পাতা:প্রবাসী (পঞ্চবিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৯০৪

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৬ষ্ঠ সংখ্যা ] हेशन 4क शtब्र छि‘न प्रहांनब्रिनिक्षानइस इश्tठ 4क*ि ७ दशगर इश्ख् कrतक वाका sछठ कब्रिजा बलिएख्रश्न, "4नषूषा परि थांब्रषitजब कष इब्र, ठtब बूक जांचवांग्रेौ ” शॆशु sख्रेs बाह्मराट्प्रब्र अष। ब्रह्म । षशशबि, १॥२७७ G'न'श्रद्ध উক্তির প্রথমার্কে ভিনষ্ট ৰাক্য আছে। সমালোচক তৃতীয় বাক্যটি षष fकब्रां यषष ब्लड़ेtäद्र धनद्वकब्रिङ वर्ष कब्रिव्रांटझ्न । जांभब्र नभs अलि छछठ कबिtठहि- ● "ठ"म९ ईझ बॉनण अख-शौश fसूझ्ब्रष अड-जञ्चनं। अनds"ग्,५१॥, झि ौश्n श्व-नख१। चने.्न-लद१।" बशशबि, २॥२७ ॥ “जठaव, cर थांनब, cछांत्रञ्च बां★नांद्र थप्नौण इe, श्रार्थनाबू *ब्र१ DDS BBB BtC DBB KS BBDD DBB DBHHD DDD DDS BB *६१ छ। 3, अtछब्र *ब्र१ जहैe भl ।” देश गूंबवकाcबद्र कषा, षाब्रषषि बरइ । नमांप्लाक्लक शबभप्यब cषकब्र*ि dज्ञाक छै:ल्लष कब्रिब्रांछन, उब्र:श see ७ ००१ cत्रांप्क जांच्चांब्र cकांन कषांश् नाझें । २७० ७ ०v०tज्ञाटकब्र भई (बांबूष) "बांशबझे जाणबांa नाष :” ७२१ cज्ञा¢कब्र मूल बङषा “पछिडtक ब्रक कब्र, थांगबांध्रू উদ্ধার কর।” षन्त्रणtअब्र बखी ( जाञ्चl) *च जांकावांरषद्र अषर्षक कि नl, बहें প্রশ্নের মীমাংস নির্ভর করে দ্বিতীয় এই প্রশ্নেৰ উপরে, যে বুদ্ধ चाम्रा भनिtठन कि ना ? विठोब्ल यधर्मेंद्र छंखब्रचक्रण यज्ञभन श्रेष्ठ “আণ্ডাছি অজনে নাখো" ইত্যাদি বাক্য উদ্ধৃত করিলে ঘোটকের সম্মুখে व्यिकुइtwitबब्ब बमङ्गछि सूt5 । नमांtणांछक जिषिष्ठitइन, "बूक निtछ वणिtङtश्न, ठिनि विनांनक बाहम ? * ই, তিনি বলিয়াছেন, তিনি “সতে সত্তসূদ" "হেনরিকে" এই অভিযোগ মিখ্যা । কেন ? ল, প্রমণ ৰাক্ষণের উহাকে মোটেই बांtन नl ; cषप्इडू छषात्रल अप्छद्र ( अनऋवtब्ब। ; ब बानिब्राहे. द्धिनि यांह कथन● वरजन बl, et३झे ऍांशांब यठि जांtब्रांणं कtद्र । 4षांtन झश्छे दिवञ्च विtदका । ( > ) बूक अषोंटन स्थलहे छषाघ्र बिtअब्र मठ दjछ कtब्रन ब३ि ॥ (lie does not commit himself to any particular wiew) (३) गtछ नखगून cवनक्विक बढें ठिन कषांब जर्ष कि ? লণ্ডন বিশ্ববিদ্যালয়ের সর্বোচ্চ-উপাৰিণী, বৌদ্ধবংশোদ্ভূত গালিয় चशोगक वैदूरूcप*बादद दछ बांद्र बाउ ५षांtन दूरु tनठिक नखांब वा गनांछन ब्रौछिद्र कथा शजिब्राटझन । ठाँहांब यशt१ fबनव्रणिप्लेक, छ्खविउव sIsl० दूरु (कान्जार्षविबालक, ८कोन् जtर्ष विनालक नक्साइब, ●है ह८ण छिनि छांशं निद्दछदे दjiषji कब्रिम्नांtइन ॥ छिनि सजिtठtइन, *८ह बांकन, बांवि विबद्दब्रश्च (वां विनांtनंब ) अछ प/ि निभ निरे ? जांवि चांगङि, cषद *वःcवांtइश्च सहक्षि शॉ* ७ थश्छिकञ्च करईब (बां क्रणब्र ) विनांtनद्र बछ वर्ष निक क्रेि । cह बांक4, देशहे ८गरे खां९-ोर्व, cय ठ९-१] जकूणांtब ¢कह मठाहे वजिद्दछ भांts * cष cजोठब पिनांनक (cवनविाक) : फूमि शंश जका कaिब्रा चांमtक बिनानक पनि छक्क, cन जारी नुह " चन्नुब बशत करिहन, बक्.किय, sps-श्रृंो। श्रेष्ठ केच्च् शंका चांबां, दूक जांच्चांद्र थउिघ चौकांब कब्रिtठब, ऐश निक इब्र ना । गवांप्लांछक अtइब्र७०v शृ♚। हरेरङ "जांचा नाश्” नौर्दक शाषjjबाँके ●क,ड कब्रिजां छइणबैि छर्कबिछाब हेव ब्रांज दिखाबभूर्लक अरे निकांड चांदव4 कब्रिव्रांtरून, cष, “बांच्च बिछा छ बिर्सिंकांब " আলোচনা—“মোক্রটাস-গ্রন্থকারের নিবেদন Ե(t> আনি প্রথমেই স্বীকার করিতেছি, খ, ব্যাখ্যানটির শিরোদেশে ও छद्वि:छ घषष *:ख्रिष्ठ ‘बांब्र। बाहे' न लिथिब्रां 'आम्ली डttछ कि नी' TBBD TD DD S SDD D DBBBDBB DGG BBBBBS मिकांड अह*tषांभ हक्क अहिं । यषबद्ध: बूकब त्रिषjर्ण१ éांशं★ cकtन छैगtषtतब्र वडिझे अॉवर्डन-बवूयांन, दjIवर्डन-बघूमन &ltद्रां★ कबिम्नां छांश श्रेष्ठ, दूरु षांश बtणन बाहें, बअन cकtनe निकांड चाषिकांन করেন নাই। গ্রন্থের ৩-৪ পৃষ্ঠন্ধি লিখিত আছে, “তিনি এত বিশদ্বক্ষপে इक९ ठक्सणि बूलाईब्र। क्रिडन, cय क्निब्र निप्लेक ७ ऋब-निघ्नक् ७ উাখার ধর্শ্বব্যাখ্যার প্রশংসাসূচক একটি বাক্য পুনঃ পুনঃ ব্যবহৃত হইয়াছে - পঞ্চৰগী র feছু পূৰ্ব্বোক্ত ব্যাখ্যান শুনিয়া বুঝিলেন, স্কপ BBD DDS DDS BBB BB BB BB BBDDD DDBDD BBB ‘ञाञ्च निe ७ निर्किकtá', बह औशाश्नाब्र छेशनोड इ३ब्रां विबूछि शांछ কৰিলেন, নিয়পিটক এমন কৰা ৰলে না। দ্বিতীয়তঃ বুদ্ধ স্বয়ং এইeवकtब्र निकाcछब्र चक्नब्र ठि:ब्राश्ठि कद्विग्ना ब्र:षिब्रांप्इन, ८कन नl, छिfन ॐ श्रड8ि८क *१iण१*?? खुशिब्ल! बश्चिङ्ठि कब्रेिब्रुigछ्न । नथांप्लांछक ষে লিধিরাছেন, "বুদ্ধ নিজে সাক্ষাৎভাবে এবিবর কোন মতামত প্রকাশ ¥३न नाई', हेरौँ चौकाच्न रुछिर्छ w%ि अिह नै । ठ[३च्न कोब्ल4 পূৰ্ব্বে প্রদর্শিত হইয়াছে। Niqal llaldwin, James, ladd, Wundt sa f-itsją win tsठछयषाश्tक बाच्च। २णि न ; थाबs1 बाशरक श्रां वा बलि, दूक ठtsांद्र DDD DDD BBB BzS DDDD DDBB BBD DD DDD DS সকল মত পোষণ কথিত, সেগুলিও তিনি প্রত্যাখ্যান করিয়াছেন ; তিনি विछ जाञ्च वणिtट fक दूसtठन, ठाशी ८कtषls कtश८७ *ब्रिकtब्र कब्रेिब्रl रुणिब्रां tवन बांश्-वादकञ१tक ef६षद्वक जांtoाक्लबाबू शtषां★ প্রদান করিঙেও কুষ্ঠিত হইয়াছেন। তিনি বাছ ধানতেন না, তাছা छ्नaिaाठ ; वाश भlनिrठन, eiश ७छfठ ; अठ&कथांवब्रां भूकब चाञ्चवांन-क्षिरब पाश वणिब्रांकि, ठाश थtबोडिक नएइ । (২) ঈশ্ব ও ব্ৰক্ষ कथांtwiछक वtणन, “दूक अॅचद्र७ मांनिष्ठन गब्रबक्र७ मानिrछन ।” *कख अरुं शेंदब्र जनावर्छ ।" DDES DDDD DDDD DDD DD DS DDD DDD DDS DDD बJवशं★ ककिं, टक्षन cदवांtछझे भेंबई, [श्**j१é, बक्र, गब्रबक, मछ१ बक, নিগুণ ব্ৰক্ষ, তুরীয় ৰন্ধ ইত্যারি ভেই মনে রাখিয়া বিজ্ঞ ংৈরাজিকের छाछ कष। वणि बl । आiभि वथन जिविब्रl|इणtभ “f१नि जांच्चlब्र अछिछ् चचौकांड कब्रिब्रांtइन eिfब cष क्रिtखञ्च fनङ्कठङञ ८कtt१७ अॅचtब विंचांग c”ाद१ कब्रिtठन, ऐश गडषणश्च सजिब्रां भtन इब्र नां, ७षब "लांचठबङग्नभtनांक्षtनश्६ भूविनाश् िछब्राहब्रtन६६ । छिाइ नtखबtठ गब्बरबनt"ब्रांबरबाइन ब्राह बड़े छाषांच्च १iशद्र बव्षन। नlहिब्रांप्इम, ॐiहाप्करें ऋ*गtष ब्रांषिब्राहिणांव । “बूक जनावठ अॅवद्र भानिरङन" ५कष बांब জামার মত্তের নিরসন হল্প না । সমালোচক বলেন,

  • यांद्र नमूलाइ १4-नशाय्छद्र अॅचद्र ७वर बूकद्र sई बक बकरै; अध्छ्चठ:ब्रह्म क्ष५ि॥ ८ख1त्र शtश्]ि ब्रह्रेि ॥ ७८ख cणोa१िछ् बचेङ्गि चन्न 4।। बक्र७ भइtथलtद्र जैौन श्न 4व: नूटन कtछ जांबाब जबूपिठ श्रेष्ठ ५lएकन ॥”

उtष भूथैश्च गयाज, बूगजवाब नवाब ७ बांक जबाबद्र बेचद्र भशयगtा जौन इब वक्र नूठन कtछ जवाब जबूषिठ श्ब्रः षारकन । अछश्नि ऐश बनिछांबू ना ।