পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৬৬৩

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उशत्ड cदानक्रिकङ्ग मख् निखाङ्ग अङ्ग बाहे। cष क्म | जम्बोणङ भलाक्श् वप्नद्र छाइ करुशदी । यांच्ॉकशक्इि क्झ१८र बन चार्न, छाश cचाशविरच्द्र छाश कावशंह कक्व वाईटख भांtत्र । निडांवररह क्षन निड विलीन कश्रिण, निरब इहे जत्न गरैदा श्रृंबदिनrक ७क ७क जरन क्रिक्न । जबाणफ षम श्रेष्ठ निडा इहे छात्र अन्न कऋिक्न। ठरषिक देश कऋिग० णश्ड भविष्क्न ना। ९रतीख् उपक्रांश् िकाब्रप्५७ इििबक्ष वा भिव छन :नडाबर पत्नत्व न्नाविक विद्याभ प्डि गिज्राब्र জমজ নাই । পিতা পুত্রকে যেমন তদৰোগ্যাংশ দিবেন, তেমনি পিতৃহীন পৌত্রকে এবং পিতৃপিতামহীন প্রপৌত্রকে তৰং পিতৃপিতামহ ৰোগ্যাংশ দিবেন। ** পুত্রাজিত ধনেও পিতার দুই ভাগ। পিক্ষুদ্রব্যের উপঘাতে পুত্রের উপাতি ধনে পিতার অর্ধেক, অর্জক পুত্রের দুই অংশ | এবং আর আর পুত্রের এক এক অংশ। পিক্ষুদ্রব্যের উপঘাত ৰিন জর্জিত ধনে পিতার দুই অংশ, জর্জকপুত্রেরও তৎসমান, জার আর পুত্রের অংশ নাই। অথবা ৰিপ্তাদিগুণযুক্ত পিতা অর্ধেক লইৰেন। বিস্তাবিহীন পিতা কেৰল জমকতা হেতুই छूहे अश्नं *ाहेिष्वन । ৰদি কোন পুত্র নিজ শ্রমে ভ্ৰাতায় ধনের উপঘাতে উপার্জন করে, তবে তাছাতে পিতার দুই অংশ প্রাপ্য, এবং ঐ পুত্রদ্বয়ের ●क ५क चश्नं । एश् ि८कर बांडांड़ थरन ७ष९ निज अंcय ७ ধনে উপার্জন করে, তবে তদৰ্থকের দুই অংশ প্রাপ্য, পিতার झहे जरलं uक९ धनधाठांब cqकांश् ॥ फेङब्रांयहां८ङहे जांब्र जांब्र बाजांग्न अ१* नांदे ॥ cब cगोप्बद्र निष्ठां जैौदिछ फबकिंड क्म निखांमए लदे८क्म मा, কিন্তু পিতাই লইবেন। निफाप्रश्थानङ्ग फे'ाषाप्ड चबिज्र श्रेरण (फेनषउिछ) भोज्ञाइनारा निजांबर ५कर* गरेक्न । बाजांमप्श्द्र थानांनषांtख् ¢योश्जि खे”itéन कब्रिtण केनषांडिङ षनाइगांtइ माउtबह भरन बहेष्वन, बांडूणांकि जरन नाइटक्न न । करि बांडांबर परमब्र ॐषाऊ क्नि ८कोहिब छेनार्थन करब,७cव बाँकांबद छjशब्र अश्* नादेरयन बl । , भङ्गननाकिस्य वा लेनब्रडणुशबांझ किच हरशअम छाणि निकोब्र चङ्ग कलक्ष्म इदे८ण जथक दर धारिख्७ छैiएोच्न ऐबहाँ ददेरन ( निकृक्ष्न) विलtt* शूबरबन जषिकांद्र जरत्र, जड७व छबदवि बांडूदिखांनकगण ।. उथॉनि नांउ विछबांध्न विडां★ अकfमक चर्थी* पर्वक निक मछ, किन्ड कदशtब निक। XVIII [ ఆఖx ] • ہبیبم. ! - -- - निडामाच् पनि परिच् क्रूजक अक्ख पाकरे अलि। गिडांवाजाब चविध्याश्म भूषक् श्रेष्ण पर्नहि श्व। (कान) निजामांजाब s* अश्म श्रेण, श्रृंब# श्रद्र भड़क कम छण कब्रिज गरेर, cरप्रइ डशश्च वैश्विा थक्रिक शृष्ञद्र अङ्ग नह । ( गए) उपनि-बाजात्र चाहकच्छि विडाभ कब्रिrण बच । ७शिमौtनग्न विदाइ cव७द्रीं श्रावश्चक हऐरष । “निज कर्मीचम श्रेtण शूजब्रां विकर्ण कब्रिट्रक चांशैम इब्र, ८कनमा शौङ करश्म-निङ औबिंड*ांकिtङ ५नsएवं स वाइ ५ष९ वचकवियदग्न शूtबब्रां दांशैम नग्न, किरू निष्क अध्नांsख वा eयबांगश् चषषां नैक्लिड हऐरण ८बाई नूज विकद्र क्लेिख कभिरक्म ।' *श्वणिषिऊ इबाङ ब्रटन कश्ब्रिां८इम-‘निछ अर्थङ इहैtण cबाई ( श्रृङ्ग ) विश्इकोर्थ निर्संह कऋिबम, अषक कार्दछ অনন্তর ভ্রাতা তদনুমতিতে তৎকার্য্য কনিৰেন, কিন্তু পিতা বৃক্ষ, दिनबोडन्डि, जषद शैर्ष cब्रागै रहेण७ छाशज हेक न रश्न विडांश रद्र मा। cजाiहे निडीब छात्र आग्न थांब्र जाऊाब्र विवत्र ब्रक क्कम, (cक्मना) ब्रिषा:ब्लग्न भागन बनमूलक, निज्रा थाक्रिउ जांशंङ्ग चांशैौम मब्र, बांड थॉक्रिक७ मब्र।' knहे बठान निष्ठा कईचम अथवा शैर्षtब्रांगै शहेtण७ बिडॉग मिश्रुि । cजाई गूबरें विवश cनषि८क्न, जषवा छ९कनिई कार्षीख रहेtण किमिरे उश्।ि कब्रिप्दन । जङ"द “निफोब्र ऐक्रा न श्रेरण दिखां* श्रव ना’ ऐश कषिङ श७ब्रांड निडा कईीकब इहेtण ८व शम बिछांश शऐएव, ऐश जांडिवलष्ठः निषिड शऎब्रां८झ् । সবৰ্ণ ভ্রাতাদের ৰিভাগ উদ্ধারপূর্বক বা সমান এই দুই ●थकांब्र कथिङ इरेब्रां८इ । মদুর মতে, “ৰিংশোদ্ধার এবং সকল সবো নখে বাহ csi फांश cजार♚★, जांशंद्र चर६क'मषाप्बब्र, qक कृङौबांश्च जदीं९ च*ङि खांशि॥ ५क खांशं क्षमिंङ्ग ॥ ८णां ogब१ शनिं क्षांकविउक्करण गरेष्क् । cबाई ७ कनिई छिप्न अथव्र आउाछा, भषायझन छेखांब *ाहेtवम । नकण क्र" शरमग्न ८थ* यांहाँ अष९ छे९ङ्कई cव नरूण अश फाश ● ग्रंवांषि *तब्र नएनब्र जzषा ८ष छेि ८थ* फाश cजाई णऐ८वन । cव योफांब्रां च च कर्डवा कई नाब्रश डाशय्यब बाषा बन षड रहेrठ cवriाषाब्र नांदे, ८कबल यांनबईमfर्ष cजाई८क किकि९ मिटङ शहेtव । वनेि डेकांब के९७ ना ही,डrर थश्बन डांशप्तका जश्न कन्नमा हरेश्व । cजाई शूब इहे छाग 8 फ९”ब्रज cदफ उन गदैरव, कनिdब्र প্রত্যেকে এক ভাগ লক্টৰে, ইহাই ধৰ্ম্মশাস্ত্রীয় ব্যৰন্থ। জ্যেষ্ঠাधौन्न श्रार्ड कनि श्रृंब थत्रिप्ण अफ् कनिष्ठात्र ऋर्ड cबाई श्रृत्व हरेरण cन इrन कि अकब्र विच्त्र शंदेहद थमछ नरना ब३ि श,-3 cचा •क क्षण ध्षांश शक्रश्न गरेर, च च नाझ्क्रय