পাতা:প্রবাসী (একত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/২২৬

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প্রতীক্ষা ট্রসত্যরঞ্জন সেন Ş সকল দেবতারই যেমন এক-একটা প্রকৃতিগত বিশিষ্টতা चांद्रह, निजांटक्दौब्र७ छहेि । कांझब्र चांबांझ्न चांब्राषनाष्ट्र नहट्ज छैब्र जानन छैटल नl । किरू *ींथाÉानां कूणि किश्बा cोकैौगोर्ब्रव्र क्लएक ग्रहण ख्द्र कब्रयाग्न झर्छ छिनि जर्रशाहे शूद्र चूह क'tब ८बफ़ान ! उोहे cत्रोबैौएक ,चांब डिनि কিছুতেই ধরা দিলেন না। ’ कृशूद्र-cबणा ८ब्रांछकाब्र यडन यांरब्रब्र गएषहे ८ष८ङ বলেছিল লে। কিন্তু কি ক’রে যে আজ তার এত তাড়াতাড়ি খাওয়া শেষ হ’ল, তা লে নিজেই বুঝতে পারলে না। খেয়ে উঠে পান মুখে দিয়ে, দু-চারটে খুচরো কাজ সেরে যখন সে ঘরে ঢুকল, মা তখনও রান্নাঘরে বসে ভাট চিবচ্ছেন। মায়ের এই নিশ্চেষ্ট তন্ময় ভাব দেখে মেয়ে একটুখানি হেসে দরজা ভেজিয়ে দিলে। ঘরে তক্তপোষের উপর বিছানা পাতা ছিল। কাছে जिtछ cजोन्नैौ नैफ़िरब मैंiफ़िरग्न कि शानिककै छांबटन, डांब्र পর বিছানার উপর বসে একটু এদিক-ওদিক চেয়ে ভিজা कुनसनि जांनानाब्र गांधान झम्निरग्न निरञ्च शौtब्र शैौtब उरग्न পড়ল। তারপরেই চোখদুটি বুজে ঘুমিয়ে পড়বার জঙ্গে নান৷ রকম সাধন হতে লাগল। কখনও এ-পাশ ফিরে, কখনও ও-পাশ ফিয়ে, স্বত রকম শোৰায় ভঙ্গি হ’তে পারে একে ७ट्रू भन्नैौक क'tत्र घूम चागाब भएक८करना?ारे चइकून ब'tन बtन इ'न न । cछांषं न ८stब्रहे शंख बाग्निरब्र भाषाथाना पृष्ण निरङ्ग cन शैल्न शैप्द्र ७को दाउान चाब्रउ अब्रेण । प्रांः । बiषft cबनं *t७ ८बांक्ष शताङ्, भ्रश्वांश्च निकब्र पूब चानtइ । ८षम शखिारे पूषिtब गwहि-uहे बtन क'rब cऔद्रौ छांद्र शाउथानां जानत्री क'tग्न tिण, शङ হেন জার খুষের বোরে মাড়া বা না, পাখাধান नरङ्ग वांग्ला चांब कि ! बांद्र-दांब्र ७ ब्रकम करब७ जडिाकांब्र पूय किरू ७न ना । बब्र६नाथाथाना cषप्जब्र छेणब भद्दछ cवन ७कई कर्कन बिऊण क'tब्र ॐण,-cशोब्रौब्र कब्रिङ ঘুমের ঘোর ভেঙে গেল। निजाएनबौद्र ७३ चडूड अकृछिद्र भब्रिव्द्र cगोघ्नौ उाब्र cफाक बइtब्रब्र चडिछठांब कर्षनe *ांझ नि, जांच cनकै। छांण कट्टब्रहे छांनटल । क्षिप्नब्र cवना cशौद्रौं थांब पूरबाब .न, किरु मारइब्र একটু গড়ানো অভ্যাস আছে। তাই তিনি খাওয়া-দাওয়া cनहब्र ७rन घरब्र छूकरठ निtब cवषtजन बब्रब cउवाप्ना ब्रtबाइ । निःशश्च ७कई रूभाई ७कद्वेषानि भून छेकि মেরে দেখলেন, মেয়ে তার প্রাণপণে চোখদুটি খুঁজে চুপ ক'রে গুয়ে আছে। चादांब्र निश्चएक शब्रज d$tन निtछ cगौबैौग्न या गांeद्राब्र এক পাশে এসে দাড়ালেন। তার চোখে-মুখে একটা चांनएमब्र गैौछि शूरt ॐल, भान शृष्ण-चांछ बाबाहे আসবে। সেই সঙ্গে আরও মনে পড়ে গেল ত্ৰিশ বৎসর जांtशंकांब्र कष। ७शन डिनिe uहे cभौद्रौब यज्नलेि । পাড়া-বেড়ানো, আম-কুড়ানো, কাখ-শেলাট, কড়িখেলা সব ভুলে গিয়ে তিনিও কতদিন এমনি করে আশাকম্পিত হৃদয়ে নিদ্রাদেবীর আরাধনা করেছেন । ভাবলেন-এ ও যে ঠিক তেমনিই ! चांख चांग्न छैiग्न ग्रंप्लांटन झ’ण नl । कठनिन भरग्न चाब जांभाहे चांग्रह, उांब जरछ वाrशक किहू छांन-धन খাবারের আয়োজন করতে হবে ত। বাছা সেই কোন विप्नएन बांनाङ्ग गरफ़ षां८क,-षांeब्र-शांeब्रांब्र कङ कडे ! cशॉफ़े-छ्रे नाब्रtरूज cङté, कूरब cब्रtर्ष cणौघैौञ्च वा পাড়ায় একটু ঘুরতে বেঙ্কলেন । , ३ • ' cनोज्ञैौब्र भी जांब ८कदण cनौघैौब्रहे ब । किङ cन ८वचैौ निtनब्र कषी नई, क्थन डिनि श्रृंबकछ-गब्रिtवडेउ चांशै