পাতা:আর্য্যদর্শন - তৃতীয় খণ্ড.pdf/২৩৪

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  1. भाश्ऋिकब्र इन्द्रैिरान ।

ՎՀԿ हरेन (ss11 कि डनाइड , बिहीन জঙ্কিম্বায়ন, স্বলে দু কৌশলে পঙ্কের রাজা ছন্দ্রে ক্ষৰ স্বজ্ঞাত্তা পয়ুক্ষষ্ঠ, আৰু এৰু बन बैिौझ लखन वङ्गठि वागकाक छैक्लाइ टैंक बिक निदाइजन झ्ुक्क फुक्ल| | कुँका नाकाष्ठs gताएकब्र बाबऋक वाहिक | कबद्ध चब प्रचमङ्ग नहिंदर्तिम ! ! • कtग* कि अ*का मखाबी निबडि লেমিৰ কি মিলাঞ্ছল শল্পিৰৰ্ৱন ! ক্ষে লক্ষীৰ चांशॆी मर्रिं **दवि चनिवा मि्रौष्यः। | ग्रामकृढ़ नूfगान ग्रांत्रिागान गमागैौन हर्हेब्र u SBBSSBBBB SHD DSTC Di আইলে । ইয়ার লঙ্ক ৰঞ্জিয় গাছ মোগল সমুটি মহম্মদ লাছাকে পরাজিত করিয়া এই মণি গ্রহণ করেন। নাদিরের हठाङ्ग क्षह क्राङ्मगब आशत्रक नाइ हेछ। প্রাপ্ত ছছেন। জাহাঙ্গন লাহেব,পরলো यासिब नत्र ३श कनीक फेडबांबिकागे न | इस्राब्रइञ्चन्नक झा ॥ मझांझब ब्र"ञ्चि६ जि६झ ग क्लबाकलङ्गाबिष्ठ कfबच्चl मई (чак) Ктріте іп Авів, р, В51, . ΗΨΗ) ৰোহিৰেrইতিবৃত্ত ਆਿ। चडूफ । किचनचौं बन्नकांद्रह uहे बनि cचांगङ्गचtञ्च चांकह कर्वेदक केंद्रद्धानिक इकेंद्र महाँद्रात्र कार्कीब आविकारब चार्क । ठ६नङ्ग इंह चॅब्रबिभौ-ड्राइबढ़ चिप्लाङ्कषक छूर्कन अकाचैौम्फ चागाडऔन أهم * "ঙ্কিাৰ *ત્તિ શત તાહ ऋकन नाiन ब्राचचत्र कान करेrन ঐ দি মােগলবিগের দিয়ে ब्र*ि द्वाइन कहत्वन। प्रकटनं हैंह हैं६ज्ञtद्य|चौर प्रझ लाख्नन बहिबारक। अविड |चांदइ, अकन ब्रैिक, बाल-मकिनिक्ि ८काश्नृिएाद्र वृगा बिज्ञांना कबरक कनबि९ লিছ ছালির স্বলিঙ্গছিলেন এলুক্ষো কিম্বৰ পাছ হুক্তি।" অর্থাৎ গজলেই ३श नृत्यादिकागैत्र निको श्रेr७ ब्लग भू#क काफिक नईशष्s ।। " to Kaye'. History of the ßepoy kar-Wol I. F. 壘冒,