পাতা:কাদম্বরী (হরিদাস সিদ্ধান্তবাগীশ).pdf/৭৪১

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©ህና कादब्बरो पूवभाग माङ्गन, (ख) प्रसक्कदुत्सत्र देवमाढ ग्टह वास्मृच् नख (१) जजरित कपोलेन, (ग) सर्वदा वसन्तक्रोडिना जनैनीत्चिप्त खण्ड खटुरोपित द्वच्दासी विवाइ-प्राप्तविड़म्बनेन, (घ) अनेकायतन प्रतिशयित निष्फलोत्थानेन, (ड) दौ ख्रित्यमपि (२) विविध व्याधि परिद्वत खकुट भ्बमिर्वोइहता, (च) मूर्ख तामपि बडुव्यसनानुगता प्रसूतानेकापत्यामिव दशयता, (क) क्रोधमप्यनेकदण्डघात (३) निमितबडुगात्रगण्ड़क (४) फलितमिव प्रकाशयता, (ज) क्लशमपि सर्वावयवज्वलित MMA AM MMAM MMAS AMMAM MAAAS ------- ~~ (ख) प्रतश इति। गतश बीफलतरी शिखरादुपरिदैणात् थुत्था पतनेन चथि तम् उतनाच्न लक्षक धश्च तेन् ि। (ग) असल्लदिति । यसक्कत् उत्सम्रदैवमाढग्दछैषु भग्नब्रान्त्रीप्रस्वतिग्ल्याईपु वसनौति तथीज्ञा वै ऋच्च भलको खषां नखनखाघातै जज रित चतविचतौछात कपोली गरुड़ी यस्य तेन । (घ) सव देति । सव दा वसन्तकौड़िना वसन्तीत्सवकारिणा जनेन उत्चप्तायाम् उत्तीखितायां स्वरुाथ भग्नायो खट याम् आरोपिता या ब्लड्दासी तथा विवाईन प्राप्त विड़श्वन कदथना येन तैन । (ङ) भनेकैति । अनेकेतु आयतनेपु दैवताखानेपु यानि प्रतिशयितानि प्रागुतालचणानि प्रतिश्यनानि तैयी निष्फलमुल्यान यस् तेन । (च) दो खित्यमिति । विविधव्याधिभि प रहतम् दुःखितख भावी दौ खित्य तदपि दुर्गतिमपि खडट्* मिव निशपरिजनमिव उषरता दृषता । अत्र शाबुल् चालरार तन च द्वौ चित्यम्बाधौनt वाताय व्यज्यत इत्यखद्धारेण वस्तुध्वनि । (द) मूख तामिति । बझुभिब्य सनभद्मपानाद्मासनििभिरतुगता अनुस्रता ताम् मूख तामपि प्रसूतानि अनेकनि थपत्यानि यया तामिव दशयता श्राचारेण प्रकटयता व्यसनानामवापत्यरूपत्वादिति भाव । अत्रालेकापत्य प्रसवीत्मघणात् क्रियीत्यघालदार । (ज) क्रोधमिति । अनेक द एड़ाधात रपक्वतजनक कलगुड़प्रहारीनि माता बहवो गात्रगण्डूका शरीरव्रया দ শন করিয়াছিল। (খ) শ্ৰীফলবুক্ষের উপর হষ্টতে পতিত হওয়ায় শতবার তাহার মস্তক চূৰ্ণ হইয়াছিল। (গ) ব্রাহ্মীপ্রভৃতি দেবমাতৃগণের ভগ্নগৃহস্থিত অম্বুকগণ নখের আঘাতে বারংবার তাহার গণ্ডদেশ জর্জরিত করিয়াছিল। (ঘ) বসন্তোৎসবে মত্ত নাগরিক গণ একখান ভগ্ন থট উত্তোলন করিয় তাহতে একটা বুদ্ধ দাসীকে বসায় তাহার সহিত বিবাহ দেওয়ায় সে সৰ্ব্বদ বিড়ম্বন পাইত। (ঙ) সে অনেক দেবতার চুয়ারে হত্যা দিয়া, আবার নিষ্ফলভাবেই উঠিয়ছিল। (চ) নানাবিধ রোগে পরিবেষ্টিত দুৰ্গতিকেও সে নিজ পিন্ধিজনের স্থায় বহন করিতেছিল। (ছ) সে, ষে মূর্খতা প্রকাশ করিতেছিল তাহার পছনে পিছনে ছপা প্রভৃত্তির আসক্তি চলিতে থাকায় যে ই মুখত যেন অনেক স্থান BBB BBBBB BS BBB uD BBB DDD BBB BBB BDDDttS BBBS নিজের ক্রোধটাকেও যেন সে, ফলবানের স্থায় লোকসমাজে ব্যক্ত করিতেছিল। (ঝ) (१) वासि ऋचनख । (९) दौखित्यमपि । (३) अभिघात । (४) যক্ষ,দ্ধ ।