পাতা:কাদম্বরী (হরিদাস সিদ্ধান্তবাগীশ).pdf/৭৩৭

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°榜锣 काइब्बरी पूब भाग चरणाङ्गुष्ठकेन, (घ) असम्यक्क त रसायनानीताकाखज्वरे", (ङ) जरां गतेषापि दक्षिणापथाधिराज्यवरप्राथना वादथित दुर्गण, (च) दु शिक्षित-व्रमणादिष्ट-(१) तिलकाबडबिभवप्रत्यागेन (छ) हरित पत्र रसाङ्गार मसो-(२) मलिन-शब्बक वाहिना, (ज) पट्टिका लिखित दुर्गास्तोत्रण, (भी) धम रक्तालप्ताकाचर-ताखपत्र कुहक तन्त्र मन्त्र पुस्तिका-सग्राष्ट्रिणा, (अ) जोण पाशुपतोपदेश-(२) लिखितमहाकालमतेन, (ट) आविभूत निधि वाद व्याधिना, (ठ) सञ्चात धातुवाद بیماری ہم برہم. .یہم۔ (ख) बश्चत्यगिति । षसम्यव झतेन षश्चद्यविधिचितज रवीचलेश् छरीब्याक्षिनिध्व भिभ६अ वaझेण चाभौति षङ्विरी कैलं तैल । यज्ञरIब्याधिविध्व खि भेषज तद्रवाश्च• नििति वर्क्ष । (च) जरामिति । जरां गतनापि नितान्तद्वद्ध नापि सता दघिणापथस्य दाचिणात्यदेशस्य यदधिराज्य तस्य वरप्राथ नया कदथि ता विरतौछाता दुर्गा चण्ड़िका येन तेन । (ङ) दुरिति । दु शिविर्तन कुभिचाप्राप्त न श्रमणन केनचित् सम्यासिविणषेण भादिष्ट तिलकै भ बच्चा क्कता षिमबप्रत्याझा धनसन्धदाकाङ्घा येन तन । (ञ्ज) इरितेति । इरितपत्ररसैन इरिइण पण निर्यासैन युज्ञा या भङ्गारमसौ तया मजिन शब्ब का बहुतौति तेन शूक्व कमयमसौपात्रधारिणेत्थथ । (भी) पट्टिकेति । पट्टिकायां काष्ठफलके लिखित दुर्गातात्र शून तेन । (अ) ध्रुक्षेति । धुमेन रक्तानि रञ्चितानि अलक्तकाथराथि अलताकलिखितवर्षा येषु खाढशखालपत्र र्या कुइकाय इन्द्रजालाय तन्त्रमकाणा पुक्षिका त संग्टझातौति तेन । (ट) जौण ति । जीर्णाँ हर्डी य पाद्मपत झवस्तस्य उपदेशेन लिखित महाकाखमत वैन तेन । (ठ) श्राविरिति । भाविभू ती निधिवाद अनेनानुष्ठानेन निधिल भ्यत इति धनमाण्ड़वाद इव व्याधिय स्य तेल ! میه میبا-مست. BBBB BBB BBB BBB ttDD BB BBB BB BBB DDDDDS S DDD ভাবে রসায়ন সেবন করায় অকালে জর আনয়ন করিয়াছিল। (চ) প্রাচীন হইলেও দাক্ষিণাত্যদেশের রাজত্বের বর প্রার্থণা করায় দুর্গাদেবীকে বিরক্ত করিতেছিল। (ছ) কুশিক্ষায় শিক্ষিত কোন সন্ন্যাসীর আদে ো তিলক ধারণ করিয়া তাহতেই ধনসম্পত্তি । প্রত্যাশা করিতেছিল । (জ) হরিদ্বর্ণ পাতার রস ও অঙ্গারের কালী এই উভয়ে মশিনবর্ণ একটা ঝিনুক লইয়া চলিত। (ঝ) একখান কাঠফলকে দুর্গার স্তব লিখিয়া রাখিয়াছিল। (এ) ইন্দ্রজালের জন্ত একখানা তাক্সিকমন্ত্রের পুস্তক স গ্রহ করিধাছিল, তাহার তালপাত। গুলিতে অলতার রস দিয়া অক্ষর লেখা ছিল তাহ আবার ধুমে রঞ্জিত করিয়াছিল। কোন প্রাচীন শৈবের উপদেশে মহাকালের মত লিখিয়া রাখিয়ছিল । (ঠ) “এই অনুষ্ঠান कब्रिtण नि१ि (थएनब्र मोठी) गांउ कद्रा सांब* ७रे जाउँीय थबामक्र° बाथि उाशंब्र क्षनtब्र আবিষ্কৃত হইয়াছিল। (ড) “এই কাৰ্য্য করলে লোহা সোণ হয় এই গ্ৰবাদমূলক তাহার (१) श्रवणादिष्ट । (९) मधैौ । (१) जौण मछापाशुपतीपर्दश ।