ট ৰুপাৰষ্ট । श्रादि कुद कोमशन कामैौभूश्च झहैं ।

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সরোবরৱর্ণন ।

  • दस्tश्व gगtथं कfद fोक्? अtखाँवस्त । খইকে নিধিৰ ঘট পাৰস্বৰৰ । ोक्षकक छख्4 बिदन्त नाथाश्ण ! वड न दछ नखान बच श्रनिकुन । foक्षिण शृछबन ! *कनिक ! खेर६ भा१ त्रिष्टाüङ बच*ड ॥ श्tं **ीु *षि चश्शश्-*ौङ्गं ।
  • षक, w ८औभड ब्रॉन्य; डिाँदक नदम । कख थानांछद जtविठाद थइक६ ॥ बछ बचrहन cनले कि कश्रुि कदी । अककरण भूर्डिवस हा कडू क्षl ॥ भfक छिछ विद्धि छनई डरब झरन् । भरपूंक अभिर्मोग्लच्चांश्च झछ हिमानtथ ? भं *e fं0ीच्यः श्नःश्व खश् ।