शंf I - ose ] দর্শন यांशंग्र asठछ जांग्रह cन जांभ्रश्नवांका, चाब्रः नकण देछिद्र ७ अप्रैौtब्रब्र जषि#ांछ, जांची माँ थांकिरण ८कांन शछिद्र चाब्राहे ८कांम रूपं{ी श्रेष्ठ ना । जांब्रा विषिष औषाम्रा ७ शब्रभांच्च [ औषांचा cनर्थ ] ।। ५३ गर्भtनग्न मण्ठ विप्लष गनांर्षनिफा । जांकांनं ७ नब्रमां५ अकृछि এক একটা নিত্য প্রব্যে এক একটা বিশেষ পদার্থ আছে। যদি বিশেষ পদার্থ না খাঙ্কিত, কাহ হইলে কখনই পরমাণু जकtणज़ *ब्रन्wब्र दिछिन्न छनष्ठांग्र निष्कब्र कब्रt घादेछ भ। tषभन अवब्रबैौ वरडघरग्रन्न *ांग्रन्थ*८भ्रब्र पत्रबङ्मयकांड बिडिग्नपठां नर्लtम दिछिब्रब्रनंठ निष्कद्र कब्र शाहेरङरह, cनहेक्रन् uहे •ब्रभा५ अछ भन्त्रमा५ श्रेष्ठ डिब्र ७रु अध्र शब्रभा%ड cष विtनष जांtइ, ठांश अभद्र नब्रबां५ष्ठ महेि, uजछ अछ गब्रभां५ अनब्र नब्रमां५ श्रेष्ठ शृथक् ७३ ग्रैौकिक८म षादउँौब्र गद्रमांभूत्र •छन्लग्न विडिब्रक्रेष्ठ मिष्6ग्न कच्ना शहेर७ °ोप्द्र ! जएबाग्न जहिष्ठ ७१ ७ कtईग्न जश्कि छांडिग्न, निऊा जएवTब्र मश्ऊि विt*ष *णांtर्थब्र cय भश्चकृ ५ष९ चदब्रtवब्र गहिङ अशग्नगैौद्र cष नक्क, ठांशएक नभदांच ननांर्थ करश् । जङाँब विबि५ cखन ७ गत्णर्गाउाश् । शृश् श्रेष्ज्र श्रृखक छिङ्ग, श्रृखक शृंह मtर, ऐङrा१ि इtण cर अछांद बर्डौब्रभांन शब्ल, फांशप्क cछन कtर। ग१गर्नछिांद शिवि१ (थांशछांग,• क्वश्गांडांश ७ अफाडाडांव । भू{ि cय नक्षविष ननांcर्षद्र फेरझष कबिब्राझि, ठभछिब्रिएख श्रां★ अंशांथ भांदे । देशांtि१ग्न भtशाहे ठांश९ ननां५ अखडूड श्रेएर । अककांब्रॉनि पठज ननॉर्ष नाइ, cष cश्छू थोरणाररूब अडtषरकहे जकरूब्रि क्रए । उनङिब्रिश अककांग्न भनttर्थ यांच्च ८कांन थबां* मांदे । { ध्यtनषिक ७ क*ॉन cप्रथ ! ] चकाश्रीं गर्भम् ( छर्म्मि }-aरॆ नििनatt१ठां षईिद्म नाम अभनॉन ७ cर्णांख्य, ५ जछ देशांप्क चक्रशांन ७ cशोठभभ*म करए । ऐश८ठ छांब ७ छर्कनषांश विtश्वषझन् मि#िडे इ७ब्राण्ड देशीघ्र छांद्र ७ छर्कनाडा ७दे झहेछैौ नाम रहेबांtश् यद९ ७३ वर्णtन आइधारनब्र ग्रैौखि नक्tिभंय निकनिष्ठ थोकीब्र ३शरक जांपैौकिकी भांज्ञा पण इरैब्रां षांरक ५ uदे छांद्रनीtब अरुण नोरञ्जबरे फेभtषांक्ङि जांtइ, cष cश्डू छोक्रोछ बाडिएब्रएक cकोम थाप्लुब्ररै बथोर्ष छाँदन्र्थीक्षइ एइ ज। थऐअछ छांद्रणाञ्च अकण श्रीtबग्नदे चांद्र-वक्रन । ●हे भारख *५कtभषांचिर्डोबर" हेडrांषि चरजकोष्मके छांइविभई अकि चांग्रह, ऐश चरबरक यजिङ्ग भीटकछ, किरू थाटकानाड cयोझांबिकांश विवृछि cनधिरथ बै नकल चां★खि जरदोष-दिजणिख पनिज cषीष शश्र६ १ भङ्करदर्श्वषाॉइ निषूलांश् चिमिचाि * गुण वखि॥ गमिष्ा शक्षिाश्म । ४ारे छांछनर्थन e अषाtिन्न दिछछ, देहांक ७irछा रू अषाitब्रहे झहेणै कब्रिञ्च श्रांश्कि जttझ् ।। ७३ ऋछ भनार्ष cदांण अंकांग्र-यंबां*, eवप्यब्र, गश्तब, अrब्रांजन, इडेखि, निकाल, जक्ष, फर्क, निर्मत्र, बांग, थझ, विच्७, cरचकांग, इण, जॉडि ७ निáश् शांन । बांश बांद्रा यथार्षङ्गर° रुच्च जकाजब्र बिर्णब्र कब्र ब्रांप्र, छहां८क अभां* श्रृंघांशf क्लटए, eवङाच, अकृयांन, डे°बांन ७ श्रृंक cउtन कॉब्रि थकांज़ । d} छांब्रिtी थमां* श्रेरङ १थांकएम (यष्ठान, अकूभिछि, ऐ*धिष्ठि ७ *ाकरयां५ ५हे कांग्निtी ●बभिङि अtश्र । नब्रमाणि ऐछिब्र बांद्र वथांश क्लt* रुख णकtणग्न ८रु छान श्ब्र, ठांशtक यडाक्र প্রমিতি কহে। প্রত্যক্ষপ্রমিতি ৬ প্রকার-স্ত্ৰাণজ, রাসন, काकूष, बांठ, वाय५ ७ मांमन । दTां*m *लांश न*न कब्रिग्नां यjानरू *शttर्थग्न cष खांन छांशtक पअष्ट्रभिडि कcश् । cरु পদার্থ থাকিলে যে পদার্থের অভাব থাকেন, তাছাকে তাছার ব্যাপ্য এবং যে পদার্থ না থাকিলে যে পদার্থ ন৷ ५i८क, ठांशां८क ठांशंघ्र बrां*क कtश् । सृथ| ८कtन झांtनहे दरुि बाङिtब्रएक भून थारकमा वणिब्रा धूम वश्ब्रि दाशा ५वर cषशtन भूभ थांtफ, cगहांप्न वरुिग्न भसांव थांtफ्ना पणिग्न गरि श्रृभन्न बाणक । अिहे अछ भर्खज्रानिएज्र भूम जनार्थन कब्रिग्र दरिद्र अश्मान श्हेब्र थाहरू । अश्मान बिक्षि-भूজৎ, শেষবৎ ও সামাঙ্গতোই। কারণ দর্শনে কার্ধ্যের अश्मामप्क भूर्त्तव९ अर्था९ फोब्रगनिजक अश्मान क्tश्, cषमम cम८षङ्ग छेल्लखि गर्षीन कब्रिग्न। शूडेब्र अश्मान । कार्यहर्षम कब्रिब्रl कांग्नरर्थब्र अष्ट्रमांनzक cश्ववष९ अर्षीं९ कार्याणिणक अश्मांम करर ; cबभन ननैौद्ध अछाड जूकि मर्थन कब्रिब्र शूटैिक जकूञांम । कांब्र१ ७ कtर्षी छिझ cफ६ण बIांगा cष बख छांश८क हर्नन कब्रिब्रl cष अकृभिङि श्ब्र, ऊांशंरक जांम|কতোদৃষ্ট জম্বুমাল কম্বে, যখ৷ গগনমণ্ডলে সম্পূর্ণ শশধর পার্শনে শুক্লপক্ষেয় অম্বুমান ক্রিয়াৰে হেছু করিয়া গুণের भप्रधान अवर विसैच बाडिएक <रकू कद्विब अवार जाङिब्र जष्ट्रबांज ॥ cकांअ ८कांन श्रृंहकब्र ८कांब cकांब अtर्ष श्रृंडि পৰিছেৰে উপমিত্তি কৰে। এই শৰ ধৰি ৰে বোধ হয়, उशरक नांचएषांश रूrर १ कई भचथकांच विदिष इडेषरू ७ चइडेॉर्षरू । रव भरचद्ध जर्ष<अकाकनिक स्रांशंरक् कृडेर्षिक चांद्र थांशत्र अर्थ चइङ छांशप्क चकृ*ीर्षक नंब कtर। यश्वइषवर्ष चांक, अझैौद्र, ऐछिब, अव, बूक, बन, अंपूक्ति, " gवणि, caयकाखांश, कच, इीन ७ जणकर्णश्चदश वावस्थ aयकीब्र । * देखिङ्ग इवॆ थकांच कशिब्रिखिन थ भडविछिद्रl. gबांब कांग,
পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৩৭৬
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