পাতা:বিশ্বকোষ পঞ্চদশ খণ্ড.djvu/৭০১

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चकाः বাটতে .প্ৰচিনপ্রদর্শৰক্ষাৰে, স্তথাকার इनकाश्मीिग१| «बाहिड इफेब्रा भूत्वशांtब्रह बब्रन cभय ना क्बिा चांदलांप्र शृ#ाड़ णांकोण श्रेरक हांछ वांड़िiहेब्रा अखिरमाझ्दर्भtरू नाजी *urबब्रविबि अदान कब्रिज्ञांझ्नि। eहे गाण ब्रधूश्वमबाणिनैौ, अंथानांष कोश्राशाब्र-नक्रि, दांमकब झांशीबिछ, ब्रननांब्राङ्ग१ वाशांशांक्षांश-एकब्र गाबिtछन । देहैब्रा মৃকলেই লন্ধগ্রতিষ্ঠ ছিলেন।

  1. ाकूब्रजान बांबूब जानण इहेरठ cव नरूण निर्थन ७ निद्र बभ्tनांडर दाखि अर्थtणांtड छैiशब्र ऋण चलिरबफूह कब्रिड, *ाकूद्धनान बाबूद व्रङ्गाब नद नरषद्र बन डांबिचा cभरण, ब्रायषन cनहे जरूण निब्रtवगैड cणांक जहेब sकछैौ cनगाबांद्रेौनण म***म क८ब्रन । नtब्र कांशtड चtनक उजवनैोइa जानिदा cदांजनतम कtब्रज । ॐ cननानाद्यैौ बtणब्र भकिय-झक वरन्पाभाषाब, ८कनूद्रा-ठांड cषानों (७हे नथ" कहेर छ डूनूद्रांब जछिमद्र बरु श्ण, cकणून ७कजन क्वानरक गरेद्रा खचक्रन अॉनिक ) , ब्राइवांचिनैौ-जबांब्रांथ कdèांनीषात्रि, ऋकब्र-क्लकबाबू, ब्री-ब्रेचे, विद्या-ब्राब नैंकाब्रो (नीकांग्रैौनाफान रॉन, ब्रांब cनषिrड श्वै हिण, बङ्ङाe छाण कदिङ , किक कक भाहेरू गाब्रिड न, डांशत्र नान अणब्रष्क विद्र त्री७द्राम श्ड ), भांगिबैौ-काने छोोकार्षी धड़डि विश्लष नक्रडाब्र भबिठन क्ञिा त्रिबाइन । भूप्लाङ নিষাই মিত্র, ফায়ার্চাঙ্গ ৰন্দ্যোপাধ্যায়, রূপলারায়ণ চট্টোপাধ্যায় D BBDDBB BBB SBBBS BBDDDS DDDDDD काठौड छांशrमब्र ‘cबांद्रांब्रकि' रुब्रिएल एहेख् । $ नप्त्र अश्रब्राध पान, विश्रनाथ बन ७ ८कक्गब्रांब नाण ♚ाग्राब्र हिरणन । dहे बिथनाथ ठ९कारण ५कखम रनाशक शनिद्रा *धिष्ठिठ दिcणन । cणांटक डtशtक ‘रिचनाथ झनशै' पनिद्या भप्चाषम कब्रिड । नाडेकगाङ्गाङ्ग जढनैंड बैौब*फ़िॉनिदानैौ विवााफ भीछक रूॉनैौ क्रूरपानॉषाांद्र जtनक ऐमि जरमकांशrन खे९कृढ़े हिtनन। ७रै नमtब्र७ ब्रामषन cझांण याबाहेक ५द९ भाभैोनीफाड़ जांब्राम्रन कण cवर्शनांघाब्र हिण । जrब्रांडरनब्र छाड़ cवशण-वाजिएग्न पछि qकछैi cनषा दांब नारे । विनाiशमब्र*७मांड cचांनान-¥cङ्गब्र गण कथम झडिé नाँछ कra, उपन

• अवक्रम “चकांक्जैौ' मांटन नर्तज °विsिठ शहैब्राहिरणन · चद्धांह-अंक्रrङ्गम्ल और नtषघ्र क्टणब्र नभकारण कणिकiजब्र कचिcप३-कथालैऋछद्र cषणच्णांइ नियूyाकूरब्रह बिछात्रचक्र-दांबाब्र स्नेछाप लांश्चrह षोड १ *रे वtणव्र गeनांइe fकरलय प्रपाांखि ●ा6ीमविप्नल ऋथ छन निकां★♚ । इन्थ्षइ विषा, छडाइ <काब दिद* नरङ्करीक रुबैकत्र डे**द्र नांदे । XVI »ግፃ [ %•ę ] झtएु ইৰায় পর বেলতলাৰ পাশ্লষোলের দল বিশেষ দক্ষভায় नहिङ क्बिाइमा ब्र गंगा गान करङ्ग १, धखांब ब्रांषथम विश्लेौ । हुम्लाइ) दप्णन cर, बहे गान्त्रीरबादमरे अङ्करूणरक्र नाङ्गड «मथाब बाजाछ बण नरश्र#ज रूtब्रन । ब्रायषरनच इरथ छमा दाङ, बब्रारमनरब्रब्र cभाभावशाबूझ रात्रैश्च भिकाले नान्नैौ दान कत्रिफ. rषशणा पाधारेद्रा cन वार्ब्र बाच्न छिचो कच्नि cदड़ारेछ । ●ाकवा ॐझरन cग नाम कब्रिtड कब्रिtड ভবানীপুরে বাই৷ फे•हिछ श्इ । छ¥ाकाब्र खरेमक भर्षभोलिमैो पाङ्गदमिछ। *rान्नैौब्र ब्रtन ● जाप्म भूषं श्रेष्ठा खांशग्र «यछि यांझ्डे श्ब्र, •ाप्द्र cन छष्ण स cकोञ्चत्ण भााट्नोटक श्खणड करत्र । cषञ्चाइ ण९नtर्भ अनिद्र|•ाईो अर्काझैँ दाद्धान्न गण गर्भीम बहन्न । पैं करशग्न “ब्रड,छह ख लांबनजबt७थtछैौनGवषॉब्र थरीन जरमकtat* cकडी झब्रख हिण । ो श्ण श्हेप्च्रे गाग्रीव्र जुडेाकोण भकिन्न श्रेष्ड थार्क । उभन्नम्रौढ झनावृf cरडू छाशाच एकबन जार्षिक चबहणडा श्हेण । cन cदाणार्लिंस क्रम "कषामि क्रूुह९ अष्ट्रेणिक " मि*ीव करा । अवश**द्विषéन cश्डू गाग्रैौe नाथाश्tभद्र अकॉङ्ग •tज श्ब्र। ऎst* । उपज cण नाग्रैौtवांइम ब्राहब नर्संज श्रृंििछड एछ । णाॉबैौरवांशtबन्न वण "cवणडणाच्च जण* थनिद्रां यनिक हिल । फेशब्रा यषरब अणक्मब्रउँौ ७ ऋत्र बिछाइभाइ चझिमद्र करङ्ग। भााट्नी८माश्रमन्त्र भा७माइ दिएचद छ्षााखि झेि।। ७म्र1 नि, ४ंश्*ंौ चःश्tब्र ‘निि1्गङ्ग-चांग्णt* १iशङ्गि ॰ नधश्च *ार्गोब्र मिtब्राङ जitन ७ हाथांब्र द*क बl cथांडारक cवाहिक ♛ एक कबिब्राहिल ॥ झूहे?ौ cझांकब्र चाब्रा ८बाहफॉब्र नैड इहेब्राहिण, खांहाप्नग्न रू**यब्र रामिच। उपत्रकांब्र नॉञ्चक** विtअब aय**णी कब्रिग्रा निब्रांtइन ।

  • षड् t “अभि जाम दारना cडाशब्र गप्न, फूनि कम एक cमrs, পুরুষদেখলে জম্নি থাক, তাম্ব পাশেঙে চেয়ে । थरत्र थाएक cषान्प्लेक श्रांtछ, वाdो माप्* ब्रन कांछक, পুকৰ দেখলে পঞ্চ ঘাড়ে, কুলের ভয় থাকে ল । ब्रहे cबtब्बङ्ग फ़ूडे प्रवङjय रुiॉन cषांटछ मl * नाॉर्डी-cबांश्प्यद्र नप्न, उपानौ५ळछत्र इयनिक ब्रामकूबाब कैनाद्वैौ कई कāिछ * ब्रक्कूिबॉब्र छ९wiरण गरगेडक्षिएइ अकबम वक्र ‘डखदि** उमहtञ्च नबकभ cनदtथांबाब ssकरिब ८णए णि मी । शृण ७ श्चरिच। जक्षी गणः चाशखारीन हिण। भाइ **is* कथ्नब यूर्क कविडूबाब बच्द्र क्ण कबिर्बा:ध्ठोकबा' ० चक्रकनावान’ तक अछि