পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৭৬৯

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trvwx ५। नििः-"गंगां कान्तर्वा क्ज्यौगि" (१ष्ट्र ૧R) tान्नानां★:-स्मृशत्र, स्त्रीो, शक्षा, शंकाएंत्रांश्चांतः। ५) । (कोशिां★ ?-षिः तिांiफ़ि ब्लग 3 (कांतिांiः।" (*६५) शं-ान कृशाशt] कितिाॉा बांश दृशभत्र। कांi१ ऐशं शीर्ष छां षशन शं शtान इरे १५ ििछ शा। कृशा गीत तिीतःि। कालातिां शनि् (रीं) :िGति॥ नैष्, क९ि नं★ाठ (कॉो। १ठ (सांशिांन र १ीइ। थी *#छ बग्नां गिारेहांत "ििक्व' कण। ৭। "-" দা মালি" (项叫n) शंग,ति, झाँक्,तिल, १छ्,(क्रो, प्ली-रे श्रीशौ क्षि: बरी५ छृङ्गिा िितः प्रकाशभरेि तृती। (षा)|ntदू थति ?ई। रांश tा' गर्नगरे 4तृ" १शांशं। (*शा शं★ र:-(*वृ। :ि-१कृ। :िthાઇ-ભિૌા -ારાજા-રામ- મો कठि-शास्त! बांग्लौठ-१fआ। ३५-0alepalm.

    • । कन:-"शीथकाः गान वन १# थिा शंति ইলন্ত গোড়া "(১৭)

शृशां "परम्कांनाक्षन्नाग्नि' अरे बक्ष र सांगांशब्द गिी 4क अकां★ नानः कश घाई। सांगां६ ७ घ१# 4कर्णाॉई। খ। জা:-" সে এঠিন" "" (q \lo) भइ बांश:-ाल्गुण, बथिा, छि, श्रीमगंो, छ", "झो, अिति|(ििग१७)। बा यष् िहूण१ी।। १ांश्ांगी शूशं वरांग् काङ्ग षोा। "शांश् गङ्गां*" रगिाए{इ रक्रि१ि१श शी। शांग बशंरे पूँर थछि। पूंक बर्षा९ नग। १*पूरी छत शब्द श्वा। नीर, शै७ ५ ज्ञांग थझूठ ब्राक्ष क्षांमृगशl"कॉशिंग रपि{ां शश बाहूणा सशरगि५ रेशररीतून नि, wर लो शमन बरे। ििन अशांगां★ tश्शब् बताएगा गांग र{ $ा तiिrछ iिान। शंकी कहे शं शिा8 शि* { रेति ििण िितः, एषिीका। षनांग्रेलि १ीनि।। ७:। बर्-ग्रांगा */१श्न शंश्दवृनश:"tशा शष्णविादृिशानीfः "((१)R४) बा बांगाथाि बां★।'वारि शश थाश रणन १ाजन बारे। तिरु tाक्वार्द्रौणिं शतधकां* ठिण थकांन बाख्रा स्रा स्थिान। यी झा शा माग भी। राश***ा कांगकांश। शैि। ब्रांबद देश इक्ग १श,ि गात्क्षतःि।(१ीगणशता। शैिो ृतिः, ऐं ह्रूं ि tशी शं, बांग्लाः शशंकाशैगाबू जर्षीररांग कf। छह श्रेणtशी कांगकांश। " প্রাণী-জ্ঞা, Y909 [૧:૧૬, ૧૧ शंगांश् : राशश: शी-कांगशां★। :ि-शः। बिांग। -िा। अ-शाबाig। स:-ति। ४:-नांश्शः। अ-शांकांनी। (शीशंशानांष: शं:-ानबां★रtशीयांश। :ि-शब्व, ছোট স্থা। যা-দী"। :-দাগা, छूशीशः। स:-ांछि। ठ:-ौल॥ि गंगा"ीठिानश्रांश्"ििशी शी दूरे हिनt१, ििने कांगबांशा रविं क#िांtान! थां★ श्री) {१ गणशः १ीत्,७i१िे ग्रह्णनििहतः।

  • । उषांन:-"प्लाकझर्मष्ठ श्रौण्षांशठांगोरक्षांगैिण' (tנטנז)

জল্পনা - খ্রিষ্টম; ভূম,নীলা, নীলঞ্জ, মাল। धरे एान ग्रांप्त पृष् स्न र॥ि रेशं; कांगश् शं★। छज्ञ अर्ष, शर्त (छि बाँकत्र को शं। लोि ७ {{- এ ছা :-"ী "িাঙ্কাষ্টি कांई। # १५॥ - थानां★:-रश्छि,ग¢विं★, ११७, इकणज, शृक्षांशक्छौ, ढ़ांशङ्खनौ, बांशांश्नौ,ॐश्झौ शैकल्लौ। ឆែ្ក ទុ - – ក្ - 4–ទៅ ៦-វ៉ី ! য়ৈ-স্লাগা। :-Riী। মা-লাল। :«İnı äs-f# | fiw | «fifiş-Piper Bdä. who ŘEl Milure di areanut sicer, belel laves, lime looms to witHote beld plant, शांत ज्वरो (बेँस् ि। श्रेष्ठ गिर्भ আদিতেছে। w। एांशै:-“एषांश-एांगोश्वघ्नविनोग "(* १५st) “छाँग" ७'अंगै" रु बर्षात्रु।.अंश ११ देिछिI, blitញ (To ( o शं:-एांश*ांश्। :ि-एj;। श:-wi। १:-श। ಥ್ರ:-ಳ್ಲಾ?! :-೪#| ಇ-f! ७। शिात् -"व १,ंीशालिनः नागौ गिरििशप्; वाशित।" (*.})

  • शबांशांtान यहि ठिन १ीः। देशंइ श३िण नां★llam jai, तसिा.े मणिप्रार्धे॥१िितः।

1. पूर्वी:-गdष्ठिाएँ तिन:ि { थर्माण अभिशानीष्म्" (दू १ ) अग्नितिः-,ि घना, ***स्,ि शिंगै fी का ({{गाव) ो पूर्तीरे बांशश गरी पूर्त। गैशश नापूर्ती शुं निश्१िीर्र्) षीत्। शशिशैिर्तिी शप्ताङ्गी, ऐशा उर्श* शशाङ्गठि। १७भूर्तीः दूर्ण श; रेर कांग्छूर्शन गर्छ। १शतीशशक्षात। ,િ હા-ss]