नंछ-*छ दाँ कविड-गूडक 학 ● । क्लिडांदब्रांइण
कछ निब-ब्रांड अं"रफ़ ब्रट्इ ब्रांगैं, মা খাইল অঙ্গ, ন খাইল শানি, कि हरैण ब्रटन किडूहै बी जांनि, श्रुटं बटण शृंौन्वद्धिा चका ॥ হেন কালে জুত আসিল দিীতে— য়েদিন উঠিল পঙ্গীতে পীতে,— ৰেছ নায়ে কারে ফুটিয়া ৰজিতে, हॉब्र शांब्र नंच ॥ कांट? खवत्र ॥ মহীরবে যেন সাগর উছলে, छैठैण ८ब्रांनन डांब्रङब७८ण. छांब्रटङब्र ब्रबि ८अंज चखांछटण, <थां* ठ cनंणहै. ८गंज cव बांब यांजि८छ् शख्न जांघांडन ग्रांबांल १ चांब्र cशंज्ञां नांदै ८क शब्रिटव छांण ? পৃথ্বীরাজ বীরে হরিয়াছে কাল, এ ঘোর বিপদে কে কয়ে জ্যাণ లి ड्रवि-नया छाचि खेळ छठांबर्बी, जथैौखटन छांकि बणिज खथनि, সন্মুখ-সম্বরে বীর-শিরোমণি निंबांद्वह छजिब्रां चबख च८* ॥ আমিও ৰাষ্টৰ সেই স্বৰ্গপুয়ে, বৈকুণ্ঠেতে গিয়া পুজিব প্রভুয়ে, রে সাধ ; छूटवं बांकु कूटब, পুরাও जांछ। ८बांब फ़ेिखां जजबैौद८र्ण ॥ ৰেৰীয় পড়িল সন্মুখ-সময়ে, चमबख बहिम खांब्र छब्रांछ८ब्र, ८ण मटह बिजिङ , चचनcब्र किब्रटब्र,
- ांब्रिटह डांशांङ्ग जमल जद्र ॥ बुण जथेि ज८ब बछ जब्र बल, खञ्च छब्र दणि छस् िलििब्रां छल, चणख छेिडांछ झछ७ चबणs
चत्र जब शूरीौद्रांटचञ्च चह ॥ छन्द्रटनञ्च कtü, ७८णां ब्रiणि बांणि, डूत्रटबब एांद्र ८दांनारेण दांगैो, ब्रछब्-छूदने कछ *टछ हांणि ৰলে বাৰ জাঁজি প্রভূর পাশে । चांब्र चांब जषेि छज़ि छिष्ठांनद्रण, কি হৰে স্বছিয়ে ভারতমওলে ? चांध जांब गर्षि बांदेब जाकरण षषों अंडू cनांब्र धैवडूéबांटन ॥ জীয়েছিল। চিত কামিনীয় দল, छवाटबब कांट* बजिण जनण, স্বগন্ধে পূরিল গগনমণ্ডল— , মধুর মধুর সংস্কুল হালে। বলে সৰে বল পৃথ্বীরাজ জয়, चङ्ग षष् चतः शृेौबेचि चष्ा, কল্পি জয়ধ্বনি সঙ্গে সমীচয় छणि ८णणां जर्डी बडूéषां८ब ॥ কৰি বলে মাতা কি কাজ করিলে, जखां८ब ८झजिब्रां बिद्दल श्रृंगांदे८ण, ७ छिड-चब्षण ८कब यी चांजिटल, ভারতের চিতা পাঠান-জরে । সেই চিত্তানল, দেখিল সকলে, জাৱ না লিবিল ভারতমওলে, महिल खांब्रड cडबनि जनाटण, श्रृंडांचैौ चण्ठांउँी श्रृंखांरी नंदब्र ! (श्रृंगी) cरूम बां ह३नि छूरे, शत्रूनांइ बण, ८ब्र ●थांनंदन्नडं । किदा दिद किवा ब्रांडि, कूष्णप्ड चांत्र्क-atf>; खरेष्ठांब छविवृtदब, cखांब वृछ् ब्रव ॥ हुक्ल देिखँदल्लछ !