পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৫৪৫

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

θυν गिर शरैग्नश्। छांशं**ान अलौ शौ ,ि शं ? "रि बशिश : {# सू, पर शा ¢र (गांग श। शांग शर्फे 0 गिक ििर्मा, ति शंग्ट्स (कां छांक्षा रारारे छैछ, बाँ ि। द्दि घाँशु झा (१ गगााि शरशं, { शतबन्त। ग्नि छै: ऐ रारशंस (शन (ग्रनरे। चशा रेएाका काँगाभेगू नगरे। शकँगरेण जंग शीठांश। कशिशं तृषा, श५ ३एाव ििशै १शा. अशितः।। ौीर्घी।। १ीतःि श्ां १िीमि, ५ {ानै १शाक्षागाईज़रे। शक सूक् शंशः ई पंख्या इणशांशामि। देशंछtनै शशंकांक्षांशाः (रांत शां, झए गिरां ९ (ौरिः कीठ का, dरः (शान छै; (ग शौर्शोौ१शंद्राक्षांशां★ (*ाः अक्ष हो।%"। – राइ छारु रुीि \মণ াৈর কারfোড়া স্থা মৃগয়া। ििरष्ा निगरि्तशान्तरम् ॥ांग प्लाग गश्तौ गङांकि हरेरन। शां ভূপেন্ধা বড় নাট্যশালা সন্তা কাrি कांग(** श्रेण कशिा छठिा कठिः शरैरन। उशीरशं:१क्षांस्माण गठशशि कक्ष कांगशेरन। ¢त्झग{6गाशौtगर शश गजंश् िक्षेत्र अंगरेछ। ११ झेल्न, छाला कण(नै शांइक्षति इीि ५ पैनि प्रिक् इश्मिर शरद्द रंग कृपतिर्मरबाइल बालबाए। • কারখানার প্রমকালের দৈর্ঘ্য ४. h) प्रिण भागीरांग्गै आौिन्नि ६/१भूषिौ ग{tात्र काशांनी बंतिम १शास्त्र गठि शिशिगन,मिव गांशै ठून नरे। ५१त हैधास परे नं रणा १rा गठि रिनं रगिाउइन। dरे १ता वांछ २%* {बाई घोगिनांइ छांनाउ; शङ्का (नै १ौ शोस् (बारानाश, (नक्ः हैएाकार थ५ षांतिरे सैतिाहिन; क्इि देगाक्ष शङ्काः अत्र थ५ सैगि एवं रणा १H। षष्ठ षत्रिक सांद्रश्नांसांगा; इंग्लि९dरे शिा रेंजtश शउ{नांौ।। ं (नाला। रा, खनिजैः निि१ीनां शंशाउ (रनै शिनि ऐ१ नश,6रे बारे धान कांक्शना;'वंश्क्रिा अंश्कलाई षांtरे रौक्षि tास; इहैप्लांश्लि। - गैग़ै७भगढ़ ब्रवीडिा (शास्त्र भरे खून २भ**षाई शैता, सगिरांठा ९षत्र (शंभ (शन *शब्द शंकष्क् ि(शंकक्ष श्रेषांह। di१ (शंक्शश गर्श d** ५ठ (नैि, f, fस्रे प्रिषाप्रस् ब्रांति (प्रिसद्मा १आफ्नै घाँति 研林函旧 ৩শে াৈর দৈনিক কাজে দেখিড়েছি, মীরাটিং বেদা মৰা গান্ধ ীেমূলি ;ি বাক্ষার্ড (व रङ्गुशं षङ्गान् नििश्ा रेतः क्षी रतििर (हे शिश्न, (, श्रांगणैशाचांबउिल्ठां★रिल्लारी, शश शे, tागरई ख्रिश्न शंग अस् ि(क्षांस् ऎ"गितिः स्तः, ऐणातःि। शॆ गतः सं शिां चन्त्नि गििगिर ज्ञासागै शंकुशै ।ि ¢शं५ कशिंद्र क्छ ईसांसू • घांतईत क्मि रशि७ श्र िन, द्दि छ कि अंग्रा कार्बगैा नःि श्रै' वणि तिारः ७ शशा शशि ो शीरा पिीि शक्तित्व ज्यापिरश्र सि। Jा रङ्ग झ. गृसिकैगा स्थिशास्

  • यर भी '********** (नै संग्शनसंस्थत रेशशङ्गचा ४ १ीत शब शीत न, भैं?" गि गया। लिगति गर्शनग्नि पश्शिीत घाषांउ शीराः dो o: * सा रे ग रेसरु शशा aाराशा “್ಲಿ? ****ीण रिङ्गणशिा रांति स्म। ७भ*?कtiी संगिकांश ឍo គ្រឹះ तिरहतrरोग्रेणगीकरणाचार्भ सा तेश