পাতা:বিশ্বকোষ তৃতীয় খণ্ড.djvu/২৭৩

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কলিকাভ{ - --- करङ्गनःcम, sई छइ*ि गमछ कणिकांछl, छब्रिकछेक्णै गमूख ब बनौलौग्नरुपॆ इॉन७णिरस बर्डमांस, छtव णकल इरण ४३ ऋप्कन्न चबहान जमश्रलैौग्न नप्क्ष्। गोब्र। उँझैद्र जमङ्ग भोटर्डम জীচেঞ্জ (কোম্পানীর বাগানেরYনিম্নে এবং অপর পারে নদী *itॐ श्रहे खङ्ग शून्नडे cमथिएङ *ffeद्ध1 दांग्र 1 *िप्रांलब८झ् <हे उब्र कूश्रृंडे इहेष्ठ ,७०७० छूछे निग्न “मद१ cकांग्णानौब्र चाजांटनब्र नैौरक ७४ फू निग्न, किरू cरूझां८ङ c* कू निम्र । " भूट्र्र cष श्राप्हच्न सक्लिब कथा वगा जिब्राप्छ, उहाँग्न मूणांश्नकॉम रूब्रिषांश जना ७को 8 इ* श्रउँौब्र कूण षमन করিয়া দেখা যায়, তাহীতে প্রমাণিভ হয় যে, এই সকল বৃক্ষাবশেষ পূৰ্ব্বোক্ত খালের সারা ভাটার সীমাসমতল হইতে *** कूछे निरब्र ७द२ छात्रैौग्नर्थौञ्च धै इन श्हेष्ठ १७ कू मिरग्न अग्निब्राझिल । भांडल, कriनि१-केशजेन «ङ्गठिं इ८णe मै স্তরটি পাওয়া যায় এবং তাছাদিগের সহিত তুলনায় ও সুপারবনের কুঙ্গরীবৃক্ষ-সংস্থানের ভূমিল্প সহিত তুলনা করিয়া বুৰ। ষার, শিয়ালদহের যে স্তরে ঐ সকল বৃক্ষাবশেষ পাওয়া গিয়াছিল, তাছাতে ঐ সকল বৃক্ষ জঙ্গিবীর পরে ১৮ বা ২• बूझै पनिद्रा ब्रिाtश्, हेराप्ड किङ्गभोज गtन्वश् बाहे । ८कझाग्न ভিতরে ৰেখানে ঐ গুয়ে বৃক্ষাবশেষ দেখা গিয়াছিল, সেই इशहे भनि $ बूभशष्णब्र cभोशिक श्ररहांन-इण इङ्ग, ठरव cनथtcम७ cष छब्रट्ठेि 8७ । 8४ फू वणिग्नां शिग्रttश्, डांश्। अवsई पौकाब्र कब्रिरङ इग्र । किरू ७हे शहे शांtनद्र फूशूर्छ गभगांभग्निक कि नl, डांश ब्र विश्वानजनक ¢कfन थमांग नांझे । উপরোক্ত কারণসমূহ দ্বারা এই সিদ্ধান্তে উপনীত হওয়া যায় বে গাঙ্গেয় ‘ব’ দ্বীপটী গড় ১৮ হইতে ২০ ফুট পৰ্য্যন্ত বসিয়া গিয়াছে। যেহেতু নিয়ে ধে সকল স্থানে মুন্সীগাছ পাওয়া গিয়াছে, ঐ সকল গাছ এককালে ভূপৃষ্ঠে জঙ্কিয়াছিল, डविद्tग्न नएनाइ मांझे ॥ छूलरुबिम् ब्राॉन्झां6 गांtश्र cष गकण शांtनब्र ५नन *ग्रिग*ॉम कब्रिग्रां८छ्न, ड९नभूलग्न हांtन w इऐtड s० शूछे মধ্যেই ঐন্ধপ বৃক্ষাবশেষ দেখিতে পাইয়াছেন। উপরিস্থ छब्रगमृश् गांधांद्रगड: फेद्धिबङ्गांवरश्वभ uद९ ननौछणगडूङ नचूकांविरल गब्रिनून पाक नtगs. $ गरूण हांcन cर ७क नबरछ फूशृई हिण, छांशत्र ष्ठिर ८नषिcङ गाँ७ब्रा बांब ना । हेशtऊ cय ¢कवण खब्र िकांणनश्कांदब्र. यनिग्न शिंज्ञांtछ् डाश३ ग्णनडे दूक। दांत्र ७भङ मरश् । छेश ५ङ *ौज गरबठिठ एहेब्रांझिल ८ष, नगैौ-cवाडवां३िउ बृद्धिकt { नगि ) बाँब्रte छङ झन्छ छब्रfझे इसग्नां अनछत । TFT-Fo মীর গজি-পৰিৱন-কলিকাতার বিশ্বে টালির [ २७१ ]

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कनिकiउर्र जाँगा" या "चमानिनंश्र” मां८म 4कठेि थीण जा८झ् ।। ७हे षाणछैौत्र भूर्क ७ चषझ हिग ना • ऐश विए ठ नगौ ख्णि, <धीहौमकfरण ऐशहे छांग्रैब्रशौङ्ग #थtन ८टीज़ हिण। कौणखभ ऐश ●क गtभtछ "cनैंiडा” ब्रttब गईjयनिङ झ्म ७ अतcभरव **ाणि” मामक ७क नाटइद देशांड नzकांकtब्र कहिब्रा “$ाणिद्र नांशा” uहे मां८म थझांब्रिड रूtइम । छानैद्रशैब्र cब्रांड नूनज़िब्र निक६ नक्रिभवांश्निी हरेब्रा बहावद्र क्रणिकांडाररू बांtश ब्रादिग्र शिनिद्रशूद्रब मिकके नूदिाश्मैिौ दत्र । cग६fन इद्दे८ङ वर्डगांन छैiशिग्न माणtब्र १ोंण दांश्ङ्गिl छ$ब्रिক্রোশ দক্ষিণে গড়িয়াগ্রাম পৰ্য্যস্ত পূৰ্ব্বমুখে বহিয়া অগ্নিকোণে DDDG DDBBB BBBD DBBS BBBD S gDD D হাতিয়াগড় পর্যন্ত সেই আদি গঙ্গার গর্ত স্পষ্ট লক্ষিত হয় ।*

  • थिविब्रभूब्रग्र निcग्र cय १श्रीब्र भूजtथाछ थथाश्ङि हिल. छाश कशिक्षक८१ब्र कठौकाषा हईtठ७ भूष शान्न । बोभtखग्र छित्र गत्र। थॉहिब्रः ८कांत्रणब्र, ८काँङब्रज्ञ sछुiहेब्रा यूछिबांव श्ब्रा कलिकtठांब्र श्लेसब्रह छि९नूरझ ७ग*िङ इश्ण, छ९*८ब कनिकांठा ७ ठांशब्र नभूcष श्रणब्र नांजिथा जछिक्रम कब्रिग्नl cव८ठए, वमषथाम हश्छा छाशिएन शिजलौद्र KH BDDHD BBBS BDSDDDSDBDDBSS BBBD DDDS DDDDDD ♚भाशुग्न ख्रिश्न कठिौशांüü नैं छूझिण ।

“ত্বরায় চলে তরি তিলেক ল স্নহে । ডাহিনে মাহেশ বামে খড়দহ রহে ॥ ८कांद्रशग्न ¢काँछङ्गज अक्लॉईच्च शांब्र । সৰ্ব্বমঙ্গলায় দেউল দেখিবারে পায় । ছাগ মহিষ মেৰে পূজিয়া পাৰ্ব্বতী । कूक्लिबांम अफ़ाईल नांभू डै)ङ्ग-डि ॥ छ्ब्रांब्र छणिल छग्नि ठिरलक माँ द्रब्र । চিৎপুর সালিখা এড়াইয়া যায়। লেভেড়েতে উত্তয়িল লেশিয়ার বালা । कलिकांठा ४फ़ाईल यशश्नांन cयलl ॥ tवकाई क७िक शूजा कश नांवथांtन । शब९ ॐtमथोंब। श्रtभू ५ज़tशॆष्ण बitभ ॥ छाहिtब sछt३ब्र शांग्र श्छिजौब्र *ष । ब्रात्रश्न किनिग्रा गश्ण गाबाबउ । थांजियांग्रे। अकृॉहेश यl१िग्राब्र दांशt । कर्णौषांt; cशक्ष छिक जनगाँव ८षणl ॥" ८ब्रrमल गाश्रु जाछTछब्रिक छणwitर्थन नठि cनधtदेशांब्र छना छैtशां★ "श्लूिद्मानब्र भानष्जि' माभक अप्इ cष ७ख्थानि नी-थबाइ-“श्र्मक भानष्ठिण भिप्राश्न, ठोश हश्tठ दूष। शां★ cथ कजिकाछात्र गक्रिगभूप्पी cव८लशांtiब्र निtब्र 4 कठिं नशेौथाब्रl fहण, कविकछट*ब्र वर्णनांग्न “बiणियांts" शशि sई ८षrजघl?t इङ्ग, फांइ हरेtण ये मशैषांब्राई cय छांगैौब्रर्षौद्र बiत्रिष्वiखं ठांश्tप्ख चiङ्ग श्यचश् षीरङ् बन्, झंझ१ 4रॆ त्रशैश्tङ्गाङ्ग ष्णरक्षॆ ३मञ्च कोशीषी भाश्व्राहित्णन।