পাতা:প্রবাসী (পঞ্চবিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৪৩৯

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8১২ खांश औषzव विघ्नड इऍसांद्व बाइ ॥ ७षांहब जांनाडा शहज़ चलtब्लग्न कtछ निष्ठांtइ ॥ €iहोटक अकषtā कāिब्रांtझ् ७११७ईक्लर्ण इहेष्ठांद्रह gर. कौवtग जांबाब्र नब्रांtछ Güबांव्र गडांवब बांडें । रॅहां★ जांबांद्र झांtछ जोहांग्ला कहाब बांडे, चाहेtज कि इहैछ ब्रॉनि वा । उत्रदारबब्र ऋडेिब्र बtषा जांबांद्र छांद्र हछडग्रेिनी चिठौम्ना बांts fक नीं नtवह ॥ अथन देहांtक्छ aवन अदइ! G DS DDDD DDDD BBBDS BBB BD DD DD DBS BDDS जांबांद्र हेछह tष, cकान जlअtब जांबांद्र कौबtबध्न जबनिडे क्बिछणि DBBDG DDDS DD DDD DDD DDD DBBBS BBDD D बछ बाबाहेtतन। पक् िखांण बृप्कन, चायाव्र चांबौद्ध चाब्रा किश्वा जाननि मिtब जाबारक जहैद्रा वाहेष्वन। अब शृीeब्रां बांब बलिबठ छांनादेtबन। चत्वांगै छ्शनिबैौ।” चैझ्णैव्र दबफूख्-ि जच्यखि बांश्ल कॉर्सेणिtज न्ड्रकांब नक कहेष्ठ aखांब कब्रां हत्व cष बैशैव बबडूखिद्र ●खार बजारू कब हéक-कांनन छांशष्ठ ना कि बांना-नवृकttना चार्षिक क्रठि इ३tर। किरू थलार्वा cछtः क्रिण छैहांद्र श्रृंtक se cछfä 4बर् विणश्च ७s cखांल्ले झeब्लॉग्न छह वांछिण श्ऐब्राप्छ। बैशों गजानौ जबू दिछ। वैशोंरागैभक बाजार महिउ नूबब्राष्ट्र विजिठ इश्वांद्र =छ बाब । अषन छात्रष्ठ-गब्बकांब कि निकोtख छैणगोङ इब खाहt cषषिदांa अछ नकटजरे छै६छ्रू। `डि श्रूु1

  • छ प्रांप्न बांश्जांब बांनांइॉरन, vबचिनौकूबांग्न पाउ, vcक्लबबू छिंखब्रम्लब वांनं, vब्रांal इरबाषध्टा नन्निक, vtकनवल्लव cनन अनूष नशगूक्षप्रब वृछि नूजा हश्ब्रांप्इ ।

७iब्रउँौरु कूजौ-शङाॉब्र बिछांब्र (1) नयछि चांनाह-वाक्लशtः ७ष छ-बांनाप्नड वाप्नजब वि: विाष्टका बाबजाब दिछाद्र इश्ब्रां निबाप्इ । बिई विप्w täनृह माषक 4क इनित्र वृङ्का-नवीन थगबोरर aवर चछाछ जच्यिाrन चच्द्रिरू हरेद्वाश्रिजन। कूलीtरू छिबि ●क्रण यहांब कनिद्रांझिजब cष. डाइtद्ध करण खरिताि वङ्ा ष्-श्शश् चयिाश्व श्रूश्च भुं ।। ८बलिशे शीानां बख मिः शां८कह 4ज्ञशांप्न नयत्रि वि: विtाद्रि बिछाब cनव हश्छां निद्रांप्छ। बूढोरपत्र थापा थविकारनरे नरश्व हिरणन। छाब्रिखन बूढी चांनाबोरक ७२eषांबांब चणब्रांप्यब बिहनबांष बजिद्र बछ cमन,५कखब बूी *३ जगब्राrष ऐशtक जणब्षो बाणव वक्र चनं★ इऐझे जख्रिषtन गजूशन ब्रगे जानाबोटक अकबारका बिबनबार बणिा बछ अकान कप्तान । -ऍशप्त्रद्र बtछ बठ क्बिा भि: बिछाक cवकछत्र षाणान जिब्रायझन। (२) बाष५५ब छ-बांत्रीtन्द्र छ३जनन नांcश्व वनद्रव नायक अकबब इीक इशा कब्रिदांव चनगार जलिपूल इव । शाह जांशगrठ छाशन विछोब cनव इडेब्राप्इ । बिछांब्रकाcज ठिनबन cचठोब बूौ cषषिtजब, ओश्लनब नाrश्व छैtखछनावtन नाबांछ बांबषज्ञ कडिज़ाइन माज । णकाउप्ञ cक्नेढ बूबौदा cशथिलब,८वहाब्रा क्नाषा बृङ्गाढ बछ। छहेणनगरे शघ्नी । शब्ब्र-विकाब्रक ॐश्जनाबद्ध छनठ काका जर्षअख कब्रिब्रांtझब ।। 4हे ‘बछाब्रक्न थांtनाछन। कब्रिाउ निशा नश्वानै श्रीनचवांछांद्र अग्नििङ्। विश्वणिधिष्ठ बखणिं थ्रिींश्च প্রবাসী—পৌষ, ১৩৩২ [ २¢* छांनं, ३ब ५७ dछनू. पनद्रष ● अछाछ छांबछोड़ 'कूजौ'-झ्छांद्र बांबणांइ बाॉबिलिब चड:निएकत्र छांद्र कछकछनि कष यथाविंड हऐcखरइ 3- - (s) cच छान नांtश्वाद्र बूध्द्र नाम छांबडौद्र कूजौरवह औरीब कि ●कर्छ। बङ्गाछिरू नचख बारङ, वाहांब करळ-जांटहब नावांछ छरखबिख इऍप्नदे-जबू? नाषाठ atकदाहब कूणैौद्र औशद्ध छनरब पाश्चां ऋद्र 4षर छाश कड़िशा बाब ७ कूणैश्च वृड्रा पाः। (२) कूजौहठाांव्र जनआएष गांzहरवव्र विकांtब cचलीच-बूौहां थानाथेौटक बिtर्वाव वजिब्र। ब्रांद्र ८षन, cचडोज विsांज्ञकe cचछोब-बूौष्वत्र विच्ाि बोबिव। जन । এই সমস্তার প্রতিকার কি ? কাউন্সিল ও জ্যাসেম্বলীর সমস্তের ভেী निtखtनड बौatजब धूबइ बढ़ाई कtजब । ॐाशब्रां काष्ठजिण ७ जाitनचजौष्ठ बिब्रजिविठछzब प्रचदिवि जांहरनब्र गरtनांदन ●वखांव छैणहिछ कब्रिएछ•ोरञ्जन ना कि ?– (s) पनि cकन गांtश्द जबू गवांषांtठ cकांब कूणैौद्र औश केडेब्र बच्न अवा छाशब्र क्रण ज्वी घूम्ला श्ब्ल, अद cनो क्षिि जाहेबांकूनांtद्र 'इछा कजिब्रारें नना ह३८व : खांबांणां वां बदछ बणिब्र (२) cराठीण-नांtश्व कईक छांबठौद्र कूली-इछांद्र बांबलांद्र घूर्वेब विघ्नान इश्व न, जषदा बूबी बिबूङ इहरणe ठाशप्रब वरषा cकान ¢चछांघ-जांtइव षोंकिएव नीं । ब्रांबदव्यौ निवग जसिंहनण बारेंटनब्ब डौज यछिबांश काव्र • क्र्र्रौणिं &७ि जहांब वषर्ननारी जङ vहै जtखश्वब्र सांtणांइ बांनाइटब गडां चाहुठ हैद्रांहिण । হাসপাতালের সাহায্য দিবগ— नछ s२३ छिरनचब्र, नबिबांब, कजिकांठांब शन्नॉलॉजनगृहब जब मांथांब्रtनब्र बिंक♚ नोशषा छिक्रांज्ञा दिएवंद बिन हिइ हऎब्रांहिण। कजिकांठांश जनगरषा बृकिइ गtज-नtण अखिविब३ ईiगृनाठांtजब कईcचज यनांबल जांछ कaिrठरङ अदर ईनृिणाठारणब चात्र जानक वारङ्गत्र शब्र बाछिद्र क्लनििरख्tछ। कङ्घणाका चर्षगांहारका ििक९नाइ काइरे cकांन७ ब्रकटव बिक्रीहि हडेtख शोtब्र बांज, छबष्ठिद्विख लौक्लिष्ठा याज्ञांजबौद्र चछि गोषांबन प्रथचक्रहचला विषाप्मन शब्र७ गडूलाब हा बां । वजकांबक गषा, काशै सेवर, cब्रांत्रौढ aपून्नष्ठा विषारनद्र बना इरेकॉद्विषांनि छांण कहे जषष cकांबखङ्गणं बौफ़ॉब्र बाबइ कब्रिtठ *iद्विtज नक्लिाङद्र cब्रांत्रषञ्चकोंब कछरे नl $णलब हञ्च । बरेछछ चरर्षक दिtनष প্রয়োজন । श्र गकरना चांtन ॐ शिव काiाचन cबख्रिरून करणाबद्र इजबूच खिचर्ष निद्राझ्णि। निष्ठांड जडांना ७ शैन-बब्रिजब्रांश् अवांबछ: ईन्गाठाएज ठेिकिदनिष्ठ इच्च । अहे बोर्ड, बिब्रांबद्र, शभािइ tषणवानौद्ध प्राकृ१ caांनषञ्चनॉब्र दक् िजांबांच्च ॐiनtबग्न बाबाहो७ इञ्च, ७हें जांनी जर्हेब्बा “जबगोषाब्रtनंब निकछ हाजबुच माहाषा लिचकीर्षौं कृत्व । इरषद्र क्विद्र cष इबनन गोपा¥तब्र गोदावा ७ गरांद्रकृखि जाँड पण्ठि एक्क नाश्। ঐ প্রভাত সাঙ্গল DDDBBDDSgg DDDD DBBB StBBDDD BBBS BDD BD DD D DDDDDDD DDDS DDDD खैशिबू नाम शशा श्छ नाहे ।