পাতা:কাদম্বরী (হরিদাস সিদ্ধান্তবাগীশ).pdf/৬৫৬

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कधीया कादम्वय्र्याच्चन्द्रापीडदर्शनप्रकार । «ጳዩ तत्र च विरलपरिजना स व लशशिमण्डलपाण्ड रेणातपत्रण हैमदण्डन निवायै माणातपा, चतुभिबालव्यजनँख फेनशुचिभिरुउ यमार्ने रुपवोज्यमाना, शिरसि कुसुमगन्धलुब्धेन भ्रमता भ्रमरकुलेन दिवापि नोलावगुण्ठनेनेव (१) चन्द्रापौडाभि सरणवेशाभ्यासमिव कुव ती (२) मुडुखामरशिखा समासज्य, सुहुन्छ्त्रदण्ड़मवलम्बय, मुडुस्तमालिकास्कन्ध करी विन्यरय, मुडुर्मदलेखा परिष्वज्य, (३) सुइ परिजनान्तरितसकलदेहा नेत्रत्रिभागैण, (8) मुहुरावलितत्रिबलोवलया परिष्ठत्थ, मुडु प्रतीहारोवेत्रलताशिखरे कपोल निधाय मुडुनि खलकरविष्टतामधरपल्लवे वाटिका विनिवेश्य, (५) मुडुरुद्गोर्णोत्पल () प्रहार पलायमा- परिजनानुसरण दन्त-कतिपयपदा विहस्य, त विलोकयन्तो तैन च विलोक्यमाना, महान्तमपि (भ) तत्र त । विरना अख्या परिजना यस्या सा । कलाभि सहैति सकल र्षोडश्कलापरिपूण तन् मणिमण्डल तइत् पाण्ड रेण। भत्र लुप्तीपमालद्धार । हेखा दण्डी यस्य तन तादृशन भातपर्वण ढर्वण निवार्यमाण आतपी यस्या सा । उड्यमान परिचारिकामिरान्दाख्धमान फनवत् प्रच:ि शुभ्रे । अमा'प जुम्लीपमा । बाल यजनयामर ! कुसुमगन्धलुब्ध न सता शिरसि भ्रमता अतएव नौला०गुणनेनेव समरबु नेत्यन्व” । भत्र श्रौतोपमालङ्गार । चन्द्रापौडस्य भमिसरणवशाभ्यास कुव तैौ परेषां दश नभिया तत्र नौलावगुण्ठन स्यावश्यकत्वादिति भाव । भत्र क्रिधीत्म चालद्धार । चाभरश् िखां ब लब्यजनाग् देश्य समासज्य भवलम्ब1 ।। परिजनेन भन्तरितस्तिरी॥इत सकली दही घस्या सा तादृशी सर्सौ नेत्रस्य विभागेण एष कोणन विलोकयन्तौति परैणान्वय । भालखित परिवतनवेलायां वसनापसरणनाविष्क त त्रिवखौवलयम् उदरीप ररथबलिवयमशरल यया ارایه তাহাব ফিরিয়া আসিবার পথ দেখিবার ভাণ বরিয়া সেই গবাক্ষদ্বার পবিত্যাগপূর্বক BBBBBBB BBBB BBB BBBS BBSK BBBB SBS BBBBSB BBBBB সঙ্গে অল্পষ্ট পরিজন ছিল ষোড় কলায় পবিপূর্ণ চন্দ্রমণ্ডলের ন্যায় শুভ্রংৰ্ণ এব স্বর্ণদণ্ডস যুক্ত BB BBBB BBBB BBBBS BSBB BBB BBBB BBBBB BBBB BBBBS সমুদ্রফে নর ন্যায়ু ধবলবৰ্ণ চবিটী চামৰ অন্দোলন করিয়া তাহাকে বাতাস করিতেছিল নীলবর্ণ অবগুণ্ঠনের ন্যা কতকগুলি ভ্রমণ পুষ্পের সৌরভ লাভে বাদম্বরীর মস্তকের উপরে ভ্রমণ কবিতেছিল , তাহাতে তিনি যেন চন্দ্রপীড়ের প্রতি অভিসারে য বার বেশ শিক্ষা BBBBBBSBB BBBB BBDD BBSBBB BBBB BBBS BBB BBB BBSBB ছত্ৰদণ্ড গ্রহণ করিয়া বাব বার তমালি কবি স্কন্ধ হস্তযুগল স স্থাপন কবিয়া বায় বার মদলেখাকে আলিঙ্গন করিয়ু বাং\বার কোন পরিচারিকার দেহের অস্তুরালে থাকিয়! BBBB BB BBBB BBSBB BBB BB Y D DDBBB BBB BBD BBBS বাববার প্রতীহাবীর েত্রযুষ্টির উপরে গণ্ড দশ স্থাপন করিয়া বারংবার নিশ্চল হস্তে গ্র ৭ পূর্বক তাম্বুলবীটিকা (পানের বীড়ি) পল্লবে বিস্তুস্ত বরিয়া ব কর্ণ হইতে একটা উৎপল (१) नैौलावगुण्ठनेव । (२) वषाभ्यस्यन्तौ बशाभ्यास कुष शैौ क्लासशिखर इव गौरौ इत्यपि क्वचिदधिक पाठ । (३) सखी प्ररिष्वज्य । (४) नेत्रत्रिभागेणावलोक्य । (५) निवग्झ । (६) उदूषण कर्णोत्पख ।