পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৪১৭

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

WNo প্রাণী-আম্বা, Y0% [२s* शं, ♛ १९ गिारा क्ला रुगिन्। शब्द झोछ प्रिी घर्षी९ शंशांरगै, गांशरा शेख् गौण्छा, शुक्ला? झोस् घनिा ७ अक्षर (या श्रेष्ठ शुत्। रुगिन। एतां प्ठकाठि निल गां निशि तिल-५१न रैक्षत्र'ऐज़र गिग्नरु, १ि ॐ ऐणार नारा éां) का। छाउनीशांt) (तष्ठांशब्द रिव ७ bाशा १iांकtाशीन श्रेशहग। एशाउाछात श्लैिकारिीा तिष्ठ नििश। ए१नऎव नःि। तव #श्रुति:ान७त एांिि|ंशं निी।'ंशति बर्षः कनिन। देशं श्रेष्ठ हेखक्षावारणारा गांश श्रेग-सर्षां★गर। छाउन नाना श्रेशनिं नाशञिान ऐश् १ीक्षा। िषतःि क्षतःि प्ठकार इति रुगिजा, सूर्ण गि१९% ?उौ श्रेश सििल्ल, श्tारशं★१ श्रृंब (*र श्रेझ्। ५५न (कां नात् धर्ध्निौठ श्रीर घांछ क्रुम। उक्षां, षांश* यांन (*१ॐ उषां स्निास "वाए-श्:"षऔिषु श। षष्ञिा (शि (रिष्ठांश भूर नै इं★। भशप्तत् िए११dं नरैरुतः षछिन्नना । ठुङ्ग ऐंशंरु (हेर छक्क शैफ्नानै िरुगिन। षण्णंए गए हरैन द्वष शिj गरे। ऊषात् ¢षऊ श्ए षांनं रुनिन। शिशंगा १#उन *हितः “ग्भूिता'्ररु षष्ठिनः श्रॆण। निर घश्मि (ििवंश गज़हे झोला ,ढि गिरु शूछा शिन। उरे प्रशंग्र रगिगन ‘शुकां★१शृर्ताहरु षा|१ध्न थशांविठः। dग्नििर्थग्नकाः'श्निां★ शब्दाग्नि !' -নাটা ॥১ छू ( भूतिि' अशा रग्निाइ एांश अंग्रे श्रेश:इ। देशं गठि झूठा छूनि नि षष्मिा एारेलैिरशनिरेि। ताि स्त्रीषनिीाशात् शूशन भा-शंका ि(शरेष्ठ रगिगन। उ१न प्रशंसार ए{निशितिा ग्रिगन “शाशशशांशिक अष्टांs tत।" ינוי שוויוןד शारा षांशत्र ७१ अग्नर जाए (शरे लिन। श्चा' नि १ीक्षां रीिता प्राप्ता गतःि। नांशहरेंग-छांक्ष। हेशंत १ डीए (राणांस शर्श नाdतां★ कख्नि; यां★ (र, शिांक्ष 8 षणानां★ बांग्रैरुन षष्ठिनः कउिन्न। कश्नं: ऍशंद्र घठिनष्ठांज़ (तर्भ ङ्गौ हंतः। ऎ'तन ५ां निवारे नाोस् प्रान स्रक्रिाउ लांगिन। uकञि ऍशंज़ uरुशंनेि प्रांत ब्रन क्लन; (गरे नामैक् शशिात ऎ** शाशहे संक१रु। क्षति (गिरे गिरु षष्टिा (श्।ि অপমানিত বোধ করেন এবং শতাংখ্যক অভিনেতাरुि प्रशिक्षांउ रुच्न– शांत्विारशांश्शबफ़शस्तिाग्निः। एवीा'ि ष्ठाद्धी: कृचीनं नां महि॥ ឆែ្ក ीिछाष्ट्रि()उःोाशीस।ि -नानीइ ७sजः एांशस् ऎशाष्ठि७भूतार्थश इं★। ए{ प्रज्ऎवातःि (कारं गतः १िति्तः निक्षिऑर्शन रुइन। १तिः क्लेशं★र* श्धष्ठिशांtशब्द প্রধাণ প্রত্যা করেন। অগ্রগকিছুকাল গারন १र्ग वा सूतन। श्ां ििन नागैति षष्ठिना नि रुश्छिद्रप्ररु ऍशंत प्लांक्षांशैौरु बांकञिा कश्रिांत झ षङ्गनीं सन। घ्नस् १अंतःि प्ठरंप्रित। भूश्रौिउ बहुश घाँझ रुस् िचाँा (न। ¢स्त्रज् छाउथून शर्टींद्रमौ;ि गश्रुि एषा नांरुध्निा स्तन। ५ १ईीौुतः १ां ऐंशिता মৃস্থানঙিয়। এই সন্তানাং নিয়ে খাড়। গার अिन्त झल्झतिि। छाऊ नौकांश हरेए (१ गश्ए रिरह५ १अ १ीः एांशं हरेण् नॉी व नाप्नेक ऐरस् िगा (कांन तिो गिरःि सनिीस् १ीन शीता न। एरि नौी॥ १क्ष ििस् रु अंश %6 गाँस्७ गिषांग श्गि ७शरगिाछीन शं। षांन(ग १श घष्टिनाः (१शैशृक्ष गदिए छांश९ौस्।