পাতা:প্রবাসী (একত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/২৯২

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९* न६थrाँ1 $*ब्र हfख ब्रांसिंधां **थं क८ब्र । किछ ७ ग्रंझर्छ चमा dरू पर्सनां हरै८७ जऎब्रl ७षांप्न चांtब्रां★ कब्र हरेहां८झ } ७ गमब्र नवांव चांभांनिगंtश्च ७द९ छांकब्र कांdछैॉब्र অঞ্চলের “দিগনগয়ে” ও শিবির খাটাইয়াছিলেন ; इब्र श्रेज cब, फेख्इ अंकहे चअनन्त्र श्रेब अकाब्र भूर्तउँौट्द्र ॥ांनकब्रांद्र (बइब्रमशूद्र कTांझेनरभके इ३८उ छांब्र माहेण कि८१) च्षांगिब्रा गांक्रां९ कब्रिटबन ॥ ५३ हांप्न बांनैौबगैं बफ़ बफ़ ॐाबू भाफ़ कब्रिब नाना बांग्नचरब्र गांबहेि८णन । जकि हर्हेब्बांटक ७lहे रूषां ङिनि छांख्रिक्षि८ु अयंष्ांब्र . ब्रिध्रां श्रृिणन, ५५१ । টাশ্যে যুদ্ধের সব উদ্যোগ ও সতর্কতা ছাড়িয়া मेग्न भांब्रार्ट नृझांब्रह्मब्र छेशृशंग्न निबाब्र अछ शंउँौ :धाफ़ ७ष९ नांनांथकांग्र दशम्ना अदा ब्रङ्ग e cथणां९ একত্র জুটাইলেন। এইরূপে ভাস্কবের সব সন্দেহ দূর হইল, সে নিজ কৰ্ম্মচারী বযুদী গাইকোয়াড়েব নিষেধ মানিল না । ( २२ ) ७१ग्न रूid?ांब्रl इiज्जिघ्नां गंत्रl *ांब्र श्धा ७०७ भांफ्रैं ১৭৪৪ ( ১লা বৈশাখ ) সৈন্যসহ পলাশীতে আসিয়া তাৰু १॥tाहेब ब्रश्रिण। ७षान ३३tङ भानकब्र भv माहेण উত্তরে। পরদিন ( ৩১এ মার্চ ) বাইশ জন সর্দার ७द९ ५* शंजांब्र अवां८ब्रांशै। भांब नएच जड़ेब्र छांकञ्च भनिहिब्रांश्च cशोष्ठूिण । वैश्छ११ वांश्ःिब्रब्र भां।े नःि। দূরে থাকিল ; ভাষ্কর একুশজন সর্দার + এবং বিশ পচিশজন নিম্নধৰ্ম্মচারীর সহিত দরবারের তাবুতে প্রবেশ করিল। তাবুর চারিপাশে কাপড়ের ডবল দেওয়াল ( কানাং ) ছিল, এবং সেই দুই সার কানাতের कैi८क नयां८बब्र चtनकeणि बांश बांझ बलिट्टे मिथझ्छ दूषक नछ नूकाश्श श्नि । वांश्रिब चांबe चानक ॐाबू धाफी कब्र झिण, उiशब्र चाफ़ॉरण नवाप्वञ्च चनर्श 3.

  • I)ignagur-श्रीश! एऎखि ७२ श्णि चिह्4-श्रेष 4:ि ईबांब *इह हरेरछ sv बारेण डेखङ्ग-श्रृंकिब (cब्रtवप्नब १नR बJाँ* ) ॥ v + चर्षी१ ब्रपूर्वी भारेकांबांछ छिद्र थगब ss बन बांबाi cननांगछि aन१चॉजी डॉ६ ७ छोइ जांइबम ॥

१* श्ोंझांश1 ।। ఫిటరీ चचांtब्राहौ दैनछ शॉर्डौं अंङ्घाँ* पूंकड़ नॉtण अंडल एऍग्रां नैौब्रटप घटनक कब्रिटफर्हेिण ? भांब्रार्टांब्रां ऊांशानब्र cनधि८ङ नार्हेण नां । छत्रब cनरें छब्रिन-गकfनधन cणाक नश्वा बमबांग्लबब्र ॐांबूएउ अंtवन कब्रिण ७ष९ ऋब जब अंicच cवषाcन নৰাৰ গীতে ৰলিয়া ছিলেন সেদিকে ধীরে ধীয়ে फ्ब्रांप्लग्न छैनब्र निद्रा च शृणङ्ग हईtड जांनिन । भधनि डाहांब्र ●थंदवप्लब नग्न छां नषां८षब्र छांक८ब्रब्रां वांश्ब्रि झऐ८फ़्छ °र्की ८कलिब्रा भफ़ि किञ्चl *ख कब्रिड्रां रौषिब्रां शिण ; भांब्रॉ*ांटशब পলাইবার জশ্বৰ লাহাধ্যার্থ সেনাসামন্ত জানিবার পথ ৰন্ধ इहेण । टर्थम चालौवर्णौ श्कूष निष्णन-“मांब्र ♛हे जघणा कांक्ङ्गिरवब्र” । चशनि नबाबद्र गङ्घर्ष शहेहउ चशछब्र११ এবং দু-পাশে কানাতে লুকান সৈন্তগণ ছুটিয়া জাগিয়া ভাস্করের দলকৈ আক্রমণ করিল। মারাঠারাও তলোয়ার भूजिब्रां चांज्रब्रक्रांब्र ८कहे कब्रिज, किरू छांशं८भङ्ग चम*** সংখ্যায় অনেক বেশী, আক্রমণ আকস্মিক, এবং স্থানও অত্যন্ত সঙ্কীর্ণ বলিয়া সকলেই মারা পড়িল । ৬ ৰাছিরে नवiवव्र ग्राट्ट्य ग्रश्व *श्ना हिiब्र ब्रिह्म। क्षtब्रा*६गछनजरक जांकभ१ कब्रिण । [ dहे इडाॉब्र विदब्रण চন্দননগর হুষ্টতে পণ্ডিচেরীতে ১২ মে লিখিত পত্রেও আছে । ] भूप्नब्र ६१भ नेिब्राहे नवांद उँiबूब निझरमब्र नब्रवं विदा সরিয়া পড়েন, এবং আশ্চৰ্য্য ধীরতার সহিত একপাটি शब्रांप्न! खूङl धूचिच्च दाश्ब्रि कब्रियांब्र जछि बिंजर कब्रिड्रां তবে হাতীর পিঠে উঠিয়া বসেন। তাছার পর গৰ भां★ाठ-नकांब्रट्नब्र निःt*ष कब्रिञ्च भांब्रां इऍबांटष् सनिब्रां ७द९ “ख्छांकृ८ब्रव्र भांथां काठिंब्रां यांनिध्र! चांघांक ८छ्थांe* sक्रंशं बांङ्ग-बांब्र बलेिश्व।। ६५न निःश्वश् श्रॆष्णन्, उधन। *नांइषांन भांब्रा*-६गप्नांब आकांकादन कब्रिवांब्र चना • गनिवृत्न चरणपन्न निषिउ । निश्छाडि पालन ६३ वषरका कांकरङ्गब1शक्ति कोझेिद्रां ॐांबूझे बांद्रां#-नर्वाहप्रब छैनंछ cकणिब्र विद्रा DDDD DDS MkS DDD DDD DD DS DDDD DDDD DDDDD थांबा?ाप्नब गरन बूएख विभिन्न भिचांझ्जि । जनश्च बक कीदिनॆी, इष अवांब किडूच4 कथांबाँउँी वजिवांछ *ङ्ग छाँक८इइ विकल्ले भिक्षां *क ७बग्न कर्मेिंद्रां ॐांबू हररङ जति गtड़न अक्र खांशइ श्रृंद्र बांद्रां#ाप्नद्र धून कहा इश,-ऐशब cकांप्वा चिखि नॉरे ।