পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৭৮৭

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

例外帆] १शंगांप्न כגו ु त्यो । क्ति शान्तरतिस्ता gरक्रित कांग्रेौश्रे! cार स् िकूज़राल श्रृंगा 例怀* e ग़रिौ शर्मिा दाक्रांत (श्न थांफ्नो श्रेdग। १ोगतः ।। ५्रो षुवं श्रे। गिग्,':रोगाः মোরগাত্রের স্বভাব কি বোন। আমার ছেলের চেয়ে ृङ्ग छाग {गिन गतः एोः पिता श्र।। {एांशाः षष्ठरि नििण 1 {नि (इण हेिर (उनि 呕阿 ীি গাশ মিলি লৈ। ডাঃ গলা বলি, "क्षी गतःि करे} {प्रृिगाः (शता ॥्र श्रुतःि। तार्,ि लिङ्घषांशं ऐ ए (शा, शि' रुशनिषां रुप् ब्राहुर! क्ष१शषणे षट्स शर' গ্রন্ডার মা বলিন, "আচ্ছ, স্বাক্স আর আদি (नि" ऎी गतििौ गां नि॥१ीतििष् षतःि (११ झो उल्लि। गरिौरन्,ि"षाञ्चषाश्म। ७ड़ का दार, ष१ि (रं १शुरु षाह शंशः (१छ षगरम 해" छइति श्रंशन ५स्रांत ज्ञान हरे छैन। श्षत(िलानां शाश्तः क्षत्ता रुं गिरि,एनं ५तीज्ञ त्रे। रेस् (शं१ श्, क्लि शांशैिं प्रश्न १श्नहे शरश्tशर्मिष्ठांछ १शंग न हरेण (क्ट्र एांशंद्र शिष्ठ १jज़ रुउि १६ न। श्छां५¢उमा १ ुश्रुछि शािरक्षेिशक्ष झि बाङ्ग কিছুই বলিউড়ে পারলেন না। সাীি দেওলের গা টঙান এবধানি কৃষ্ণের দিনি মিলি নি গা , षत रन्,ि "(शश शाए गिा (गिाश् छू३ि४ ধৰ্মরক্ষাবোরে " ऐंबूझना इन गरेः शामिषरांस् हरे रगि, "៩,f ត្" g गरिौ ऐष्ठा गि न। रेंचूना १शा नाएँ शप्ताशन श षगिशि, aांौि वृक्ष शाश् िि,"शांफ्नो ग्रे ऐँ क्, अिनिशशुरु দিতে পারবে না।" गरिशैरगिग,"षक १ १ीर, शन (संश्न যেন করছে।" . रेलू अठि ?:उ शश स् िप्राप्ति रगि, "ডাঙ্কারের কাছে একবার লোক গাব।" ীি দিবা ীে বলি দি, "া ফুরোলে ডাক্তাররি করবে।” हेश् छन् " रिातः (* रतिस्र तिष्ठति, "नाम् नििश् (शा (र ति; श् िि बा३१ातिीन घन्न िपृह नि, छारे झुनििशा ग्रू।' गरौिँ क्शं ऐल्ला शिन'। श्रज ब्लग फ्रांतिा ब्रॉक्षिाशेनूषा श्रेष्ठ राशि श्रेtन। छूण { एशन कक्ष घठार, हा शब्द कंठ राि शिशि। देनू शशाक शक्ति ,ि "अ स्रा शब्द अिस्त्रहरु अस् निी षम् िए " छृण १ ऎिौ (*ज। माता दीाशांता त्ि কোঢ়িাইছিল। দেীি বা দুটা আদি স্থিা বলি, "কেন গিীমা, ডাঙ্কারে এখনি छ्रृछ् १ार्गैश् (सन! भीतः क्षः षातःि दीप्ता নাকি? हेतू ,ि"धा छ (िि। अरु श्री (क्श বা বা তাই ভাবা ভাষা বীৰে । प्लेशन इत। ५क राशग कtश।' शा शज़श;ि शाः शा इी (jन। रेलू छौंप्लाज़ शब्द प्रिंश झांtष शत्रणि। ििर्म-क्रारं १: शाहून घरा रांछि श्रे घनि। रेलू सिह घ।ि शैज्ता गि, ौि, शाब छात् गङ्गoश्, गिराइ सूक्ष् भां िगि। शंस्रान्तर् ५९ Jग गि?