পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৩২৪

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哆 जबढ़ थ३४ाञिश्वकं★णा शहब कांटक । जांच च भtना जर्समर्लब गर्रस्त्र श् । -', * गर्श,ि क्रछादि ० भूर्तरि चकांकड गर्तनांक कककहरत्र ब्रन जकाब्रांड नाबद्र छात्र श्रेश वारक,०ककम *****षद ৰচনে এক নী, দী ও মী**াদনক্ষপেরুৰিঙ্গিজ জয়ৰ। क्वानि भश्च॥ १ लेटैिब तीव्र qक किच *चत्र ऐम् निद्रा शब?ी षशाखं श्ा, च९ि१, फ्रका,५च्, च.* श्*ं झo श्ा ७:ं॥ गर्भाब्रि छाइ क्रम रहइ थाप्क। ८क्वग शैबनिरल भ्क्षत्र ७ १ब्रांत्र अरूवन्नब दृ९,w९,५ङ९, छा९७ किम्रर, जांब छन्, এন্থন, ও ত্যা শখের পুলিলে ১মাৱ এৰৰচনে গং, এৰ ও গু এবং স্ত্রীলিঙ্গন, এব" এই বিশেষ পরিবর্তন হই থাকে। ,ि जत्र, कन्७ छन् कि १यौ विङङि ऋण ६ि७ वा रङ्ग। cवल्लम कईि, कन; अछरिं,जङष हेङाiनेि 1 " हेनमांनि भcशग्न झ* शृषकू शृथक् । वाहणा छtद्र उांश sषाप्न সমাৰু প্রদর্শিত হইল না, তৰে সংক্ষেণপরিচাখ এই মাত্র ধল शी॥ ८१ श्रूषम् ७ चचा भट्च॥ ग्रहिण विखखिङ्ग विप्रमं भ्रूण भणि क्रभाखब्रिड इहेछ दूर ७ चार भांप्यन इह ।। २१, sषै ७ *** विदध्न ७ वइदऽप्न बै छहे *क हांप्न वांम्, cनो, दन् ७ मन् विरुक्क इत्र भवी९ दृश्न् भएकत चिहान वान् 8 वहबन्नान यः, ७११ अश्नु भएकत्र क्विकरन cनी ७ वझ्दव्tन नः विकछ आप्नथ श्रेष्ठ থাকে। মুম্বা শম্বের ১মার ও ২ার একবচনে জন্ম ও খাম, स्त्र अन५ फझन् भkचङ्ग श्ष्ण क्षाकरय अक्म्७ माम्, म श्ब्र । ७३ इहेणै नच ठिन णिप्नदे गयांम, cरून ७xखम माहे । छ, वा, ५व uहे डिन अवाङ्ग भरलग्न cषांtनं धूमर भरकन च, cड, बांम्, बः ५ऎ छग्नःि *प्रङ्ग ५रंचषर् भट्चन्न भा,cष,०नो, नः क्षरॆ छानि नtपत्र थtब्रांन इब्र माँ । २षl,-‘eथफूः च बl छ जांख्ञां*ब्रठि' न इहब्रl ‘«यङ्कः चार मां९ छ जांखांनब्रखि' ७३झण श्हेब्रा थाहरू। जर्सी थप्थप्न श्रृ९७ ौषगिएनन्न ७ोङ्ग ७क्रे क्र”, अरु ौषणिcनन्न yब ७ २इ विउडिम किम बन्नमहे चछ थकान हऐब्रा थाcरु । ग# भcच शैनिtव गर्क गष ६इ.५षर ब्रन यांइ जांकांब्रांड जैौणिन णख्नं भरजब अछकन । दिभं ७ जछ लच (*क नर्स ५८कब्र फूणा । अछ ऋकब्र गिीबणिप्नद्र श्या ७ ९ब्राङ्ग ७क्तष्ठान ८क्षण मछ९ गद इब्र : भूर्ल भएचब श्रृं* औषनिटबड़ ब्र" थाब्र गर्फ नcचद्र मछ । £कदण. ९मैत्र छ तमैौब्र अकवध्रन क्क्रिtछ : भू* जारदन बङ, धहे भक जैौणिtण कि शरीनहर्षब्र "ি°গ্ৰীৱ ভো নাই। শল্প, জপন্থ"ক্ষিপঞ্জৰ প্ৰশৰ,

r. हेर्षन् किरब झैौबंशिष्णम •में ७ कहाँछ अकईiश्रृंहंकtää

पर्जन रहेक संप्क ।। ७डाडव जगद्र गयणक्ङिकिं★**ीक् ¥नबभनगवान। जोजित्न देशदेिजग"मकक्“चख्ब'देवन्। শঙ্কৰ গুণিয়ে ১মা একাৰে জয়ন্ত্রীলিয়ে ইংলণ্ডু इदम् श्र। अजिब नकारचख्रिश्न देवन७****** ३ङ्ग क्ङिग्लिभड अब्रौञ्च 4क्दछंट्टम * * ७ १वीन श्किण्न-धन चञांदमनं श्छ। :ു. - cर अच्निरल जाछत्र अङिभविक गाँरदेश <कन क्रिणक ब्रख्tक थठिनह कtब्र, छाशंएक फ्रैंचमभूर्कच दणी कांग्रे । अन्न cरु थछि गर्छ| जर्छ% dछिन्ताक्क मो श्रेङ्ग पाँइच्न अछि बाक; थरबां★ कब्र बांद्र, छांशंरकई यउिनमें कभ, डांशष्क भकबभूत्व কৰে। অপর ষে প্রক্তিসংজ্ঞ গুলি পূর্বে অভিপ্ৰেত কোন বন্ড क्रिब वारुिद्र मारनग्न अ७िनिशिक्रान अपूड इन, उशि डीब्र वा अधम् ॰ङ्गष । चांबि (च)ि७ख्यभूश्षं, 'बि (पृग्)ि यथiषै श्रेक्ष ७क्र हेनन्, अनन्७ उन् आफूडि भन्त ८थम श्रृं¥क्षगिब्रा वाक्शङ । शनि दएकाग्न फेtकष्ट फेखम वा मक्षाम श्रृङ्गब न रहेब्रा अछ ८कांम य७jक जछिteवठ वड व कांख् िऎष्णाश इम, ठांशं ह३८ण *es' श्रृंटकग्न थtब्रां*ां दांब्रां असि riछ निक एहेम्नां श्रां८क । अांश्न शक् िeथएलाच असि८थठ माँ इहैब्रां फेरकश्च षड द वाडि नूछ वा किङ्गलडङ्ग अछि अज्र इङ्ग, फाइ! इहेष्ण "cन” ७ °७” श्रृंश ७८शुरू एऎव। ५i८षः । ' - cबलैब्र फांबाब्र “आवि” नक हेपठs ७८ब्रांt* यूहे, फूमि, সন্মানার্থে আপনি, ভূমি তুচ্ছার্থে তুই, এবং সন্মানার্থে ইনি। cग जश्रांमांरर्ष डिमि हेडrाशि जगदं मांहभग्न७ बाबझांग्न अtएछ । জাপল বা জাপনি শৰা কখন কখন সৰ্ব্বনামের পরিবর্তে अछांtर्थe यायशूज़ इङ्ग। - - गरकूटडब्र छांग्न बांणांण डांबांङ्ग शैौनकáजांभ dधकणिक नाहे । अग्न प्तिन हऐल, uकछम विषाॉष्ठ-क्लिकि९शक छैॉरुग्न ८हांमि७नांशेौ চিকিৎসা-গ্রন্থসমূহে স্ত্রীসৰ্ব্বনাম চালাইয়াছেন। তিনি খ্ৰীগৰ্ব্বনামে প্রথম পুরুষের একবচনে "সা" ও ষষ্ঠীর একবচনে ‘ওজা’ ব্যবহার कब्रिाप्छ्न। क्रुि ७ क्र” अरब्राश्न अनाक्छक मरन कब्रिा cकोन बऔग्न cणधक ७ी भर्षीख ॐांशङ्ग अहवउँौं श्न नाहै । . . . সৰ্ব্বনামস্থান ( ক্লী) পাণিনির অষ্টাধ্যারিবর্ণিত সংজ্ঞাম্ভেদ।


जरीमांw (५९) गरूँछ मांनः । क्रश्न, गकरणइ मांसं । मैौडिभःtज जॉडरिङ श्झांप्इ cर, वर्षब cवर्ष बांह, चांउ ग*नारंशत्र गडावना, उषम गउिड वाडि जc६क आन कब्रिवन१ जर६रू फाiण कब्रिग्रा दक्-िश्रीब्र चरईक ब्रचकब्रविांत्र, छांश इ३ष्ण फांश cश्वई । * ・ * "; ... , ; ; * *

  • शर्कमांरचनबू९*aा अरुं★डाथखि गठिकथ1* {कtनकारश्रांक) जरिँधिएक• (ो) नक्षाहउक्+4गविखकिं }'