পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৩৬২

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इक्लोन ७ वीरजी-नॉरेिका tनरेक्कन अॉर्कदर, चनांtरंकदिल्ली क्षरण, शृद्धिं छब्बकङ्ग क्लबदाँty # এই গে দক্ষণা-দেশে, अंषश्७ fदृशं ?ंश्, चारी-अङ्ग भा, छिद्र कूटौं । দাপরের শেষ-জ্ঞাগে, इचंबई-थइब्बांटनं, अबोव्रक्ष भरी कप्ट छनि ! ক্ৰমে ৰত অনাচায়, শ্লেষ করে পন্ধিছা, আর্থ-স্কৃষি হ'ল রেঙ্গ-দেশ। कफ छैौर्ष अकफैन, করিলেন মুনিগণ, cषद हरदौत्रप्नब eरक्न ॥ { श्रृं. १-१s) बानिक इवाश्क्रन, नूiष्ठ छङ्गनफान,