পাতা:প্রবাসী (পঞ্চবিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৮৪৩

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Պ:ՏՆ अंइन कबिंब्रां जषछ cनरे औबन चांब नवृक इश्व cयौवब ७ cनीलप्र्षब्रि औषरब किबिंब बांनिzड छांहिtजन 4बई 'वजांकांब' जांबद्रां छांहीब बंदंष चाछन जांछ कब्रिगांव । भूबशेष्ठ षांश नलिरङ, cगोषtरी ७ षांपूर्वी tवष क्रिक्, “बणांकांद्र छांशब कषषि९ *बिछा जांड पक्वेण ।

  • ७१e गांrअब्रbख*itषब ●यंबंब पंज्ञकांtर त्रक्षtर्षह ब्रजक्लर्ण८क जांश्तांत्र कञ्चिब्रां कक् ि'बजांक" हरेष्ठ विबांग्ला अहव कब्रिtजब। खांब श्रृंद्र हरेंtछहै। कवि-औषट्न पौrब शैtब्र ७कल्ले शंब्रिवर्डtन्ब्र क्रूजणांड हरेण । कि अनि cरून बtन हहैrङ जांनिल-शैवब हशेष्ठ ७कÉ बिनिन हांबादेब्रां निंब्बांग्रह जथक छांहांरक किद्विब्रां ब श्रृंहेिरण किङ्कह चांद्र खांप्ल जॉनिरछrह जां । क्रांब्रिषिक व ब्रां निविड़ दकtन बङ्गारेब्रा जांप्ह, aहे शृंषिरौद्र नकल दल वाब्रां ॐहैं डीवनष्कर्षिब्रिब्र॥ जांtश्, ठांहांप्पइ बtषा ¢यब ● cनीनाङ्गि अव्रज्वलि अकनबाङ्ग कवित्र ऋक बड गश्त्र ७ चाउविक हिण, उाश cवन झुक्क छ ७ कृषिणब, इरेन्ज प्लीद्वाराह-अषष्ठ अक्रिक औक्रमग्न क्विसनि इब्रांरेद्रा बांनिण। cनप्र कि अरे इ:१ षांकिब्र पांदेtष-बांद्रा 'जानन fश्वब्रि ॰iब्रां निि' श्चाबिन् क्षश्च
  • * मांक-गकांग्रजग्न नांzनम्न शै८णं बांजिtा क्रिण खांtणां *****हे औवtनद्र नकण मांश-कोष्ण

बांटक्ब्र चांtण-हांब्रांब्र जौलl * * * * cनहै rष कविड ‘चां★ब बांकूवखजि' : छitनब्र नजजांछ, छांएकब्र यांtषंब नांक्ल हरेष्ठ 'aहे बोकनत्व चणबङ्ग-प्रणाल्न बडि पाक्रिल श्षेत्र ? बाँ, झा न भूल् अन्तत्व शोक-गांधक चांगनांक अछाश्छ, छारे न बौषtबद्र ब्रहण बूकिtठ, चशांब्र-औदानब्र निशू, ७ इन्न छ जांबाचब्र बtषा निबएक छूबारेब DBBS LLL BBBD DDD DD DDS DD DD DBK DD DDBS gD DDDD DDDD DD DDD DDD DD DDS DDDS जहै. वजिहां लडे, "4हे षl tवश्रे, * शl tही७ब्रl, बहे छांtणl ●हे छांtजl, ●हे छोरणl जांछ ● नवम्ब कांब्र-शनिब्र चंत्र वजूनांच्च d* cषराहि, छूर क्रिबहि, शक्ने छाबहि, बिाहि विवांश्च। 4हे छांtजांtद्ध थांtनंद्र ब्रtछ aहे चांनछ मकज जtज शtन भू-J षबाब्र पूजां-बांकि कण हाँडब्रां जण फू१ठद्रब गटन । ऐश३ "गूक्दौ"ब बषय कविठा। वांछविक३ छ cव षबांब पूजा बाहैि क्ण श७ब्रl बज छ्न अद्र बtषा आहे औबब श्रीtन भरक द्वान कृrन cथtन चांनान cनौचtर्षी छब्रिहl *tीण छांश हश्tठ विधिहङ्ग हरेद्रां बौदब कठश्वि वैiछ ? बौक्ल-शक्ल विश्व छ चांगन थtबढ़ चांनान बूख बांठांtन ठेवांद्र चांकtनं उधू छrर्ष चांtब्रl stॐ अनौब जोtजीव किन्छ,छि cशालिब बाषा ८कांषीब cष छफ़िशा प्रकृति किल मजब्र ब्रटौबू चांरजांद्र-जांप्लांद्र वषन नकण बन९ ब्रटीन् हरेट छd उपन cनरे इदूद थांकांप्नब अखि हरेरङ नैौप्क्लद्र गोथी औtछद्र गोप्त्र छत्रूष एहद्वारे किāिब्रां चkन : चबख चनीरवद्र cनन छांहांtरू जांब्र वैiविद्वां ब्रांविटङ श्रृंitन बl । अई छविद्वारे कि कवि ‘कांब|शनिब्र, चंत्री-वजूनांद्र नजरब चांबांब किदिब्रां जांनिध्णन ? cषवव कब्रिारे cरोवप्नद्र ८गरे 'गूख श्निखजिएक किञिां शाश्वांद्र जांकांच्क जह्वरे खैiहांब वक्न हऎरख ●थवजठद्र हरेष्ठ जांत्रिण ॥ ८गरे जांकडकांद्र यषक् कृद्र१ छ 'क्णांक'tछरे cक्ष त्रिंशां★इ-4क 'वणांक'ब इब "नूबरी"रल ठाइ cनष छिझ बाषिद्रा निद्रांप्इ “क्बिी” कविडॉक्नेछ। बरे कपिडॉल्लेब्र छांक ७ झण cवन 'वणांकांब्र' इtब्रहे भैषः । ठ'ब्र कांद्रनंe चांts ? गूबरोौद्र अषब करिष्ठां इ* s७९s गोष्ण cणपी बदर छषब७ कवि 'बजांक'ब्र औदन' औयां जखिङ्गब कब्रिtछ श्रृंitबन नॉरे। चछ প্রবাঙ্গী-চৈত্র, ১৩৩২ [ २&= खांशं, २ब्र ष७ cकन अप्इ 4 बांक्ष अकनिष्ठ रश नारे बनिद्रांश् छांश ‘भूबरी'छ इन जांछ कब्रिज्ञांtइ. नहिtण ‘शूद्रशै"ब छांक्-षांब्रांद्र जरब "क्लिन्नैौ' कबिठाँक्नेछ। ¢कांन शैकj जांtइ वजिह्वां मरन हा ब| ! * "त्रित cखांजांनांtष'ब्र श्रृंब हरेष्ठ जर्षी२ २७२७ ●वर २१, बरे शब्रिभूर्भ इहॆ वरनब्र 4बर २v नांtजब ७ वर्ष कठकछणि मॉन बछवांनौत्र बूथब्र कविहैं ●tकबांटा डक बैौब्रद हरेंद्र ब्रहिtणन । । खनिब्राहि बकवांब इरे द९गtद्र 4क बाब करिष्ठ निषिब्रांझिजन'बौ' । जांब 4ाहेबांद्र विठोब्र बांग्ला ॥ बांबूरवद्र औषtनग्न ऽिखांथांब्रां षषन ७क ब्रांtजाब्र जौबा जठिक्वब कब्रिब्रां जछ ब्रांtखा ग्रंबtनांtणांनं करब्र, छषन अिकक्रिक विप्झणङ्ग क्लर्डवन, अछश्रिक जबूथ छविशप्ठद्र अन्णडे ८थब्रन आहे कृहेण विजिब्रl cष गानछ ७ गरषांtडब्र ऋ* इब्र छांशांप्छ कबिछिरखब्र यकांनं नौब्रव हश्च नष्क्ल किङ्करे जाकर्ष बङ्ग । 'शैठांझणि' ‘गैठिबांtना'ब्र निरिछ जषान्निब*९ श्रेष्ठ बौदन जरवरे घून जब्रिज्ञ जांनिष्ठहिण 4दर जडौप्डन मर्सवानौ cयष ७ cनोकरीब ७क नूठन ब्रन बरबरे पृॉडद्र नभूष अगाब्रिड श्ण्ठश्नि। 4३ गब्रिवर्डनब्र ऋष ‘बजांकtब बांह जांछ कब्रिग्रांहिtजन ठांशं सबू cबोकtजब्र नखि अवः बौवन ७ cनोचररीब बिगू टर-गरज sगणकि नद्र। किरु बोबाबद्र ग्रंछि बांइएक जक कब्रिब्रl cमांछू किब्राईब्रॉक्ष्णि 'वणकिt'ब छांहांब्र मकांन विजिज ना : जष्ट्रखि ब्रश्बिाई cनण । *३ थङ्गखि ७ नश्नब्र जांबe बांक्लिद्रां ॐप्रैण अशांबूहकद्र चबनांtन ब्रनङ्गांख गकिरषब्र इáना चारक ८लविब्रां ॐदर कबिशक्tा डेशंजकि कद्विब्रl । बरें क्रवठांश्ड ॐचई)अर्किंठ गकिय, वज्ञनछाठांब cकछछूबि गकिन, छांन क्लिांन जजिठकजांब লীলাভূমি পশ্চিম–এর ও মানুষের প্রাণকে লই ছিনিমিনি খেলির शृषिबीब बूक बन ७ ब्रख इस्रांश्ब्रl cपोवप्नब छोडद औजाइ थांडित्वांश्लि, नछिद्र जडूड रिकॉन cफ्षाश्ब्राहिण, किल अत्र बबनरक, कणानrरू जाछ कब्रिप्ठ गाब्रिज कि ? बौवप्नब न्शूि ब्रदछ७ छ atवब्र रूझ जाना हिंण बा, विप्चद्र कलांगकांग्रैौ महाब्रांtजब लांखि ७ Àछिद्र बानौख छ 4ब्र कब cलांटन बाहे, किख किहूरे ठ atप्रब ब्रच1 कब्रिtठ नोब्रिज जl । कलि जदश्च tणtव किब्रिव्रा जांगिब्रां नर्कांtअं 4कर्ष चौकांब क*िtजन ८ष यांtनंब्र লীলার অদ্ভুত বিকাশে, বর্গ ও চিন্তার জগতে শক্তির ফুরণে পশ্চিম-জী इऍञ्चांदइ' किरू वाचि बोषtव कबिछिtखइ बtश छैiहांtक ● कषां७ चौकीव्र कब्रिrठ हरेण, यांrनव अठि छांश्रण किरवा उपू.चखिद्र कूबt१ कणानि नार, जांबन्च बारे-बौक्रनद्र निशू ठरचांगणकिब्र बहष७ बरेि, cयब ७ नीडिब्र बहना-●pitब्रद्र बtषj७ जॉरें । जांtझ्, *३ tष बौवानब्र जांप्न-शोt* झांब्रिक्ट्रिक कूल बाकि कण कूण फून निटबtशtब विणाहेक क्झिांटाइ, शनिं-कञ्चिांश छब्रl * cष बानक्-नानांब्र छिब्रकांण पब्रिब्रां अक्लॉरेंद्र छजिब्रांप्छ, ऐशरवत्ररे बाण । वसिचोवावब्र नाखि ७ कणानिटक जांछ कब्रिटछ हरेण ●३ नरनांदब्रव्र विकिब औजांब वाषा, छब्र कडू ठेषनावव्र ऋण, छrत्र इष ● इन्tषत्र वाश, cष-कांबt१'चर्न हहेष्ठ विषांब्र' जरेहां कवि*िख ७ई चबांद्र cघtए गूडे नकज यांनौब ऋषा

  • "পূর্ৰীয় সঞ্চিঙ্গ অংশে বাহা ছাপা হইয়াছে ভাৰা এই আলোচনা निविंडे हइ बारे !
  • E. J. Thompson Sta staratora svi stata -"I remember asking him (the poel) in April 1920 if he had ever known a period of deadness in poetry. He answered, ‘I am passing through it now.” (p. 55)