পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৫৩১

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: 8Ե-Հ ●बानी-शष, २००४.t *** छन, २त २० •त्र४क क्षेत्रं क्षुवि fश्टङ्ग षट्क” श्रict fञैश्छfङ्गं गं, লঙ্কাতে ফেসমাজে মুখ না দেখাই, তার লীলাখেলা-কৃষ্ঠেয় মেলf fদৰ নিশা ভেদ নাই । छैitज्ञ मटर लtन गां★णl cछjण, बiछtछा मांtन नाँ छांद्र, क७iरण शिtण थप्न डेव्ह करेब्र थांद्र, ठांद्र बारे ८कांन उ१, कगोप्न थां७न, बांशांद्र वङ गांश cषणां★ ॥ गाढ़ा हूण ऐंठ गङ्गबहेछ। चोरेब बाब कि कोरेज ऋा,

  • टिङ्ग ४१ बजब कछ रू*ांcन करब्र 1

এই গান অপেক্ষাকৃত আধুনিক। পূর্বে গাজনে बदनांष gद१ cफ़ौक्लकै निकां दिवग्नक नांना गर्छौछ गैड হইত ; এখন ক্রমশঃ তাহ লোপ পাইয়া সেই স্থানে ब्राशाक्लक, ब्राश्णऋर्ष, छोब्रथ अङ्घछि अनश्किोग्न थाक्ल করিতেছে। ইহাতে প্রাচীন ধারাটি ষে ক্ষুণ্ণ হইতেছে उठांश बजाहे वांछ्जा । - প্রাচীন বঙ্গসাহিত্যে বারমাসী একটি বিশিষ্ট স্থান चषिकांग्न कब्रिड्रा चारह ; झछ कष्ट्र नानासाहब थोप्लेौन कदिग्रं८१ब्र मनाक cशांला निब्रांtइ, डांझांब्रहे दिछिज इदि ফুটিয়া উঠিয়াছে তাহাদের কাৰ্য ও সঙ্গীতে— कांtन ब्राषी छठभूर्षी निरन ब्रखनी । cनांशिव छांकिब्र cनज बूहे cन जक्रांजिनौ ॥ &वचांथ भोप्नब इइथ ८लांब विग्न बम । जांबांधक छांकृिग्रl cगज बैबद्दनाङ्ग बन्दन ॥ ८ख cषtह्म शांङ्घ्रिह्म बिज श' ब१िश्tद्म । वघूद्म वांछ्रज शश् च1cयि बi॥ ॥ कोनिष्ठ कोचिट्ठ भूह इ*लांभ बिलि । जछनिर्बौ ब्रॉषांङ्ग छtच कष्ङ थां८इ छळ । बयङ्ग-लकांब बारे भडूब cनषत्र । वृन्वांवरम बांडे खनि cकांकिन *कम ॥ tखाjछे भांप्नब्र इट्टर्ष कि कश्वि जांब्र । बांबांtक (कजिब्रl gनंश पवधिंद्र थांकांब्र । छिंडांग्न थांकूण छछू धोन इक्वेज cनष । चात्राब्र क्टिव्हटन वडूcणन छिद्र cनन ॥ * ब्रखभां२ण बांदे cबांब्र ७हिछ*नांब्र । होबिल झुष८ग्न cणंज ज1थनिश जांच ॥ tडांबांक कांब्रt१ cमॉब्र यांन बcर हिब ॥ जांबांtद्ध कब्रिजां यडू कू८णब्र शांहिब ॥ जांबांक्ल भांtनग्न हुई६ cचीन गिब्रां अब ।। मधूब ब्रहेण कृक जड़ेब्रा cत्रागैोत्र१ ॥ কৃষ্ণ ৰাটের প্রভু তোম না দেখিলে। ङीबिंजाब ब्रथजै गांच्च बभौ जड़ेज छरज ॥ कि कब्बिर ८कांशjग्न दां चैव छै*ांश्च अl cशfथे । अब्रॉनि डाखिtण ८षन भब्रज cरु खचि ॥. कनिrण ८गांब्रांडि बांझे तुष्ठिरल मॉड़े ८ निव्छ । चांबांरब्र इक्लेिब्रl cकॉषां ब्रदेणl cब्र cनांविन्, ॥

    • कांश्च विप्न थडू बाव विण ह*ि ॥ बोक्न बाँध्नङ्ग इंक के कलि छैठं ! चधेि जॉनिtन cषब पैनं सन कांd g. बहिब्राँ नहौज्ञ cशांङ्ग ?खल छब्रांकांब्र ! cरैक्टिक क्रांरे बडू गरे कि थककांब ॥ बन्जिन गरि aफू अझै cन इःथ जानि । cङ्जांब्र बर्षिजां ब्रांश! हैजाँ सटवब्र छfनैौ ॥ जांछ गांइ न बूसिग्ना दांप्लांऐणांव छांर । জেলার ছায়ালাম প্ৰভু এই সে হইল গাত ॥ यूरे बगि जानिजांश यडू बड़ेब पूबtश्नं । जरब ८कटन बछांनिनौ बांग्लांडेपछांभ बां८वनं ॥

छांज भांtनब्र इ६ष गहब जी वांछ । खडीभित्रौ ब्रांबांब्र यां१ कविल जौलांब्र । चांहांtब्र कांब्रा* विषि क्जिा ७७ इgष । खांङ्ग बl cशिर बङ्गृ ष्ठश्च गभीन भूु ॥ छूवि उ ब्रनिक क्लक ब्रध्नब बाजब ।। जांभांप्ब्र छूषांश्ड1cत्रण चकूण नांत्रब्र ॥ छूबांश्ब्रा गात्रब ऋश कून बाहि गान् । @ @ @ 變 @ पूहिब्र cबक्लॉरें ॥ जांचिब थांप्नब्र इ३ष cषांब छांब ब्रांद्र । छेfäज नांदृशंङ्ग विद गहन न शांद्र ॥ गकण श्रृंग्रैौa cबांग्ला दल धब्रषब्र । *ीब्रिछि जांब८ण cभांब्र-कट्लबब्र = खणि बजि üü-नहब बौं गांग्र । fझ नििष gकथंघ्नि क्षींश्च न1gधि ऎळैशfन ॥ विद खांटल &घां* cबॉब्र नहेिग्नt cण दtञ्च ॥ हिब्रांब्र बांकांटब्र cन्Titछ बिषांन बाँ पां★ ॥ शरवव्र बांकांटग्रं कुक हॉबिज cधब cनण । cधां* जश्ब्रा अडू cवांद्र cकांनcवप्न cनण ॥ कॉर्डिंक भारमब्र इ३ष cलीन वा१ गर्षि । #ीब्रिठि ख्यांनtण थोधि अब्लिक (हब cप्रचेि ? dकिब्र #ीब्लिद्धि काव्ष ब्रांदी ब्रणवड) । कि कब्रिव ८कांशांब्र शांझेद हिब्र बटङ् बडि ॥ खहिब्रू हहेग्नीं अङि बबि cछलांछब्र । १ब्राiहेtछ बी श्रृंॉद्धिं छिंख घनcष जडब्ल ॥ कि कब्रिष cकांषांश शाश्व बांiहे बू[क बन । चवृठ इञ्चिब्रां निण ब्रtविब्रा नब्रज ॥ होहांकों★ कब्रि छैtॐ ●वांनं बार हिङ्ग ? ब्रजांtवांड cष८झन बब्रांtन क८ह् औन्न जऑ१ बांप्नष्ठ उवू भूक्लिज बांखtव । cनानांद्र नबौद्र cवाब थांश्ण षष पूव ॥ जांहl cब्र पांब्रन किर्षि ८कब cहब कला । अत्राष जबूज बाषा थांबांटक cकजिणां ॥ ●थm* कवि *ीब्रिछिब्ब बtè ८कtब हिड । फूभि ठ ब्रनिक ●डू बाँनद्र गडिङ ॥ cरुणांक वषिज7at१ धूई cन जरूोविनी। tबोभित्रौ हर्हेब्रl षोंदेव ब्रार्केक जोखवि ? कोट्ध्न नेि रुणिर gष बां★वाँ कईकल ! ‘डांख्,ि कूण, यां4, चब हांब्रांश्णांव नकल ॥