পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৬৩৯

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बांग्लौह (रिज़ ঐপঞ্চানন দত্ত ( शब्शै। लैौिहि उशीर ग*{डून स्ति। ग्रेग-प्त (रशशे जा ििश शंग; गरेण इंग्लोषग्न िशशै। षझ शीख़ ! जाम् रानड रा-न शशैग, र अंग षष्ठर, इनि शंसर्गरेtr१ठ*स। अरिक्षांश श#ि शंनि गौि राम्ल-तप्रेम ছোলায়। আয়ুনো মেীরে। राज्ञङ राप्त-उस्ता शल्य (शा (मशं९ घो (क्षा"गर्लभै रहन-श, षश्न श। शशता है श। उ* शौ शङ हा १स्ऽ इ, जॉन १ीश्वराश्र{लका । शाशैशं; शृङ्गिरु षडिझडां; रनगठ शान भार हण। 'छारु शंश श्रु आंहि गांश क्षेउ राि रुंग्रे गर्सौ रतिा ऐला-ईश, ि(सन्न राश्ञा (शा ?? (शनरु (ज़ tऽ१ि९ (iगाण, इंद्रशाग्नि १ि षि tशन स्नि रू স্থানে, আবার এক ধারানিয়ে যাচ্ছো! *रुि षड़िा ज़िशेtशन। সী মিল না বাল-ভূমি ছাড় ট্র रुद्राउ षषष्ठ रुश् रांझ। रक्लेश (नशं९ ऐशैन पैश्रुनशै। ग;ि शाउ &rशdह शंश नीति (शर्शी ७क गि नि-शष्ट बकं छेण शंक शिा श। इ ई शशि १ (शन शौश गिा (का। रुनग्निि१ सिगैः शशी पनि ११धांज्ञांशेरगिज-शिक दिशा छ३? यश्न घात थारु स्१ सि-१ '| (स शा (제 ईशांझेस् ईशांशेउभरि त्रि-ड़ि कां. गिक छाल (१ुझे। रिनऊ नििউনি দিনের কুটুম চলে আবেন। শান্তি চলিয়া গেল। झतिस् तिां निश्श्रे। राग-शाः স্বাণী, এডলে অমিষ খালি গোট থাকতে পারে? *ष् िराम्ल-त् िरु!ि १:ान शंकौ शश (१ न' इ'एिीता। षांशी ििर (तिन । ণে বা আফ্ৰিান্ত চানে"রে আগে আমাঃ ভাড় চাই।

  • ीहि लक्षं संश्लि न'-१ाशैनळी,१ांशः"नं অবস্থালে েবেশ জানে!

আন ও জ্বলে গো খালারপাশে বুধি শাংি বলে-খাবে এ। বা গোগ্রাম কটি ভাতৃ উদয়াং কলি। দ্বার এমনকিছু ছিল নামে, শান্তি ীিতে কাটা dर बनtाः। एर्8 उiः श्रॆ षङ्गिठ। ५ढ़ प्ले স্থল ঢকুচ ক৷ি গা ঢালি স্বামীকে বলি{तःि क्षीरीा गङ्गा ौि 5ति निि{११।। रज्ञरे रति-भाग र ग्लिश (१, षष्म 5ांना rि १|| বিষ্ময় শান্তি বলিন-দেৰি গে| আগের এখনঃ दूििन हनि शशेना क५न rि॥िdारे भूर्भ ফুলে পাবোলো! शृd ऐप्लेशे रनारे रगिग-४: आप्नौ (* ौड़] ( (छशांट्स फ्रांता-११; रुग़ल रुनि ? বড়ো? -(ग (ज पनि, ढ़िह थाशाह (१ $ गाः। ५न षीराः षषिाः (ल (तिर रािितम्। -6 घश् िशंििने। छांग कांगू tए रा?? श्५ख्न शार्पुना, नरेन बशि (स् चाँशुरु ?