পাতা:অক্ষয়কুমার বড়াল গ্রন্থাবলী.djvu/২১৬

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चक्रग्नकूबांब्र वफ़ांन-4शंषणौ هيلما नाहेर। चशिरशबौद्र cरवदू७ ७हे दिसूद गांशtश चांबांद्र {{ जनिक फेषैिरव। थे उम-अंद१शद्र इहेबां उन, कवि अंब्थक्षनि कबिबा यजिष्ठtइम, 'এই মায়া মোহ ক্লেশ এইখানে হো শেষ, फूर्षि cरन चांद्र७कौ ७कौ कब्रि', छांश्-छूनांर७ पब्रि' ক'রো না বিচার।” कणिकांक),; ঐ পাঁচকড়ি বন্ধ্যোপাধ্যায় s७हे चांश्नि, s७२० गांण