পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৬৬০

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विद्धंग्लि ठिन रूitगन्न जर्षह अंकांनं *हैिtष। निs अकृद्धि ६१श्रण७ এইরূপ বুঝিন্তে হইৰে অৰ্থাৎ যে ৰেলে ল’ৰায়ের এই ব্যক্তিक्रम राब्र कारणब्र (कूरुलक्विावविद्र ) कठिजब cनर्भ वादेव cनई cग३ श्रज३ oडेब्रन निंब्रम मूशिrष्ठ श्रद ।। " eি.—‘কথং ও বিভক্ত্যন্ত কি শব্দের যোগে ত্রিকালে “कषर भडू५ निष्क'cकम भडूक निका कब्र ‘cण भेश्वब्रtनिहन६' ८क मेचब्राक मिम,यcत्र । cवश्रण कम ७ अंकांग्र जलांदबूकांझेtव पळथांग्र७ जिरूitण । ‘म अंख्tश्व भर्षरप्रश्द९ नरईकाज९ वख*:ग:' Cन इब्रtक नेिना करङ्ग पनिङ्ग' अघि छोश्रक थको अिक्९ कभी कग्नि मा । $ झहेश्वब्र जलांशcर्ष जॉफू, पशू, वन, शनि यकृकिब्र ५षर मिम e श्रांकर्षार्थिभंभाभारब बक 8 बब ५झे नकल अशग्न BBB BB BBBB DDSDDS DD DDDD BBB BB DD निाक९ छमार्कमा रुक्र मिाच९ दिङ्क भई यित्वका म बर्षप्छ ।” जर्सीकोो अमार्कमएक पबि.cकङ् रुमो९ि मिश्रो रुएत्र, ज्राश्। अधि আশ্চর্ঘ্য অর্থাৎ উপহাসাম্প বিবেচনা করি এবং নিস্বাক্ষারককে चव मा कब्रिग्रा परश्वांछिङ फिग्नछांब्र कग्नि । अठि*ब्रांर्षक अनि ७ ॐप्ठ uहे झहे अबारब्रम cशांtशं नशाकांटन । **डूझऊ श्ःथः জয়েৎ" শৰু দুঃখনাশে অতিশয় যোগ্য। বলপূৰ্ব্বক দেৰিনাশের যোগ্যতার্থে ঙিনকালেই লিঙ, হয়। "জগন্নাথো মহাপাতকপঞ্চমপি হিংস্তাৎ* জগন্নাথ বলপূৰ্ব্বক পঞ্চমহাপাতক মাশে সমর্থ। ঐ রূপ ঘোষনাশের যোগ্যতায় শ্রদ্ধার্থের ৰোগ থাকিলে दिक्रम श्छ, किड़ रु९ऋकग्न थtग्राष्ञ एब न । ‘वनश्ज ऊcजः প্রাগৈ৷” ভূমি প্রাণের সৰিত কৃষ্ণতজন কল্প বলিয়৷ তোমাকে यांछ *ब्र महेि थक कब्रेि । जिन्नांचाब्रग्न कॉरीकांब्र१छांद जचिाङ इहेtण ठेठइबिद्राग्न ठ#*९दशtण विक्रझ शि७, झछ । “ल९ शांब्राहघ्रग्रtबौन६” पश् िछेदब्रटक नमकांग्न कब्र पठtष निन्छब्रहें भजल हहेरद ।। ५थीएम. केश्वब्ररक नमशाब्र, शाब्रन (gष९ भषण ए७ङ्ग, कार्थ ; ऐशहे ब्बिाब्रांख्रश्चन्न फॉर्षjकाप्रण लांच । हेक्षत्र यक्ष बूका३रण गर्फकाप्ण नि७. श्छ, किरू कझि९ *एकब्र cषाcभ श्ब म । “कामर अख९ छवांन् छर्शश्” चांगनि हेहांछणारह यशtनवररू छचना कब्रिएक्ल अधी९ चांगनाब्र cर छोट्व हेक्र शत्र ८णहेझह* छबम कब्रिरक्न । हेमझर्षभांफूद्र यtब्रारभ७ इब्र जॉमिएड श्हेtद । "ऐझॉमि गर्फ१ cनएदख* श्रांमि हेक्ल कब्रि बशएश्वरक उजमा कङ्गन् । “निएक!” “मिहन्क्९' “भएई७' 'अङ्ग९' “श्९िछ९ “छरणः' ‘বাস্থাৎ 'মমেৎ এই সকল স্থলে লিণ্ড, হইয়াছে। cणाः,-देशहर्षशङ्कब्र यरब्रटिश । ‘हेकविः वैभङि, छबान् <गेंदूखार थङ्गड६ तठिs' আপনি তলৰ इश्इ अाञ्चाब्रt*ब्र ¢नवा *क्रम केश३ जाबाइ देह । गवर्ष uव चानेकतष.दूबाहेरण [ ఆy ] --- _அகத் சம்:

  • ಶನಿ ठशाब्र cणाझे विखखि झ्छ । “निद्रभनिcनषिद्रवि' जाँक् िजंक्रूड পর্যন্ত শোষণেও সমর্থ। ‘জীবষ্ণু ভৰা জাপনি বাটির थाकून । cगौन:शृष्ठ ५ष९ अउिषतांर्ष दूताश्रण गर्रुषांपूंद्र केछद्र সৰ্ব্বকালে সৰ্ব্বপুরুষে ও সৰ্ব্বতিক্তির স্থানে জর্থাৎ পূর্ধ্বোক ১৮৯টা ত্যাদিৰিভক্তির স্থানে লোটের পই’ ‘ত" (পঙ্গগৈাপদের अथाभशृ* *** ७ पश्द*) ५ष९ ‘व’ ‘क्षर' ( जाग्नरन* मषाभू* sथ* e वहद*) uहे फ्रांग्निüी बिडङि श्रव । किड देशव्र भtथा বিশেষ এই যে পরহ্মৈপৗধাতুর উত্তর ‘ছি’ ’ত’ এবং জাম্মলেপী शाङ्क फेडद्र ‘प’ ‘क्षर' थपूख श्रव।। ८षमन ‘बूझ्छ्ल९ वा সুনীহি" এইরূপ প্রয়োগ করিলে বুঝিতে হইৰে যে, সে বা তাহার, তুমি বা তোমরা, আমি বা আমরা, অত্যন্ত ছেদন করিয়াছে, ক্ষয়িষ্ট্ৰীছ ও ফরিবে ; করিয়াছ, করিতেছ ও কবি ; করিয়াছি, করিতেছি ও কবি। ‘লুীত, লুনীৰ ও ' সুনীধ্ব" বলিলেও অবিকল ঐ রূপ অৰ্থ বুঝিতে হইবে। লু ধাতু উভয়পত্নী বলিয়াই এখানে উহার উত্তর ৪ট প্রত্যয়েরই जख्य श्हेब ।।

সেবতাং শোষয়াণি জীৱতু লুনীহি সুনীত খুনীৰ লুনীধ্বং’ এই ক্রিয়াপদগুলিতে লোট, বিভক্তি হইয়াছে। লুঙ,--সৰ্ব্বকালে, ‘মাশ্ব’ শব্দের যোগে নিত্য এবং ‘মা’ বােগে বিশ্বরে। মান্ম ভূং শোক শোক হয় ব্লাই, হবে না ও হইতেছে না । ‘মা বিরংসীৎ সুখং মুখের বিরাম হয় নাই, श्हेद मा ७ श्हेप्डप्इ म । विक्झणष्क्र 'भ बिब्रमङ्क “भ। विद्र६ञ्चङि’ । *५ “ভূৎ (প্রকৃতপন্ন অদ্ভূত মাম্মযোগে অকারলোপ), ‘ৰিয়ংঙ্গীত এই দুইটমাত্র লুঙের স্থল। 密 লঙ,—“মোশ্ম ষোগে সদাকালে। ‘মান্ম ভবদুঃখং হঃখ হয় নাই, হবে না ও হইতেছে না। এখানে পূৰ্ব্বোক্তরূপ আকার লোপ হইয়া ‘ভবৎ’ এইরূপ লণ্ড বিভক্ত স্ত পদ রহিয়াছে। লুট,—জাশ্চৰ্য্য বুঝাইলে ভিন্ন শব্দের যোগে সকল कारण.। “अकः क्लक९ अभj७ि ? किंम९ नोभ' त्रक क्लपक्षक <प्रषिएव ? गङदजः uüी मिठाख जान्फर्नी । , विडङाख किम् শঙ্কের এবং কিং শবের পর ফিল (কিং কিল ) ও আস্তি, ভৰতি প্রভৃতি শব্দের যোগে শ্রদ্ধা ও ক্ষমার অভাব বুঝাইলে সৰ্ব্বকাজে। *ख्* क्रिकिण झुवैौष्क-१९ निक्रिाशनिं म भश्छtण ? अशांtशद९ sांछि माय अणष cन ग मदरब फूभि रुशैरकनक निक्रद्रहे निच कद्र ॰स्याः गड१ङः षरिकाश् चांन म', 'श्वश्च cङiषांग्रू षषि र्वं ও ক্ষমা করি না। স্বরণার্থ ধাতুর প্রয়োগে যদি সংশয়ে যোগ न थाहरूछदद चर्डौङकप्न शूले. विखङि दब । क्ऋि cरथांय्न বংশজের ৰোগ থাকিৰে ওখাম্বলটো জপ্রাপ্তিপক্ষেপই ইংৰ