পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৪১৯

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". খাজা ভাররেট দক্ষিনামে এৰি। . S DDDDS DBBS BDDDS BBDDS BBBBBS cनद्रक्नद्रशूद्र (दांशइङ्गनूद), कसैंौनून, गॉजब, झर्लंडशूद्र, S DDBBBS BBBBBBS BBBBS DDmDS BBBBS BBDDS ५६, ७ठशउँौड झांछकौश गमांtजब छांकि७ ७ नमांrज छूटै श्छ।

    • ष्ठकिब्र एब्र छांकि, जानक कब्रिद्र दांकि,

মধ্যবিদ জাৰেতে চলিলা।” मां★वशrनब्र अफैोषघ्र ७ कर्क8 मारभंब्र निड निक्नांशं कूवर्ष नशग्न इहेष्ठ ७rऋ* जांभंमम रूरग्नन ।

  • मांश्नलििब्र अभिबांग्रैौ, भडिब्लांtङ खांदt झांख्नेि,

তখা হইতে বঙ্গভূমে আইলা। শোলকূপা বাড়ী করি, एळांब्राँस्नेछांन अभिषांप्रैौ, अभ्रं★छि श्रीशांङ क्हेनी ।


夢 豪 磯 एएल क्निॉडब्र, लेश्झभञायङ्ग, जन्नोम रुमछि कब्रिण ।" নাগৰয় যে সময় শোলকুপাবাসী ছিলেন, তৎকালেই বায়েন্ত্রकांब्रश्-गमांछ शर्डिङ इब्र । शशांब्रांछ cयङांशोंक्रिष्ठाङ्ग *ठानब्र *ब्र श्ठरे cभागकून विक्षछ श्रेब्रांtइ । अठाांकांग्रनैौफ़िङ হইয় অনেক ব্রাহ্মণকায়স্থ শোলকুপা হইতে দূরে পলায়ন করেন। চাকুরবর্ণিত নাগৰশের সমাজস্থান।-শোলকুপ, সরগ্রাম, বাগস্থলী, হরিহয়, রামনগর, কাটাপুখরিয়া, পাখরাইল, মালকী, সিঙ্গা, গাড়াদহ, নদনগাজী, ফতেউল্লাপুর, পলাসৰাড়ী, ফিলগজ, বুড়ৰ, সারিাকানী, গবড়া, উদ্বিধায়, ৰালিয়া পাড়া, ডাঙ্গীপাড়া, নরণিস্থা, সিখনিয়া ও জাড়ানী। কল্পত্তজীবাসী ব্যাসমিংজ্ঞয় বংশের কেহ কেহ বারেঙ্গ-সমাজে প্রবেশ করেন। জাদি স্কুলজীতে ব্যাসসিংহের পুত্ৰগণের সমাজস্থানের বিশেষ প্রশংসা আছে বলির বানান বর্ণনা कब्रिब्रांtश्न । निश्tदब cयाईौन गमांज-रून उज व कब्राउँौब्र, জেমোকালী, পরীক্ষিপ্তদিয়া, ক্টোর ও উধুনিয়া । মেৰৰংশে কাণসোনাদ বুদ্ধদেব ও কুলম্বেৰ বায়েন্ত্র পঠতে গণ্য হন। যুদেবের সন্তানগণ শ্রেষ্ঠতাৰে ও ফুলদেবের বংশवब्रजन कईडावादिङ इनित्र प*िङ इश्वरश्न । oावणप्त्रज्ञ नभाछ-कर्णपर्नश ग्रां★गांग, क्रॉब्लtधानेिब्र, कांकनए, किं★णिब्र, চড়িয়া, তাড়াশ ও বলকুঞ্জ। - - ब्रफ बाषा कथांनीक कॉलेबांग्रैौ पछिदे वृण। ब**ांनैौ XVIII अग्नि ૪ - . . “ ●● ፍ , 18 - - - . 1 . " .গীয়েজ g 博 R:.*. *. ** ब* रख ब्रांबानभtन वन क्रश्न रसक्त दिइड ररेव गवांश्च नमांज-क्रगsि ७ cगभून्त। श्राकृत रखपत्र निबिड रदेशम्शनः। जर्षगांrड शैम नक्षशगनरे उशिश श** । नमांबण#नकरण ह७मकैौ अहसि नॉडपन्न कारणtजब गांबांबिक कांब्रहकरन अणा हरेबाहिरणन ! दांग, मर्नी ख क्रांकि निरु लिम चद्र शब्रन्द्र फूणा । कडि आँप्छ c, नांशंषारश् छ्७नर्धौ नििश्नका विषम शक्षिुःखं षषिांम् श्रॆक्षाश्रिणम, किच्च मोर्ण निकण्ष भएर्ण म कब्रोच्न भकरण छैश८क निरुडूणा बणिद्र यष्ठांब्र फ्रकन । मां★ गोषाrवगैडूख श्रेषांख cजौब्रषांचेिऊ हहैब्रांtइम । जाएगग्न भन्न निरएषत्र । ड९°रब्र cनशषडषग्न । अर्थीर निक ० भग्न भधभ उीय, मांक वैिद्यैौब्र डांव, निरश् फूडीौद्र छांव ७ cषदक्ख ध्फूर्ष डॉष uऐक्रान् नक्ष षtब्रग्न छांद मेि#ि इहैइॉहिज । मजोछदक मै नुषब्र शाउँोज्र श्रृंरच्न खोज्ञ७ कछि•ङ्क बङ्ग गश्शृंशैऊ शहैब्रांश्नि । फांशक्त्रिहरू छेउम, मथाम ७ जैौठ uहे छिम छांtव बिङङ कब्र शांग्र । dहैझ* गर१शैफ मग्नeणिक महै wांप्रब्र यगिब्रां वाांथा कङ्गां रुईब्रांद्वह । बांशन्त्र चैौब्र नभांtअग्न छांद झूठ हरेब्रा परे नमाजब अखनिंक्डेि श्रेशtइन, डीशत्राहे नई जांदांविख् क्ररन नब्रिभनिऊ । मिरज मूण छाङ्कब्र ह३ष्ऊ किब्रनरक्ष फेकू७ रहेण

  • uहेष्ठ कश्शूि जक्ष्ष८ब्रब अनि मूल । निरुकूण ङिम थग्न रुद्र गमफूण ॥ সাধ্য চারি বর মধ্যে তারতম। সিদ্ধ তুল্য মাগ বন্ধু জানিবা নিয়ন ॥ তৎপর মধ্যষিদ সিংহকে জামিৰ । एछवाच्क मैौ5 wछांरु cददएक जांनिब * দত্তই দেবের তুল্য জামিব নিশ্চয় । এই চাপি ভাবে সপ্ত ঘরের মির্পন্ন ॥ cझाँ? बफू भषाय छांव हऐरण *न । করণ তাৎপর্ঘ্য তাৰ জানিৰে নিয়ম। সমাজ গঠন ববে হুইতে লাগিল। : ¢है जरäभग्न थांब लांबांग्निक हऍण ॥ श्ढ़९wiब्रु षष्ठु cषु लंबब्र श्रृ । भै जष बांद्र क्ब्रिl cतहे दछ भां★ ॥ १ ॥ * मरत्नश् क्लङ घट्द्रव्र लिम फ्रांक र ! A、

छेद्धम झथाम औष्ठ अि३ छिम क्छ ? निनांना *?ीव्र बrश म िगर छोज ॥