এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।
२१y প্রাণী-জ্যৈষ্ঠ, ১৩৩৬ [ ২৯৭ ভাগ ১ম খণ্ড (गणै रिशशोद्गां द्रक्षञरे औजक-शृङ्गानि वैश्रौ शिनलििौ ब्रश्ञरे शैलक्, .ि५ '(नांसानश प्रौं गां तृश्शरे शशैशष्टाश् औनलाई क्गा। शिी शक्षां छांशं "गांऱ' नांश् धर? 'ो। िि। क् िशैक्ञात शशक्वज्जिाउ (नौष्ट्रिांत्रिौ ब्रश्टरे ऐ\गर्श स्थग्निाश्न। ििने षषाएँ थी गा `वैशशैििनशैिशिश् ५गत १गशशश्छित घर्शाना गछि गiिो आश। (श?"हः सरे éन कमिश्न। गथउि शिन घाशि ििन विशािन्ता कि ५ गाई ल्लिन वृशान रुरि छाप्रििशेश्।