পাতা:প্রবাসী (দ্বাত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৯১৩

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ووایز cकांच्णांबीब्र कानब cबण-शांविैद्र दरच यवान कक्रिड क्षिवां दिवांद চাৰিজালে । ज९कांट्री घांन शऐटकाdद्र किोबगछि अरकत बैबूड वचषनाष बूथानाशात्र भशभत बांधनॉरीब विछिद्र यस्थि$ांप्न निधणिपिछन्नानं कांन कविता मरीगांवांद्वानंद्र विtwव दछदांशंई इश्ब्रांघइन : कराख जत्रूणकांब जबिछि সাধারণ পুতকালয় দীনবন্ধু পাঠশালা cवांव कोण1 विक्रriणष्ट्र সমাজসেবক সজা शैक्षजू नद्रकांब वशनप्त्वा चtबउनिक विशांणरा इऐ वजू अकषांना छब्रङदtर्वत्र ७ बघरषरवत्र बTीनं शॉन कब्रिब्रां८छ्न ॥ घांन करणञ्च भड4ब वहाइब इोबोझ बिणिक कभिल्लेह शाख e००९ भठ ♚क बांब कञ्चिद्वा गिबाहिरणन । अ३ sीकाठी उछ कवि*ि किक्रन छांटव वाच्च कक्रिख बनइ कविब्रांtइन, खांशं जकरजरै जॉनिटख छोप्र। कविरिक अकां विवृछि क्रिड चक्रबाष कक्रिडश् ि॥-पूगवा चक यांचूटबछै अदेवान्छध्वांकछ ब्रांद्र कणिकांख1 चच दिशाणाद्र शज ॥ ss२१ ऋन डिनि बाॉब्लेडूरणभंन नंबौकांब छैठौ4 इव । बवांब ठिनि ऐलकबी जाहिtछा दिडौइ cअनौब्र जनांननए क्-ि4 नंद्रीचकांब छैठौर्ष हऐबांधक्ष्व । ভাশকাল ক্ষও সোসাইটি— वरणब्र थघटकहन हरेरल वांछांजौब1 ऐशब्र वडिवांक्चक्रनं चप्पर्नौजख अंदन कवित्वांश्रिणव । »s०e गरबब्र ७०७ जांचिन चप्पर्नौ वज्ञनिटब्रव्र अछ छैोष पूणिचा बरे खांखांब cषाणां इह । बरे नवव्र इरेष्ठ थशावषि ●थछि वदनग्न अरे खांखांब श्रङ खैखि ७ छद्रकांब अफजtनव्र बछ गांशषा cन७द्र इव । बैबूङ जखTांबन्च वछ ऐशब जन्लtषक । ** ex4 डिग्नचद्र नंदीड वकालिख श्निांप्व ८क्ष1 षांत्र. बरे बांखां८६८वांछे ча,ьвэive eft बबूछ गोरह । दोरजोच्न जुजु—

  • १* श्रृंहननं1 वांडीवtइ' &यकां*,-बारणांब्र जव4 tछब्रिव्र बछ इरेकँ cकांच्णार्जी यकिfडैड हरबारह-(०) कि यिभिचांद्र न ठे वTांकूकrांकछांब्रि६ cकांच्णांनॆी जिविप्नेछ (२) कि छानबाज नछे बTांबूकTांकछाबि६ cकार निषिध्छ। अषबाङ cरूणांनी काकि जबूजकूरण अषः रिडीश cकांच्णांबी जांभइर्दौtण कीछेही इीर्णन करिषब ।।

পরলোকে ফকিৰচজ চট্টোপাধ্যায়— छनांहिछिाक ओबूज ककिक्रछ छाडेोणांशांद्र नड sऐ छ, कुदन्नडिपांध cबडषप्त्वा कूखांब पाँtोड करणांकनंबब कवितांप्कन ॥ लिनि बक नका बावनी ७ वईदाने ७ *नूणनाप्यद्र नन्नाक्क हिटणन । ‘णरषद्र कथा’, ‘वृछि-cढषा, ‘वार्षखा, ‘छनछाब कण' बांध्व करतकदीनि उन्छनि णिथिाश्रिणव । डिनि cषडक्रक ब्रांवकृक जांकन बथिाइत्व गरय७ बूख हिजन। जैोराइ द्रुङ्कारङ कक्षाकै अक्बम बकविले সেৰক হান্নাইলেন। S$99b दकिनाण cबना निरानी Aीपूल भनेहून ऋक्षनाशाचा बराहा जाँदछ vच्छाकोछद्र १ कांबळेंौर्ष मशीनष्क्रव्र वॆिक्षी कल हैबठी बांदांइॉर्म् dबीज़ खडविवाह विषप-रिवांइ जहांध्रपं भकोछ छणन्वंध्र हा । अखिल निधिबांकांख cनाचांची कोषानोरथाकडिडौषधदोषश्च cनौटबॉहिठा चणब*[बिबांझ् aऐ आद१ cनांबवांद्र जनवर्णविवाह गविछिद्र नशघडांछ कणिकांडाव्र अक5 जनवfविवांश् छ्नन्नब्र एरबी निद्रांप्इ। वह *पूठ बोषवणांण कांगनर्वी ( tवछ) बन, वि । कछ कैनठी चक्रूकाणी (बार्हे कू) । कछांद्र नप्शनद्र बैबूड चाषिमांष खाइक्लौ (बांकन) कछ शब क८ब्रन । श्रसिद्ध भिंब्रिजांकांड cनांचांबैौ बहानञ्च खलविदां८ए छन्-हिङ षांकिब्र विवांहकttर्षीव्र ठस्रांवषांब ७ गांशश कहब्रन । বিদেশ জাৰ্শেনীতে ভারতীয় ছাত্রগণকে বৃত্তি দান— बार्यबीब्र ऐखिद्र1ऐन्डो चरू फारे छोप्न क्काप्छवी बडिक्९नछ निर्किडेनरथाक खांबठीव्र इोजzक cनषोप्ब जषाऋवद्र इक्षिात्र अछ बुछि विद्यां पीटकन ॥ sa७२-ss७७ जानब्र अछ विब्रजिथिउ शबननष्क बुछि cन७ब्रां हरेब्रांरह,-( > ) *णांशंवांक विष-विद्याल८ब्रव्र विs aन, cक नोकटनन, अम, 4 । शनि वर्खमाप्न विज्ञोब्र शिन्यू करणाब जषाणना करब्रव । ऐबि cखनजांछ विश्वविषाण८ञ्च कर्नन-लांच्च नचटक नरवदनी कब्रिटवब । (२) লক্ষেী বিশ্ববিদ্যালয়ের মিঃ এ, কে, ঘোষ, এম, এস,সি (রসায়ন বিদ্যা) DBBBB BBD BBBB CC DDBB BB HHBBB DDDDS कब्रिtखरहन ॥ ऐनि cझनtछन विचविशांणtा भtददनं1 कब्रिट्वन । (७) cषांचाऐाह ब्रटाण ऐवeि?ीडझे जक गाळाम्प्नद्र विः शैब्रा निर, क्-िवन, नि (ङ्कविविश1)—प्राप्श्वशश्य कृषि विशाणुइ ऋक्क्वा करिबन। (s) *झांब विश्वविशांजरब्रह बिs वांजवृकूल शिनणांत्रि, दि *न-णि (कबीन") 4ब-4 (जर्षभौङि) निष्ठरद्रमदूर्ण कनॉर्निबाण विरविशांणप्त भरवक्ना कब्रिट्वज ! 锡 नूक्तंcष नव छाब्रडीह शजप्रू छड ऐनडियिष्ठ वृखि श्द्रिाझिणन खैiहांtषब वtषा बिछणिविठ ७ जबटक रिप्लव बुडि cषeब्र हरेद्रादह-(s) वि: 4ान, cक, ब्रांब्रग८ब्र, 4ब 4, 4ज वज दि, नूतः । (९) वि: जिद्दउटा नोष बूषांनीशाब्र, पांबदनून । ( e) वि: छि, जि, ८णाc७, अब 4, কোজাপুর। गूर्तकाव्र शजटवह वtश विबजिविङ दाखिन्त्र१ ss७० नवद्ध जांघूद्रांबी नरीख बुखि गादेष्वक् (*) वि: cब, नि, सख *ब, वि, (कजिकाख1) {९ ? निई दि, बन, बैकांडव, छि बन नि (छांक1) । (७) वि: जीब्र, £क, चांद्रांशांक, वि ऐ (बरीनून) । ( s) वि: चांब, cक, क्रू ब्राष्ट, अब 4न नि (s? ८कोणीबी) ॥ e) बिई कईदौर्णक वख, वि अन नि (कणिकांख1) ७ (cावून) । (०) विः बरछcरू उनोण, 4न, अब ऐ (cवांचा३) । (१) विs छिखबधब कबांधैं, अब ●न नि (कणिकांछ1) ॥ (*) डूबॉबी छाः कवी क्छ, 4ब वि (कणिकाङ1) । (s) भि: दि दि बूख (cषांचाई) । (*०) वि: बांबांछनब छोड्रेरश. बन 4ग नि (कांक) ( ** ) विs cक ● छडे ( निरएण) ॥