পাতা:বিশ্বকোষ তৃতীয় খণ্ড.djvu/৪৭২

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क्लुखुम्लुङ्ग [ see J কান্তলোছ .कांकनश्वब्रह काँडबकिब्र अछि अंगिक, अबम इन्दद्र ७ किद्विश्व मनिम्न बक्रtश८* जाँग्न जाँहें ? ब्रांज ७ङ्गाँ*नt५ मिझौ •, ब्रहेरठ कालनttन .षिकूषि&९ जनङ्गज कहब्रल १ ७हे कास्त्रक्षिइ ७छिई। कब्रिपात ब्रिमिस्र श्रृथविरु रूख्- ! अजिब्र निर्दिछ श् । ११०१ श्रृंडे एक ७हे भकिम्ब्रग्न बि"{१ कार्षी भाइछ ७२९ भएमॉन ०१२s धुंडेरल ४हे मह९ a" नबद्रइ भलिब्र। भचिtबन्न हूड़ांश विशुरुज श्रेष्ङ गांमtनभ পৰ্যন্ত সুগঠিত, মুচিন্ত্রিত ও ফারুকার্বাঁ-হুশোভিত। এই नकिरके जtगो गाथtब्रव्र गणर्क नाहे, छिलि इहेड ईफ़ी ***ख गमलई हेडेकनिॉिउ, भक्ङ्गित्रांtण ह8क cषाभिप्रा क्रु गाथारु (क्रुरक्शैभूर्ति भीड.श्हेब्ररश्। cाषप्श्शैब्र भूॐि वाडौड ; यान्न शश्नड वर्ष भूर्भ शाकानागरण औडिभरुढि ७ गऋिष दखानि त्रिण अिफ्रनिड श्णि, उश७ মুর্ষিদর্শন কৰিলে জাৰিতে পায় । লিঙ্কে কি, এমন ***वि*िड ५क्र केxक्षानिक निभूछ काँक्रकईiवित्रि8 ऋनिन चाग्न एकाँषte ब्ररे ! . क्कनभएाइ क्इित्त्व गमक् नामक रान, थर्शन अश्, \. कार्षी, छ्नन्wiप्त इवृ। ब्रांज झींगनाश tथरे कणिक बिई*ाष णिच्ह हि 'हि1 १] नििशि८णम। ४aऎ श्ाि चश्म थोलोग ८क्tभग्न श्णडि ९ थिी...१३ ८ोव्रक्अक्षार्थक, हेक्षाबांश्नशमन्न भू6 रहेहरू रक्रमरषद्र शैन निझौत्र१ हाभडा ७ निम्नदिवोद्र कठदूब फेब्रठिणाछ कब्रिग्रांझ्णि, उtश 4हे काँलुभ१६ङ्गग्न गदिख ¢गरुमनिङ्ग tणचिंtजदे छांनी वांद्र। ४ा;ि কান্তমন্দির। विषाउ शनिक हैiन ग७नांशद्र ५भाcन ७क माद्रि झर्ण निर्मौ१ कब्रिग्राहिरणभ । कॉख°शौ [ न्] (११) कारुश कार्डिं८कग्नश *णौ, ४ठ९ ।। इष। शts: मग्याश्: "एका १टाषि, श७-गश्-नि। मनून् । কান্তপুষ্প (পুং) কান্তানি মনোরমাণি পুষ্পাণ্যস্ত, বহুত্ৰী । রক্তকাঞ্চন গাছ । कांसुग्नक (१९) पाथ९ णरुitठ भाषाशाv७, कांढ-शरा पdatर्ष कः । ननौबूक, ऊँ मणाझ् । কান্তলোহ (রী) কাষং গৌশ্রেষ্টাং কমনীয় লোম্ব। * अवशड । ९०गोशवप्नव ; cन गोरभtज बग ब्राशि, ভাৰতে তৈলবি নিক্ষেপ কৰিলে তৈল ইতস্তম্ভ বিক্ষিপ্ত