পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/২৪৭

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જન્મજ્ઞત્વના ત્ર નાના નિરૂ अtitदेण्य॥ लरे क्या ररेण कल कन अश्लि कश्निाब cर, वरॉकdरे श्रकृिबि छांद्वङ-इकिल इलिंक केनश्लि मा हरेक नाव, थरेकन कारी थांशद बनाक चांश् िनिरशविज् कवि । cनरे क्बि इहेछ यिदै गारु वारा किङ्क विविदाइ चोक्छक नििथिछ जत्रिणाश्। डरम झब झब छाँ दिङ्ग हरेइरइ cश्, फोब्रफइ cजक प३ि कििछ मिल ५क रा कर, छोश श्रेण ५८ग्नर चचच् चr६क झ१० जून श्रेण गाःब! श्राव गर्राउ पिरे दिा विकिड शख्त्रिाव झर् छेोबिउ क्रह्नेिछ वा नांदेडहि । किक कि कदिर, नकणरे चाननांइ निबद्र चोर्सब ब्रछ शस्त । षांशष्ठ cशषद इन-cवांत्र्ब रक, मछन. छिच चन्न citस्रे कब्रिश पाएकम । दछ cबार ब इर, बिा-कई फेनजरक कएकछबि cनांख्एक दरगाह शाश्वा भक श्नि कि इरे बि थांश६ शिक्षा पिरश्त्र। किष्ट भोग्नुझ३८नाक्दा दिशरण बच्न बांशरउ ५क शृं श्री भांश,५कन कररी रूण वरबद्म श्री थारश् ? "ऐउिगूलं कणिकाऊाइ बाड़क्त वैदूङ cभक्वबांष *ीकृत्वह बिकके वाँब *हिंछि रहे ? उपग्नर शक्रिस् १शश निकई रहेज करना শুন গং পোৱা ৰো মিৰাল না" आशा अतििीउ इवोति गन पनि चाइ-प्रज्यश्वु चा३ि न शत्र त्रश्न अग्निार। क्रीशान भरे अस्य कण इक्षिा नाइ। थाश्धानि अकू क्रुशंबि कैtनद छांश cाष्टिश र । cर शिक *रित्र चण ९ cबोकांद बाछन। बाबाङ अब कि भड़ बाणैरछ बुंदेल रहेन९cबीका कदिा बरिड रश्। भृक मि चौका कशि - o