পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৩২৭

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δίνο थरागै-श, ४४ [२s१छ,y १७ (गंलामा अछार गरे। रुझारु ि(शौरे বায়োরোগও আছে, যুদ্ধা বামা ব্যাণ্ডের আণ্ডান্ত্রে কান তা রে, মারি মারি বৈদ্যুতিক আরো গণিকের চোখ বলসিয়া যায়। रेशा जै,श छात्र (शान शिला 6१ ধাই গাড় না। না আছে যাইবো না আছে }रशश्रुि षान, न षट्स नाक ; रुग्न रङ्ग राष्ट्र शश। (शशत्र राशैक्षनि श रग्नि शप्त गांशन पर स्ऊि १कि इन इ लाशाशे দিছিল, তারপর আর কিছু কা গ্রয়োজন মান করে जॉरे। शं एम९ ७ हरेः स्कूि ठेकांफ़ा रु: न, रुक्षू झ (शिठ (श्नई श्छेत्, उांशाख् उशंद्र शि মাগমের কোনো হানি হুইবে না। ীেক্ষাবোং৪ छाइ फूि अंदन लि ग, श्री १िमि {ाक्षांज़ gरः निर्भ द्रष-क्षनाग उiशं; कुछूत স্থিাৎপীড়াড়ি না। স্বয়া কোন বা ছোটদের মড়লোকের ক্ষে যে ধা লাইডে গারন বাট, কিন্তু তাত কি? বা আীিয়া! তাদের আমাকর (फ़ा था; एांशन (रुनै uरः राष्ट्र ग़रींtभंक रुश। शाउफ्ना उर्श शै"ि ऐंस्। भङ्ग। रश्तांत श्रेग, (१शांशैश्न थ१५ ऊाप्नौश, उ१म श्रेष्ठ (ग ५१|ान আছে। বাউণ্ডাল গুনে ভাড়াটা বলি, তার शुद्ग छप्लषां★ रांप्लाः नरे, 8ि वछ शासनिर छाष्ट्र शुशप्ले राष्ट्सि ग्निाइ। रशश्रुि षांश (ग धीशाः न, शाकारे भागः (*ः .ि१,ि 'रॉतः। ধিলও ডাঃার আসে না। ছ প্যার কেরদিন তেল ििनशि एांशं नि ििौा १ाप्। लिङ्ग-लिङ्गं ब्रांशः ऐशांश् शंशानांहे। शंगि रे (रल छांछति। भूगैशt"ार6 शिफ़, शश कांब gरों मृशश रुशिाह बछ। भtशी गलांग (रन फ़्गरिशै रग्निष्ट राशि श,(रल रांता थांबाव गर झून एतःि रिङ्गैर्हैव शी, एीशं १ा गीतानि एशितः। षरगा। ५ ५ षष स्न न शक्नेशे, श छागस्0 ईशं गांशंश शा, रेशूढ़ राग १शेछ१॥ ५११स्टि १,ाग रिझा गान्न श ਗੈ। बशंदे १तिा शं। १छ्राथग्निरनै, अत:गरे शंग, झे जूझैौ वानरु भैरु इशिाह, रिश्नर कति श छन। देशातू १क क्रेि र? $ छ राशै। १eहसास राज़ाराष् िप्ररुश रारश् लिहूरे नरे। शाशैर झ (६ झांझ झ, ऎशा निवास उशरे १ः। ७श्न क् िउषाशै; इशनैशंकरे शोः (* १क़ौ वरश्रेष्ठारौ, (ग३ (शशांक ११58 एांशtाप्त (ग्नै गरे। (वशैतृी र अंग बांश, (स्र् रु-ि रुल९छर्शा स् ि(१न। शिी नृत्रौं वात শাস্বামাই তাদের সব দিনের গোক। शं उtप्रह वा रुउ रुि कतिा रण नख्। सांद्र ধংস আগে গ্ৰং মলে এই বাড়ীড়ে আদিহোটল (१,उ१५९ उशः dहे अक्ष (शाहे श्लि। घांक्षांछि বোধ হয় বা চল্লিশ হইতে পঞ্চাশের মাঝামাধি হইবে। শরীর ইদানী কিছু ভারি ইয়া পড়িা, শালী বৃদ্ধ ম গোয়ের পাশে ডায়াকে রীতিমন্ত মোটাই দেখা * हूि शन, ठू"5#; grत्रांfाहे षष्ठर, श्ञR মৃতীকালে দে, পূরাপুরি ডক্ট কাই তাকে দেখা। प्रागै (श्वाव ठरनिशैक्शः क्व ( (यूनरिक्षाए। এ পর্যন্ত বাড়া কে বোলানি তার যার গালি सी गरे, Jरु अझण (रुरु (कनमि छाशात ताप्ले गरॆष् १t; ना । त्रिषु *ति रिाः (ंle (न (कानामि रुद्गम। dरेष्ठछ अंशं*(शंौज़ शंशैः षडति (लीनानि श्; न!। षष्ठ९o श्रेउ ऐी, श्राह धर ििर्ग रि दूफ़ौ शनिन। शए ५को शरे शूना, ५क्रांत fাড়াই পড়িল। মিতি পেয়েৰ এক ট্রা ৷ি ऍशे लि। शशूरा रशिक्षप्लेरे गरे धृत डिज़ा जिल। भू१ हे राहि हेः षष् ि। (गीता रग्,ि “चाक्ष घर (रकार न, भौकौी उॉन (नहे; ब्राह्म जन का पूझ नि' श अंन् नि, “सा, एंग्लग्ने पू। त्। िराग, যায়নি বলকটাৰি এৱৈয়েতো গায়ন" গো গান গৰাখা দি টাঙ্গ