পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৩০১

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

* शर्कीमां cकथाका गांगरी चाबक्नं भा । क्थैर्थ बराँच भडिल बरेब छवेिउडरव शृङ्कहरू अंॉनिक्य पंक्लेिखे"छाश्णिनं ना। छिनि चैोत्र पैोस्रोक्न चैंग्रेसेरबदै ऐश्चभ६ीदेि६छ अन्नब्रिड कश्विाब बछ शैत्र ऋक इक्लि वनरेनन। भूक जनकात्रवड cगलांगो के, चैौद्र कt* वपूक णांभाईहाँ बौक्म दिनर्थन कठोरणन । cवनrवक चाषांउ छाइन ७क्रडद्र इह माई, ॐश८क जविनएष नाणशै कहि नदीनांब चांनबन कब्र हदेणः। कृछिंकि५नांङ्ग gवश्रम Aजहै जांtब्रांशाणांछ कāिtणन । जनक वकी कक्नडीच् अकन, cवर्णन छाशब बढगन चार्बौद्र बाक्शंtब्र छेउcझसङ्ग छेछाङ इहेब्राष्ट्णिन, छै।हाँब्र एछ रद्देश्ड ब्रिजा५ •ोहेकोछ अञ्चोच्न ७ छैiइएक प्विंश भांछि জিৰায় মাললে আপলায় আজে অস্ত্রাঘাত কয়েস । ८वशrबब्र जटन जज्ञांषांड cष ¢कfम ऋबई गन्गोबिछ एकैक ब cरूम, ऊँशक हल हऎटख गईमांब नानमकईच किहूकांदणर्न ब्रिविड ७९गूब जांक्छ जांद्रांद पैiद्र इtछ छछ शहैब्राहिण। ●हे णमtछ नषङ्गशूज जांकब्र बांछांब्र यङि चठिनंइ इनिष्ठ वाक्शन्न कब्रिग्रहि८णन । cपी मग्न अखि 4एँ रूप्5ोब्र अज्राष्ठान्न छैशव्र क्tिज शूद्रांठन हङा जर्ज छैमांtग* छांण शांत्रेिण ना । डिनि cगई दिल्ल८षब्र बtषा cद*tबब्र ग*ाच बeiङ्गबांन इदेtणन । 5श* बैौब्रस्यठिछांद्र 6 ब्रांजटैनडिक cकौ*ण cदशव शृनकांग्र ब्रांश्रानtन जषिडैिङ इहेब्र ब्रांजकई *ब्रि5ॉणनां कब्रिरङ शांत्रि८णन, tआहे भभद्र इहेcङ २४०७ १डेॉरक्त छैiशंब्र वृङ्काकांण *र्षीख বেগম নিৰ্ব্বিরোধে রাজ্যভোগ করিয়াছিলেন। κλ দিল্লীর যুদ্ধের জংগালে, ১৮১৯ খৃষ্টাৰে উত্তর অঙ্কর্মেী७थएन८५ हेश्ग्रएछन्न छिप्नएकउन फै७ीन हहे८ण cषभम हे९ब्र:छब्रांtछझ aाडि दि८४१ छखि यन*न कब्रिग्न ईश्ब्रांtजब्र जशैनडा चॅौकांछ कtब्रन ।। ७३ गमदग्न cष*म गबङ्गग्न ब्रांथा वह तिष्ट्रङ इहेब्राहिण। न६ॉन, दमाझेउ, बति, शांनाको* महठि कङकखणि दनिजlअशांन नशम छैiशबू जशिकाएग्न श्गि । भै मणबखणि नैोबा, बिल्ली, भूर्ल, पाण१९ थङ्कडि ब्राजशनौब्र गब्रिकछेदडौं रखuाब विभ१ गवृक्विांगैौ७ श्ब्राहिण। ५रूबाज शैब्राः ८जगार गन्श्रसि एश्रङ ॐांशंब्र वार्षिरू e७१२४०२ छैiरू जांद्र हिण । गईन, क्झैिौ, भैौद्रा, पैौब्रव, जांणांगशूब ७ष्ट्रठि शtन cवशभ गभङ्गब्र बांगडदन निर्मिड श्ब्र। ७डडिग्न छैiशब्र উৰোগে সঞ্চালায় একটা গির্জা ( Cathedral ) ও দক্ষিত্রাবাল ( Poor-house) हानिउ श्रेaांश्णि। भै झरेणै वाऽस्त्र वांदर्छौंद्र दाग्न अद१ कनिकांड, बांग्लांब, cवांबाई ७ जtsांद्र कङकeणि कर्षणिक निर्वांछ, cग* अण cब्रांबान रूपंषणिक क८णज ● मैौमां? कृtषणेिक छांटनtणग्न वाब्रमिकाएं जड डिनेि कह [ ೩ ] - जर्षगान क्छन। गांशांक्षत्रब बानर्थ डिनि कनिकाछात्र तिनक

  • .

লক্ষাৰি সোনাং দল গল্প দিছিলেন। হিন্দু ও ফুলमान वर्षयोजक भएनक गििच्च७ किवि भर्ष शन क्रेन। . १४०२ १४ारच ननक्तूब बांकन चूडॉन केंद्र वृङ्गा इव । अंशज अस्यांब कछ हिण। cवभक भै कहाrक रील चरीनश् छाहेन नांवक ७कcगनानडिन राउ गन* कएशन । $ कछात्र भéजांख् अस्मांब उमत्र cऽडिछ. चक्रे:ननौ श्ररेण शम्ब **** भूहैप्च नान्नैौ ब्राजषांनौप्ड cाइडrां★ क्रग्रन। . छपन न६ानांबाबा डैशद विषबागौ उ३कले के cग* लिन्गrफेब्र क्छ भनtब्रवण cवगै पनि क्रकडेराष्ट्र भषिकरिब जाप्न। সৰ্বম৷ লগরের পূীশে বেগমেৰু প্রাগার। উৎ গেৰিধান बिनिन। ४९९ **ारक ७षनकां★ cशांमन कथगिक रूषिcछुण निर्दिछ हब ।। ७ शफ़ जांब्र७ जानक जडेiनिक जांप्६ ॥ siब्रिभै ६धनमनिद्र ५षम● ७षानकांग्र जनगमारबछ aयwitवब्र

  • ब्रिछब्र निtङरह ॥ लषब्रगंtअछ eयांशैन झुf ५षम छधावइङ्ग লিপক্ষিপ্ত ।

সপ (পুং স্বপাঙ্কে স্বপ-বঞ্চ, ১ নাগকেশর। ( রত্নমালা) ऋ१-ठांtरु ष७ । २ श्रबन । ग*छि देख्छरड श्रृंकडैौकि ऋ*अs ।। ० चथवान्नैौ cाहजोडि विप्नव ।। ७ई जांख् िभूर्ल अदिब्र हिण । शृब्रां★बरफ ब्रांज नश्रब्र पनिdiद्र जांजाइनरब्र ইংগিৰে বিংশ না করি ৰেনে অনধিকার এবং বেশের জন্ম ७थकोत्र कङ्गाहेब्र ८मा इहेरस्त्र निर्रानिफ कम्नि cनन् । ७हे कब्रt१ ऐशन अर्थशांग्रैौ cअक्रबाँडि नrश "ब्रिश्रगिड हरैब्रांtइ । “श्रृंकां शक्नक८षांछां: *ांiषls *रुषांख्थं । কোলি-সৰ্প-মাছিমঞ্চ জার্মাশোলাঃ লকেৱলtঃ ॥ गर्सङ कबिइ पाठ ! थु:खबार निद्राङ्गउः । दनिईवक्रमांजाबन् नश८ब्रन भशकानां ॥* (शब्रिवथ २४च्') s স্বগামখ্যাত ল7স্থপজাতি বিশেষ, চলিত সাপ, পৰ্য্যায়ठूनाङ्क, डूबश, फूजन, जरि, फूजनम, भानैक्रि, विश्वब्र, ध्जौ, বাল, সমীক্ষণ, কুণ্ডলী, গুড়পাৎ, চক্ষুশ্ৰষদ, কাকোদর, ফণী, बरौँख्द्र शैर्ष१%, श्कबूल, गिला, उद्रश्न, श्रृमण, ६ख्ने, পবনাশন, ৰিলশয়, কুষ্ঠীলস, রিসন, ভেকছুঞ্জ, শ্বসনোত্নক, ফণাধর, ফণধর, ফণাৰং, ক্ষণাকর, ক্ষণকর সমকেল, ঝাড়, দী বিষাক্স, গোকৰ্ণ, উরঙ্গম, গুড়পা, বিলৰালী, জৰীত্বং, इ,ि अरुणाकिन्. ििजरू, जणक्र७, क¥की, छिंकून, कूण । ( छल्लेषब्र) [ हेशप्तवू खे९°लिज विवब्र१ नांभ भएच.cत्रष । ] •ाफाश अगेिउरुक्तूिर्ण१ वह श्ररक्षगाषांत्र थहेकन गड्रूि <धकांश्व कब्रिग्नttश्न- ग*fथाकिङ्ग cनए शैर्षांत्रज्म, नणांकांग्र व जईनगांकtग्न ?