পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৯৬

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

的 aांशा गागा प्रांरांशा कांfक्षणं चाऽश् िगोरेश। कन हि गिौा (ा (ग। 'नििश्ाा रांस् शंशै कार्छ| शांश् शीा वभिा क्षतिं त् िशङ्खौ शं िशनि 4ा{\ति थिा शा बाढ़ कांग्लानि। याद करक प्रानो ज्वा बांध्यारे पिछ अरु गनु बाँो, ढि बीाि रुम्री ाि र क्रिोश ौ श्रेशों मा। आशा कांनशांना छैदा इराज्ञांग्ला भूषिां श्रे कशि5 गणि, बप्तिtाग्न िरक्षा छशा शा९ एषरे शंग्निर शांगि। शण सूरििभरावणिं निःश्वं हंतःि शानि्त्रणि। षतं । तार्क्षतः १॥{े १ा: ।े गम्ा सीतांीनां गिानां शतः। शरैगन। शशाता कांछ क;िठ बॉब्लॉग्लिश taां रुक्विlसांत्र कारैः शांtिणन। थाशक्ष कांग्लशबॉा मछ शि, शांशं★ (स्र बना ह{ा कृईय़ाकf छाश शी, श १ीत। रण बांहगdरै राइविंशश्नथर् हरेण श। dदेat y*** श्रेष्ठ $*१) d* siी १शा नै मांशानां थ#िा ११ (ोः षग्निांछि होण। बार रगढ़ि शिा{मश (नि ॥ १। नििश्ची ताि नि षरीति भागौ अनि शीणन। रेशरै ईशं; Maw B010mit; Ply (गः:कर्ण*:M,H P.) बांश शिांऽ 4ाः भ२११ग रौढ़ रfार रन हि तिां नृग्न इfा बाशा कक्विांह। - (আীও মর্মবাণী-চৈ, ১৬%) রমেশচন্দ্র স্থার সূর্য u{{tर्गःaशाला (रह्म तिद् (क्षि१ारः श् िधीतःि पृौष्ठ। किनs st१शरीर बाझ को, उह ऍल dरै१ि ११ थां निहे हैtर 4क्ष थांौषकांग; *षिtऽप्न ११ीएन। थामा यौनशमिरे बतिस्पेनिश्tानयौगिता'-क्षीरएि, र ऐनैि।ि क्ष शं, यौननिक4त बांश बांश्नोन हे छग्रांरेतः १*** श्शा भूर्ल शहtातांशा ऍणा तिष्ठ श्रेitर्गः कस्रे (SJa dis) श्रेषा वक्शज अशैतृ संगीथाः करिष्ठ tो श:शिन। थांौनtशील बांjि४ शूरीत सिा अtiा ?९ तिांशं नःि,चाशतः॥१ीशैश्याः शंतःि ॥ १ीरेa 'विंशति श्ा िित तिर्ह तं शिा (तां Á सो ऐश रे शतातिो ग्रामॆश र शांति (*। शॉगिन (* श्रीशैन बरिaि tाग्निाथशैनि १{4ाःथान शानश्शी। क्षtईशा ५३" पूँ ि १ाको छ र शा दिा निि' शीरुन। शक्तिः एगईगि शांक शांस और क्ष१धक धक छग धक धक शप्त ईकाई ईशशै;ण श्रेष्ठ। ‘ारणैसांग रैर lwar 0f Bawl बांश भिि* श। dरै माष शक्तिः भूतरिग्॥१शस्यिक्शी भ{ाक्की कांग्ला क्गत गर नििश निश्tिरं ति॥हितः क्ष: नरे गात शाश्गररेझिwशका १,ात्। रशिांत्रिशूरांप्री १tiा ११ाना हि क्षैं त् िक्ात् षष्ठि श्रॆष् िaft iाणाiशी शीणकांश "एम बक्रि गतिान (बा मूिर्त "uरीशी नगरी रेत लोगोंमाल તો-ત્તા, છ 【心州毗州 ऐँकी ििी ौश्छि ििछ रंोछ। त्यो प्रित भाiा कण आौत्रशांझे स्थान प्रश बॉीशा सान अंग्रेशासिनूि, बौ,प्ने, बाँग्ाा गििस् १jनांाणिी। ईशा१शक्षा शिं**ांशिश्न क्षtवपूरी. श्र। तत्र श्रीाौ ततःि ताः षतं श्रेणिन। प्रिक्षा छैौ{श्गर पूमि१{ाझा प्रितक्कैची tगरे १शशु छांगन कiिा १ीकांश भूष्ठि1१ ईशाः नवीं विद्गर्भ१कप्लिांछन। बोक्रोस्रो शंशैकन् िर बाँझ शुर्षा अस्ि जागातर्षि १fरक५ कiिांशिगन गिा ऋष श ह। थांश्लग**ाजरे शूरीक्णता १ लक्षिांtान। कृषि वगळु, प्रितगाईराम्रान् ि? त्-राम श्क्ता कल। tर्शात्मा शाए ग# tाश शं ह।। 4ी रक्षा अहा जा भी रह १श छ4ाः क्रीन ऽिग्ना शब्द सिता चामि का श्रीा ििरा नःि सिं *ीरनिश**१ीरौ भू१छांगगजाः शश की। थांौन स्तृिशख्रिशीर्थ शत्र श १, यौन बूिtशिि१ (गैक्शह (११ ििनन। ईशों (शाकाहरु छिन 'शश शैतृक'dाः छांशंशंकांश मशीनर॥ि"ििष्हरेछ।" नृिस्टोि झिए, तिक्ता झोलोिस् रह बनई शहै। ऐंaांश९ ग्लौक षशितः शूर्त (रांन (कांनtशग्निी श्रृंग्लिश १{ारक iिाशिशन। क्षूि गर्मुषा ििरु १एक क्ाा,–१{ो छाति शृङ्ख्या ¢तर्षी, शौकी ऍप्लांएि-(ialia)। दाशरै शासन (१ १गिग१ पैशं; tशर्णिस् बांझिाः श्छtर्राष्ट्र शांौ। स्{रु $("छि इन क्षt tशांशा रिकांत बांशैरन कांiांग्लश १ॉफ्न। ¢शं; तििष्धष्ठिाषां★ श्लि (१-"रै थरईक (जर्षी११॥ििग१) शिगtाई ठूला बॉशिं शक्ना शिांशा भूरिश की, ऍ"ा (शांत अति प्लेशान किए था भरेगःr-dाल्गा बांशिता श्रांग * {ा शु.ि भाषाrएान राहूि ५को जॉरिी र बारे। wi• ईॉश 8b|r:}नांश्tशॉग्निौ हस्तांशा?ी १{ाङ्गः क्षण बांतिकांन स्तनt,थां****रwा* "ा इस्नान थांकिौ। wi• {ोंग पैकी १{ एशिी श-रे शश (कांन (कांन (शीि'सििक्कान ५, र भूणिा शा एन इि छूकरु शं★शन बांशशष्ट बाज़ाराश् ॥ tiया। स्ढ़ि शृ{ ५{षीण भकि आकांन शांौ रगिा (स्इ एwाष कि कििहू गिrष्ठ १ान नरे। इतिा इशार्श *स गा कि हॉल इो? र्शित:ातिी नःि-(झ तिार{}घ्, शैिस् {{ इतिा तिल्लस् ि। रेििीपििीन%र्त 'थरांौtठ थरां*ि*****ाक्ष दृग्गाको कतिी।• तिनौ शीलं (,विनि शूनििौ७१{{ी शाहजbणि हतः ७नि या शीां १ीौ तृप्तं नि षी क्ष: ११ौdरे वर्तरार्दू धार्मिक र अजूशिा त्रिाप्त रा न। त्य, ११ ४ ११ौ परशूर जाणि आराप्त घोप्लोरो शो,क्तिाव-तक पू-क्षाका गिछ अरु माछान् गीोिना शाझिा जाशन भै अघिशांतष्ठांश्रे धा रशशग। व १शुtास् तारे कूिग्राश क्छ,