পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৩৯২

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

क्षांनंiहजह थकान नांचा निक्र हछ? वै नक्रण दछेञांच् ऎवनम्रीभगृडा क्रकं करणन, लिनि नई ● च♛हरेटक झछ रज वा ॥ कांद झाँषभारइ का भांश विशाश्, जांचने की अंलग्न थाछपी वरण, कांश इएँcण एनई शखि अब्रकरण कनकीकृपैौ हऐश्चमछकन्tबैौ*** चार्यै ७७श्वकैत्र बानिक छ एदेtणक गरि इकई किछ cषरष बा७°त्रिक पनि अशरिक अरे निद विजन गछन, छाशरहरण छाशश्च रुकन्डे कभषाबक विषा कनिfर, खशब DDDD DBB HBHHDD DD DD BDDD DDD DDD जार्चगै शहैtव, किछ औरणाक छक्र हऐरण७ गांचीब्र £कांभ जाए। फेब्रष♚♛बूकेि कश्ञि१ दृश्लेकविधवांकजनंख डी का मूक्ष cरूहरे गार्चने हेरेर नचित्र भ1 गांचगैत्र शांख्ञविक कांश पनिcष, ब्रांजां छांशऍ aएन दर्पब्रिटपण । छष्ट्रां१ि इकांब कां★१ कथंडs चेकांकॉलिब्रिख श्रोह विकूदणिzव, एवंझं और हऐरव न १ देशज चञ९नर्दे थरे cष, जार्चषैष्क 'cकांनव्रण cजब्र कब्रिहर नt, नांकौ • यात्रमा इंदेर छहे भदौ दणिहरु, छहरे ल्याङ्ण किरिङ इरिव । cजब्रोएक पंवि रकमझण छिद्र पार्व, आश९बमाण ऋण अश् . हे दरव मां । नज ऋश विsाहरू अर्थ ७४धचार्केच भवृष नार्मपेक्षेित्रहरू BBBD BBB D DD DDBBBBB BBBB BS DDDD पांकै श्री अछिदादौद्र ऐनश्छि विक्रइ षांश जाम, डार जज ऋब्रिग्र बण, cष tश्छू tऊंभाक्★िरक थ विक्रम गांचण थॉन इहेबांtछ। णञ्चिश-इणि णठा-वाक कश्धिां नाभौ भधकरण खे९झहैठञ cणाक गरुँग गांउ अव९३रकाप्ण अष्ट्रडम फेखि अख ६छ। बका७ DDBHYD KHH DDD D BBBB DBBD BBB द****ीमें रुक इंदेह अ६१डांt६ अङखका दांडमाॐॉक्षु हरेटफ दद्रो अर्प**प गडी-भांभ मैिt६ 1 * সভ্য*ঞ্চম পার্থী পাপমুক্ত এবং তাই ইহাতে ধৰ্ম্ম বুদ্ধি दछ ; अं७५ष नषेण पtभई नाभौभ्रेहे जर्सी"षणा ऑफैंड१ ४:शश्ड खींच्चाँ**ऑर्भमां★ ७छाँ७छ करनॅब्र नार्थी, ठिौँमहेश्वकधांध भीमcपत्र नङ्ग५, चॅष्ठüवभिं६ोनोंथा"दीघ्रं ऊँiईक जपथौर्मना कब्रि७ g BtBBBB BB BBBS DBBYBB DDD DDD भाइ म,क्रूि'कोश'अश्, ८र्ष७ीब्र छर्शटिभी १णई स्थानअकण cनषिद्र थाटकन ५१*अखंद्रभूw६ ७ींशबाँनं:७ भॉtईनमें बाँकीन, इनि,जन, रुक्क, ध्व,५६,अ४ि,५३४शबू अहडिश्श विानव कtन जानिई थॉईन। खंछबंद ग्रंथिइtण बिर्षfीtaçãणि क्वांछ विषघ्र नं¢र । . . . . . . . . . चाशरे चनwक कविककणअकथाि क्ष,५कच्छक रू, शैब ७ प्रवर्नबांद्रा ननथ कविता कलभषा भूत्वहक नबूतान्न चाहक धान्नां चनक्कबिश्वांक्ण, अफैकिकरण छिनिजारीरक आहेब्रह्न यत्र जैौ-श्छ, चाणक-ईसा, बिबीबॉरीश्वश्व इकाशश्च ¢क ध्वणांक भीष्टश्च 箕 चखिदिख आहेडाटाई,णाचलेहरण विदर्भ आणिरण ट्ठांबाब्र थै बैcणारू ●यादि श्रव । ` cए कब ! फूबिं बजाबषि cष किहू चूना अथर्वम कझिबांझ, cन गरूण ६नाडूकूरा नक्ज क*ि१ । यदि कृमि यांचल इण विथ पण, पूंबि थान ककी क्वांश्ध्ष पूवि ♛कांमै नाइ, डांह नहह, भांच्णूचन्न अङे नकडिn dरे नग्ननाश्व मिश्च cछन्तिांत्र इवोद्र जवहन कāिtख८इन । dदे जरूलहिकछन रुकिञ्च. जैज्र णाचल विश्व १ विषा' नांचल शहम नकब*ना चन्द्र धरू बन्नरू cजश्न ऐखं यूकिब्र फूक् िशश cपविब्राह क उनिद्राइ डांश गखा कब्रिङ्ग खुण । cशांडूचक, वाणिजी-कैोवैौ, नाछक, नéकांश्,ि बांनकईजैौरी ७ष९ इरुिणैौवैौ बांचनtरू नूबत्र छांत्र नाचगयद्यं कब्रिटव । इन विप्नंटष धिषm थांचण क्रिणस खांश cमांकांवए हब न, এক প্রকার জানিয়া ধৰ্ম্মবুদ্ধিতে অন্ত প্রকার ক্ষছিলে ভাষায় शंनेि इदैव ब्रां ॥ ७ऐक्लन् चांचयटक (बदबांका क्रप्श् ! cर ऋण गट क्षी कशिष्ण बांच५, चबिग्न, वङ वा भूबद्ध aां५यथ इब्र, oाईक्लनं इtन भांब मिथांनांच्ह क्रिङ •ञांब्रः शांछ । কিন্তু খিলি এইরূপ মিখ্যা-লক্ষ্য দিবেন, তিনি ঘোষ পরিহারের जछ कक्रणांक कबिब्र वां★नवङ नब्रचउँौब शेcफरन बाण কল্পিবেন। शनि cकांम गांग्रँगै जtब्रांगै धोंकिङ्ग बिश्नंtभन्न करक्ष थ*ॉनि शरशत्रविक्रा गांचल अकन मा कटर, छांश स्वप्न छङ कन फेशंष्क प्च् िइश्टक् अवर बज्र क८भद्र शाकै प्रिशष, काश्त्र अश्व खांtशंब्र ५कखांभं छांबङ्गदक व उदघ्र अशगन कझिल. ह्झेद्भव वा शूबॉर्षि नब्रिह्खि छांख्यिकन दछ, प्रह्णव $ णीचौक क* ७ श्रृंखrछूनांहग्न ब्रांबदले निरख एहेच । - gद दिकाध्व मिथाi-नाचल प्रकांच चाहेब, ब्रबं★णहै कियcनम्न भूमब्रव्र जांचाँको बिछांद्र क्रछिासन १ भिषग्न जांचड़ थांब्रां चांदी किडू इंछ हदेझल्लि, ब्ररी नकलढे चाङ्गरङन्न छहणणा DDD BDS BBS BBS BBS BD BBD GBB DD DDDD DDD DDDDD KDH DDBBS D DCBBHH G cनखब्रहहकांहह, अद चनक्षश्ध , •. -