পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৭০২

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সীতারান রায় i_ ન ভালুকও বর্ধমান মহাপুরের विकल्लेदर्ली"छक्मवतक ৰোতসত্ব মেলগঞ্জ করিয়ালম । . . . . . DDDD DDDD DDD DDDD DDD DBBBS DD DDD DDDDD DDDD DDDS DDDS DDDD DDDt अप्नद्र भक कूणैौनकछाश नtभ हशन क्षिाएँश्च । ईश* नफरक क्रिणव किई जांना वामे माहे। छtव चिबिcद७कजम जननांछ ब्रभणैौ हिtणन, छांश €ांशश्च नूtäक औषम ह३tङहें थtनकल्ले जाना था। अबॉप्नद्र बूथ झकीचcव पथन cषाकनवर्षौद्र वांशिक बांब, फषन डिमेिं पकृणं*tख कद्विश्वl ७काकिणैो ४कवण €ौषण बच्चाङ्ग भङिxब्रांथ कब्रिडाहिरणम । जैौडांबरिजग्न बजमैौंइ अंचरक DD gYDDD DDDH DDD DBD DD KS DDD DDD नषtरु eथवान मझ्बदनूरज cष वांद्र७ब्राँझै भूजां*ांम आर६, कोश हेह कि मांभांशूनांtब्रहै ७षम७ बब्रांबद्वैौपछली मांरब जखिश्डि शहेब्र थाएरू। नैौडाङ्गारमग्न अरू कमिई गंrदोबत्र हिरणम, डाशक मांग लङ्गैौनांब्लॉब्र-१ ॥ . यश्नांदगैौ नईiांण्णांकमा कब्रिtण चइमॉन कब्रां बांब ८९,गैौद्ध ५७*१ कि ev भूटेरिक मांडूणांगtग्न जम्र अह१ करब्रम, निछ फेबब्रমারায়ণ তখন ভূষণায় ছিলেন। সেখানে বিদ্যাভ্যালের ডেমন शिक्ष। श्मि बलिनां, मांडूणब१८५॥ ८ङ्गtम चाचैीतििब चांडं॥ छाकाग्न थाकिब्र डिनि चाब्रवैौ ७ गांब्रगैौ छांबा निचण कtब्रम ; किड़ जरण गtत्र अर्षिक७ब्र ॐ९णांश् ७ आ&रहब्र जहिउ ठिमि जभिब्रिक बिछां अप्ठानि कब्रिtङ थांरक्न ! ७षांtन भश्मश जाणैौ मांमक अटैनक शकिब्र डैीशग्न भिन्नशंसक हिtणन । हेनि जैौङ|রামের প্রক্তি এতই অস্থরক্ত ছিলেন যে পরে চিরদিম তাহার नtअ जtज वोंकिब्र भल्लर्णांमाडांग्न कांया कब्रिब्राzइन । ॐiझांब्रहे माझम्लौtन्न बश्वज्ञभूङ्ग अध्याप्त्नम्न मात्रकङ्गण हछ। সাময়িক ৰিঙ্গার প্রতি সমধিক শ্রদ্ধা থাকিলেও, গীভায়াম ব্রাহ্মণপণ্ডিতগণের তর্ক গুমিত্তে ও তর্কে যোগদাম করিতে जाrभीष अइङद कब्रिटकन, अब्रटनर ७ 5€ौषांटनब्र कविड छैांहांब्र रूAश् हिण। ८कांम खांचरणब्र नरज डिनि हेशनिtशत्र श्रादूख्-ि প্রতিযোগিতায় পরাজিত হইয়া ভাছাকে আটখানি জমি প্রদ্ধোত্তর शीन शख्रिष्वांष्ट्रिणन । . गैौडाब्राम षषम अलङमामा बूवकभाज, उषन नांदब्रख थे। छाकब्र नदाब। भा?ान कब्रिम थ1 विशाशै श्हेब्रा cशेजबाब्र ७ जयांएवङ्ग cटब्रिङ गछपणएक कtग्नकषांच्च न्ॉब्राजिष्ठ कब्रिtणम । नैौडाब्रांथ uहै बिळाशैदक मधम कग्निtङ गाब्रिएवम वणिब्रॉ wrर्षी कcबम । नवांब छैiशांक १ शंछांब्र नमांड़िक छाणि नष्ट ७ ७ हाँखांब्र अचाब्रांशै गcछद्र cनछुरस् कब्रथ रुद्भिन्त्र विtबांझ् बयरमब्र छड़ csäब्रण कrब्रन । - गौडाब्राप्म उभत्र बिज्ञ-गणै अनल्ल श्रेष्णम, कूक कमि I was \ -

      • प्रविड-४ निवड यदेष्ण, अशश्वकर्ष रूपमक्ष प्रश्न
  • 響價

- कत्रिदा क्बिकै नैौडॉक्षथजकाष-नवीन श्वणचिदन मशिगन,

  • श्र.श्री॥११॥’amंशैक्षं अश्ननििश्चापेि *मांषि eयंवiष शक्षिणम् । *dहे भकर्णनाई छथत्र छांकइडब्र छब्रांजक खेviबष, ८णांकनस्था अकि अल्ल, ब्रांजप्श्वश्च चकहाँe८eअत्र खांन'अरह ।***

बाबगैच भकेिहजीीछकाम, भ्रामक्कन रकांव डबूनेिछान आजक छ*थन कई**क शरण-कञ्चिां कृषषांत चणिक्क केनहिज्र हहेtणन । ककिक जहबक.जांणैौ● गरज अनिलन । जाणिवांद्र नबत्र भविमरथा nकगण नक्षत्रक नग्नोबिड कन्ति, नैोफेब्रज ब्लाक्णभरूि बसञ्चिक डांशत्र नाझ्न ७ बूकरकौभरणचू* श्लेड,क्बू वजिब्र अॉनिक्रम कtन्नम । बङ्गांशe जांब्र बछाछ कब्रिtबम मां *वर कैबड़े कूचनांग्र शांडेब्रा छाशन्न गरण भिणिछ एहेश्चम, uहेक्रान ●टिश्चन्ड इक्वेह छजिब्र दांम । - खेबङ्गनां ब्रांब्र१ ठथम नभग्निबाrग्न cणांनाननूtब्रब्र शांऍौरछ जबकॉम कवेि८छहिरणम ! बांधणांइद१rभग्न जहिछ पनि8 नन्wकिंठ जाबू cडांइनि उषम छूदगांद्र cकोजनाब्र हिरणम । जैौडांब्रांtभब्र সকণে মুগ্ধ হয় ভিনি ভাষাৰে পৰিশেৰ দেহ ও সহায়তা कग्निt७ णां१िोtजम । अदिणtप नैौडांब्रांम काँगैौश्रजांब्र छैौन्नरुद्धेौं दिखैौ{ भशएचएज, नैौर्थिक स भूकब्रिणौ धनन ● थका७ ७थकां७ चाप्लेiणिक निन्द्रां★ कब्राहेब्रा इब्रिश्ब्रमश्रङ्ग मांभ बिब्रl ७रू इदूइ९ मशब्र अठिछै। করিলেন। বছ সংখ্যক দেবালয়ও এখানে স্থাপন ও প্রতিষ্ঠা, कब्र इक्वेण । अश्मषनूहद्वग्न चाखर्शङ न्श्रीकूर७ नणबैौणब्रशणांब्र कांइब्रिबांफ्रैंौ हांनन कब्रिब्रl, जैौडाब्रांब कमिई णऔौमाब्रांब्रण८क ब्रांछच पञानाग्न ७ eयजां★खनानि कब्रिवांच्च अछ cपलब्रान बियूङ कब्रिब्रां ना?ाहेऋणन । कशग्न जैौब५ ॐ९णांtउ ४हे मर्षभल बांग कब्र ऊषन छकाँडैम दहेब्रा नक्लिब्रांहिण, अमांश८ब्र अनिबन्न थाकिब्र, वहन षङ्गेण खणश्irष cनोश्f॥ cनोका॥ भूलिनां शैौखtह्मष विश्ाङ्गभग्नं क्षइबुल इरेरणन। देशरक्म्न मरषा झांग ब्रह्ष श्रव्र यकृछि पाक्न जन ध्रुअनिरु । नशक्मन कब्रि गौज्राब्राम फेकक्लखि ७ यूरुनिभूल षणभजिदित्रक आनबाइ नडम्बगौडूङ कश्चित्रां जश्रणम । महे करई दद्भtग्न छैiहांt:क कार्बक गाँझाँबा क८ब्बम । खिfब वषम ●हे वाiनftद्र बा१िड, डथन छैदांड जनक e छबगैौ छेउब्रहे कांनátiहण *छिड हम । निष्ठांड बां६नब्रिक थt८क*गएच औजाब्रांब इहरणै यकृखि बाब ७ aाहूड चर्ष बाइ कtनन ; शीब्रश्झनभप्द्रग्न बाचन-काइइ नमाध्जज्ञ अब्र८arरथ दिउङ्ग अर्षबाप्द्र *क्षम७फ़ॉ॥ ८wiष्॥” मtवणि अष द्वंश् १्रनििौ मम श्वन ;