পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৩৩৮

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啊t算 দপ্তরূপ (গ) নৰত যুগ গয়ে যুগ, fitוואזיס וס ९ वडtäां★tड# । [ नखtब्राँ* cन* }] " * * नलधूनिक (डी) गडश्व ७* शृणt षणः क५, ३iनि जठरेश् । नखैौशूक्र । § - मछन्नौग्न (५) क्लन्ग उवः इ। ७रनै,ि ७ई श4 जख भ्रूण श्रेष्ठ ठेकाब्रिड श्ॐ षनिद्रा ३शत्र नाथ नखबूणैौत्र । मरुtब्रांश (५१) नउज cब्रांश्रः ७उ९ । जूषtब्रोश्राउर्जठ नखभूण जन्नईौग्न cग्नां★itछन, जैण्डङ्ग *ौड़ा । हैहाँब्र विक्ब्र श्रृं७*स, फारeयकॉन थक्लडि टेबधकतरइ uरेक्र* णिथिठ अitइ प्रखtबाण-नैठाश, नड५#हेक, गढtषहेक, cतोशैब्र, भशtशौशैब्र, भग्निमब्र, डे*कूल, मखtषनर्दी, जशिमाश्न aब६ ● थकोग्न मांज़ेौ ( घ्नौजैौष ) uरे नक्षप्रश्न चकtग्न ८ब्रां★ चरहभूtण श्रेब्रा परिक । भख्षूण श्रेष्ठ अकजा९ झर्नकषूद्ध इकप4 ७ ब्रि ८षाविउ अन्न जान्न निःश्ड श्रेष्ण अव१ भएडङ्ग भाश्ण जध७ क्रम श्रेञ्च श्रब्रन्न भाषाहेब्र फूणिप्ण ীিভাদ মামক রোগ বলা যায় । এই রোগ কফ ও শোণিত इहैtउ जान् । नखभूभ ऐक-इरे कि उिनलै मउन्ण भडिभग्न ८वलन ७ श्न अश्रित्न गउ५ुक cब्राश्न काश् । रेश७ कक् ७ ब्रउ कईक जtत्र । नछtबहेक-नखमूल श्रेष्ठ नूष e tभागिड नि:श्ठ शहेरछ १iक्tिण७ उछाँग्नl मछ5ाणिङ ह३८ण अर्षी १ नफ़िtण मखtदहेरू tब्रांण षणा शाब्र । ३श मूबिउ cनानिङ कऍक जtत्र । শৌৰীয়-দম্ভমূলে স্কুল, বেদন, লালালা এবং বও, ५.हे नकण छैनजद छब्रिtण cचौबैौग्न नोभक cब्राका रुश शाह । मशएशोईौग्न-नखयूण रुहेt७ नउ नकल काणिछ श्हेहण उलू, स* ७ १डम्ण अवकैो* श्रेtण ( काझेब्रl cशtण } ७षः | नखम्नत्र भारन गोंकिब्रामू४ वजन श्रेष्ण मशtनोबैग्न ८ब्राश्र दजो दोङ्ग ।

  • ब्रिनब्र-नख मांश्न भकल बै५ इरेrण, बिल्लेक्नकाँटल ( धूझ cफणि८ङ c*ारण ) ७ ठांश हऐ८ड ब्रस मि:नब्रन । श्हेप्ण निम्नप्प्लान्न क्षण रुच्न । अिहे ८ब्रोन नििउङ्गड ७ कककर्पुक जप्छ ।

उभइन-रज्द्रण थाना कaित्न ७ गरूिप उन डङ्गीघ्र वचनक्ण छणिड ह३tन, चेद९ थपैर१ कांही इंहेtउ cभानिऊ वांव इदैtग, ब्रङवारवद्र नब्र ड्रणिधांखेिfoन अब३ बूए५' इर्नेछ श्रनप्लेजङ्कलtब्वाँत्र श्ण शंछ'। ইৰ আঙপিছ: हरेरड छtस्र । { ses J. नडछहॉभ भ* पांडन ८बाँध दब्र, भूखिक खेद#,ः *ांएक asजश् क्डभकन छणिङ इग्न । uहे ध्वमर्थ cब्रोत्र cरून यकवं★ चणांकशियश्च । वर्कब बाइकईक चचक्कि क्ड चापच णषिक कक जाग्र । cनई जदखत्र छे९पछिकारण चछिनच औखध्वक्या? इल, किरू बै जख बकिtण करूमक श्राखि झछ १ चविभtश्मक-इशत्र हरूरग्रञ्च (*ांट्रनग्न किठrब्रह } <लक्ष छांरभद्र परख अर्थीं९ थाशंरक कtवब्र बँiऊ कदृए, जांशष्ठ जठिनत्र भूगt e cरूलन बजिप्त्र अष६९ठांश एऐtछ जणांबात्राय श्रेरठ थकिtन चपिथांश्नक रब्र?भ काल ॥ ऐश करूकईक 曾江河1 गडम्ण *ीक्रमिषत्र नॉनैौ बरक शषी-माणन, झभिभरुक, नखश्र्व, खअम्रक, श्रृंक्रब्र, कक्रॉजिक *रु१ झङ्करसjच । लांलन-शांझांtङ भड जकडी विकैौ* श्छब्रॉब्र छाँग्न ठेौञ शांउन दिलिहै इब्र, अंशंद्दक जॉणञ cब्राँत्र कश् 1 ७हे রোগ বায়ুকর্তৃক জন্মে । झबिनख-बख इमानत्र झिजसूल ७ छजिऊ श्रेष्ण, लाइ एहेष्ठ णीणांट्वाथ श्रेष्ठ धारूिग्ण ●द९ अकां★t१ अर्थt९ দা টিপিলেও অতিশয় কটু কটু কফিন্সে ও রাতস হইলে ७:शाक कृभिन्नख कtश् ! s३ क्लभित्रक ह्ब्रांप्रं कडूि कईक

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मखश्र्ष-क्रख *ौङ्गल प! ऎक न्कर्ण जश न हरेpल झञ्चश्{ ऋद्वाण दणी याज्ञ। u३ cब्राभ७-कांडूरूईक बtख । छबनक-भूष ७ प्रच छब श्रेष्ठश *क्र जछिक्षत्र बाङना हरेरण खजनक ऋणा माग्न । हेश रूक ७ यांजकडूंक जtछ । मखणकब्रा-मलनकेिठ श्रेकः श्रीकछात्र छाछ कठिन इहे८ब् ऋस्वग्न सिकन्न होनिङ्छ । हेक्षाहरू शह°सिक्र काश् । “हे ज्ञशु*कद्राब्र गश्डि नखभूष्णब्र मांश्ननिङ्ग हरेझ गफिरण खांशप्रू कलाजिक कटर ॥ aहे ब्राय हरॅहणजड जडे श्इ । rश्वानिष्ठमिथिङ जिउकङ्गीक क्ञ्चक्झश्रेब, छाम कथवा औषत4 दहे८ण झाक्चलकह। शाइ ! बाबूकर्छुक के...किव अबिब्रम्लरङ्क नक्रिबिलिट्टे इहे८ण ऊांशtफ इशहमश्च करव, *** *cजtc५ फर्किंक्र चांदूझ नच१हहे शक (चश्ञख बूभtब्राथञि*) .ुषं ,ि बिक्तः खं मूचुरे श्ाश् श्aग्न बिविड रूहिइ कमणअशr१. श्यम्हण गfars ? शिवायू, ? बिक्न च कूड बनतलजष६-बनिकु, ***ण, गन्न *७.**जिकणीत्व कप यशश्रङच कछrअधान क्रतििष्व । | '.श्रृंश् “ ctश्.्षशाश्वं चञ्श्वांश्* श्याः ॥ SYH HDDH GDD DDBBBDDLDDHCBBDS