পাতা:ভারতী ১৩১৮.djvu/৭১৬

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《0여 বর্ষ, शृथॆष ኣoff l कब्रिtङ गारबन, उtष जiनि जां*वांब नश्श्रादौ इहरु ।” भूगणणाचूज नित्र जेपब्रिक अखि ब्रिाजन * কিছুতেই উছাৰে স্থানান্ত দিতে পারলেন नः। भूषिरी कशि व् श्रेtङ जानिन। गएव निज }१द्रिक नडि बरण क्लम डीtब छनंहिड श्रेब्रा cनषिtणन a nারিপুত্র উছার উপস্থিত ইৰাছ ৰন্থপূর্বেই উপস্থিম্ভ * ईश मङtग्न ॐ*itबनन डfद्यब्रांtछम । भूमण नjनूज \१निशान ननिष्ठां★भू#क बणिप्नव **३क4 श्रावि tअ२िtछ गाहे श्रछि cय चtशौकिक कवडt *बिsालन था;नम्न क्रबढाग्न मबठूणा नेtह ।" বর্ণিত গুপের নিকটেই ७को कू न । उष५ ठ भूथियो बाणकालीन निख गादश्वर्ष अ३ कू” ६३tछ ९त्र प्रtड़tजन कब्रिग्राझिtतन । निकtझे३ थ:*ाक द्रtस নিশ্বিন্ত একটি শু,প আছে : ইহান্তে তখfগতের न:५ को थोप्ले त्रि घाtछ . झई काtन 5६१६ ईठगु छ: न६१ & १% थ5ftää $िझ ७ अttछ । १ी नकल प्रोत्रा ब्रिश्नज्जी छ कक्लिक्ड छक्क ब्रtछ! मै छक्कै छक्क ९ रु,ग .ि*t१ कबिद्राविtनन , aहे ग्ttनद्र sङ्ककिंरक नक्!fs 5 ३ब्र : चtनक 84 व द*नte ९:क । cकtब tग fन नबछ च भैंइ दाज) * ॐ ३ए : श्रl१iब्र cकtन नवम्न च*प्र ५क ॐ दाश्sि DD S BBBBS BB BBBBB HHLES GHH DD DDS 81ના ટીક

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        • cथlविड रूबिा ब्राषिण । •रद्र शtअनिक षम्; न;.

ক{ল্লশ । छब्रम-निडे-३४-कि । 'रेवा, शंव ८रु ५ ठूइाद कपा जाङ • چ ۹يي، कब्रिन । ब्रांज अश्रूणकाcबेब बांtनर्थ विtजन ७क९ अिङबtन भै cवह श्रृंteब्रt cर्णन । छषंब छविचांनिर्णन कौ९रूiब्र कfद्वग्ना बलिरङ जात्रिण *aई थवथ cगोडब ८णां८कब्र विकü न६ बैौठि ७ डिडिक थछtब्र काबू ' किड़ aहेक4 4है जैौ८लt८कब्र नश्डि नझ्दtभ कद्विग्न ! भएब्र गाहाट्छ कू९मा aछात्र मा इब्र छष्झछ ऐश्tएक इडा कब्रिज्ञांप्इ ।। ७३क्रन बाडिstब्र ७ गृङ्गाब इtण সুনীতি ও জিতেজিয়গুt fক প্রকারে শোভা পাৱ ?" অtstশস্থ দেব স্তাগণ একবাক্যে বলিতে লাগিলেন “हेही भूमिक अदिवानौभ:4ब्र विषा। अशृवांप्र " नध्वाब्रttवब्र ७कन s *म भूर्लनिtक ७कहैि दूश्९y* छोब वtज : ४३ इttन ८झ बझख बुकरण नरक विमाख् ठे१६ ॐtग्नft* इठji कfग्ननां★ 5ग्नाश्रु कब्रांt७ नब्रएक পতিত হইয়াছিল । দেবদত্ত aাগ দ্রোণদানের পুত্ৰ । ६ध ° ब९aप्ले ७को छु भर्न अश्राप्लन कुम्न1 छिनि जनैठि म*टा (हा क बt;/fडु कड़िtष्ठ *ाद्रिtठन । हे छूरू ह३ब्राझिएलन । डिनि कू नत्रीभिtश्रद्र मश्ठि ७कज इ? प्र। उशिरम* दकिtजम "बाबाब्र७ दूकtमtबद्ध छlब्र ०•है-sिझ-बीtइ । श्रावtās चानक मशकद्र श्र:tझ् । षtशि ङ५lशृङttशंचकाः निि८ण शैनr* aंश् च कृङ्गि ३ि८श5न कडिsी sिfन दूकtषtवग्न निशश्रt१ब बtन विषा जग्राहेबाब csडे। कब्रिtठ लाहिtणन किल दूकब्र चासोरुइ ७यः बू(कइ छान्न श्रtोकिक श्रृंख्झिन्छात्र সারিপুঞ্জ ও মুদ্‌গদ্যপুত্র বুদ্ধের ধর্মপ্রচার করিয়৷ म कश विश्Iभू१६रु 4क क्लिङ हहेरोच्न छत्रु ७९म्राहिउ कल्लिtछ जाभिtलन । डषाङ्ग, (लखनउ निछ नक्षथएषा विषइाणम कहिब्रा बूकtक थनाम कबिराब मबद्र श्ठा। कfबtड़ अtaन कfद्रtनन ! *itब्र च कार्षjशृोषtन चtवक पूब श्tठ sई श:न श्रानिब्रा ठेगरिङ इश्व नाज नृषिशे विषा इश्ण अवः ठिनि औरtड नब्रकश्रृंtबौ हरेtजम । हेहाडहे नचिt१ थञ्च ७क♚ ५itण, कूकाणि डिकूनै दूषणप्रद ऋ*न यsाश कaिजा बीरड, नstरू भिन्नtहित ! खtऋ१कछा ऽिछि यूरू८क निन्झ कब्रिब्र दौवrड ब*एक cऽयंछेिड इश्द्राहिल ।। 4क नगरः।