পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৮৬৭

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ម្ល៉េះ៕ শিবান্ধীর স্বাধীন রাজ্যস্থাপন

(৫) মোওবা । शस्तूर्श "ा गाiा(प्लान किी शि। हुिy४1• गांग ग्निगाह शश विशांशीघांतान #छ ताश्नि श्रेगन; १५ शtशन ििर्थौष्ठ षरित ९षाढ़ काशी ऐं १शजैइर्ण झकप्ति {ंनेि रiाना १५ा म्।ि कस्र: १ीवश् चॆ(ि* तिरनुत् शौिनिं *तः वाहितः। বাংলি দিন। ভাগ পূর্বদিল্লি উর্বর ও মশালী বোর প্রাণ আক্রম বারলেন। ५fा शाiाधम् शशगरे, रक्रे (राप्ता स्श्रे७हे थ्रिा सुग्न अलुउश्शिन। विशैघी शन शुष काशिं नाश्रु भूर गशिशौनक्ष श्रेष्ठ এবলৈ টানা নাম্বা স্থানা गरेका। कूििर िशशी रणा ९ "शः fা বোঝাই করি এবং শহরের মন্ত ধনী লোকে * िितः षाङ्ग वा मिौ नििक्ष। *िशिौ (रङ्गी, সন্তান্ত শার চলিলেন, এবং সেখানে স্বাধ ন नूतन। ग्रीरे तारा जा निराशर िित लि (,एाशं।। २९णा रणं जैशग्रु tो', ष६ि शाबाशैशक्षा ५ प्ली, कारि। মূল্যে উপযুক্ত যেন বা ডি গালি না। (राम राक्षाशै श्ा प्रज्ञा शै गरारौ फ्रान्त Hजग्, षाः १ीतःि श्रीा $त ?ा शृक्षतः। गश७श्म१छागि (पूरा चाँ।ि विरात्रौ श ११न (तानि शून उशन था; दिक्षण মারাঠা পোশা মেরে হ্রাকের দীনে পশ্চিম-ধাদেশ नृणैस् शार। ५भनिराशे शिी धारा रणांगी घागि, dरे ग ऍशन गृश्ठि (शशुं शिशिाए गागा ठूर्ण वा रुणि (tरे ब्रांशyि४१y) dर श्रृंग, (प्ले" सूर्ति घट्ना र शांग्नि १ चरा रु,ि ब्जा नून, श्रृंगा गान रश्रुनि।

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  • शिी"ा रिशीलनशा तिबगा Haw of Airungsih, Vol.5, ch, 6:4 o Irvines Lair Mughala

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