পাতা:অনাথবন্ধু.pdf/৩২৪

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eھ• पहिले ही कह चुका है कि ‘अनाथबन्धु" की आय आश्रम सम्बन्ध में ही व्यय होगी अस्तु जिनलोगों की दूका इस आश्रम को सहायता पहुंचाना है वे इस अवसर पर देर नकरें। बे जितगौ जल्दी सहायता प्रदान करेंगे उतगौही जख्यादी कार्य पहीगा । 卓,以 “अन्नपूर्णा आश्वम” के लिये हमने श्रीवैद्यनाथ धाम के पास एक स्थान निधित किया LS DDDS LD DBDD DDD YS DBBD BBB Y DS हमारे सहायक बन्धुगण उसको पसन्द करेंगे। अब विखभाव न कर इस सुअवसर की अपने हाथ से जाने न देकर कार्यक्षेत्र में अवतीर्थ हो सुतकण्ठ से अनाथवन्धु की पुकारते हुए अन्नपूर्ण आश्रम खापित करने में सहायता दें। सर्वसाधारण से १०) वार्षिक सूख्य इस मासिक पत्रिका के लिये लिया जायगा। जिन महानुभवों का इस पचिका मे चित्र तथा औवनचरिच प्रकाशित किया जायगा उनसे ५००) खिवा जायगा। अधिक देना उनके दया पर निर्भर है। राजा महाराजाबों का जीवन चरित्र अग्रेजी मे प्रकाशित होगा वह ३००) कस्ये मे मिलेगा, २५०) अग्रिम भेजने वालों को ५०) का किफायत होगा। ’ झुझे आशा है, आप मेरे अनुरोधों को खीकार करते हुए मुझे अन्नपूर्ण आश्रम स्थापित करने में निर्मल चित्त मे सहायता प्रदान करेगें। st विशेष स्.बिधा । विद्याखिय वैी छात्र, धर्मसभा, एर्व जनसाधारण के उपकारार्थ जो लाईब्ररो हैं वे सब इस 'अनाथबन्धु” को आधे दाम में पावेंगे। इसमे हिन्दी केलेख भी निकला करेगी। विनीत :- " श्रीकालोग्रसन्त्र सुखोपाध्याय eta