পাতা:ছবি - শরৎচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়.pdf/৪৯

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का गश ७५ ईांद्र नश-क्षिा-दी, भांद्र शांति। चैत्र शै७ LBBD DBLDD tB DD BDB DEE D फूनिशन (, उन 'श्व ऊँशब्र७ था सि दरिद्ररेशा D SSSSS D DD DD BD DDB K uDBBD शांशिाशन, छिनि (थक्शन श्न नश्ा शाश्छ bांशियश्न, उ५न गद्रकांद्रिल कि ऊँद्र (श फांद्र ठिला६ ट्रैष्ठि गांश नारे, ५ कि छाशा दिन ना ? छाशन ए कि यी नारे ! उारांश केि श्रांश1 भांद्र खरे ब्रांकरे भाग D D S SBDS B DBBD D D DDDD DDBS DDD S SD SiD BBuD BBB बाहिर िरुझाि ? gनि क्लठ कि ! डि आशंइ छ BD DD DD DBD BDB tuDDD BBSS EL श्रद्ध (१७ा 5ाई-भानक विनिन (पशिांछ का 5ांशै। कि BB DB D S SLES S DD S s হইয়া উঠিলেন। চােখ মুছিয়া বলিলেন, ভাই, যা হবার সে ত হয়েছে, আর বাইরে গিয়ে কি হবে! রাতটা কাটুক না। शिलांभ, अनक कांच, ना (अंगरे (सनल। তিনি বুলিলেন, হােক কাজ, তুমি বসে। 教●