পাতা:মিশরযাত্রী বাঙ্গালী - শ্যামলাল মিত্র.pdf/৩৬

উইকিসংকলন থেকে
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

१br विश्नंङ्गकांग्ली रांचां★ौ । बिेङ्ग१स्लंज श्ब्रि नग्निग्न 6णं 'नंiङ्ग१ ७ खांबि श्रृंख्रिश्नंभ ख् दिट्ठकब ।। १८व्र निदमृदष ऋषTांठनंगं कक्रिरशन, मिरगळब बैौब्र नलबांग्र जांखिरबन, निषिक्ष *गतंङ्गभस्रि ंगनाङ्ग झश्रूं ७िङ्गभांन श्रॆश्व खांलिङ्गं *द्धि রোধ করিচলন ও অমৃতময়, তেজঃপূর্ণ উৎসাহবাক্যে জীতিবিহ্বল cननांनिशल्क छैद्रङजिठ, ब्रहर्षां९नारी ७ सेद्यख कब्रिह जूविप्लम । अछ क्रूि कुबेरठ च्रांनिद्रा छैॉणक भंथ# ॐांशब्र *ांट* झ७iब्रशांन ङ्कहेंद्र! दिक्ॐ करुन जश्&तं८भूब्र cश्वरंकनैौङ्ग *ब्रिभंग श्रदर्भङ कुङ्गाँहेष्यब ।। फेछल्क्ते झांद्मांड क#कांरणग्न छन्त्र मिछ निझ ¢मनांनिष्णंद्र अंकि फिद्रांदेBBB S BBD DBBB BDBDS DDDDBB BBB BBBDS ‘গোলাজগণেন্থ সহিত জিঞ্জিতের তুমুল রঙ্গ বাধিল । কত কত বীর এ নৈশসমরে স্বজাতির জন্তু প্রাণু বিসর্জন দিল, অনায়াসে खब्रफूभिन्न होईौनऊन कश्च नर्सक कबिनन निश, भक्रां९ किब्रिल मी । এই সময় জারী থাশ ও টঙ্কৰ। পাশ ষে অদ্ভূক্তপূৰ্ব্ব শক্তি দেখাইস্বাছিলেন তাৰ মঞ্জস্য সাধারণ্ডে বিরল। কিন্তু হইলে কি হয়, পূর্বেই वह्निजांझि cबोच्नं★rणदी जांद्रबैौरु अंकि बिभूष । छूईल वृछिर्थ-श्वखि যে তীক্ষণ রণস্রোত প্রবাহিত করিয়াছিল তাহাতে শ্রোতস্বিনীএণতৰৰ বাহ সম্মুখে পাইল অবাধে ভাসাইরা লইস্ক চলিল । ङ्कॐ च्छदौ *कि, कुर्थी छैनंणब *** *ांरभंद्र अनंत्री छङ्गना छात्र कब्रिवृ# भूकतंरचf कङ्ग कञ्चिद्धङ मांभिंद्दलन, इश्वा अत्रछ मभट्द्र च प्रक DDD DB BB BDD DBBB S BB BBBBB BBD DD क्लभक्टिभद्ध इ+८को#णङ्ग निक्के *उनकैण, थढ़ॉन्फ्रेंद्री, छांकड विश्ब्रध्नना कछ दिक्छ इहेब्रः शंबेtङ बांत्रिम ! चांद्रकैौद्ध नकल झांक्* उक्न भांचिकन्न नक क्रयक्छ cभंद रहेन। संशज जकडूनि फेकcऋक् अछ जैौकन विश्छ चॉनिक्रांश्रिणन, कॅझ्ननं ●कङ बैौङ्ग श्ॐ ब्रक्रिक अम्लॉणज कुश्छहिtणन, वैझिरिक्ङ्ग *** प्रशंस कसैौड़ शैक् cमक कर्मेंद्र ऋकिद्र चांक फ्रकूनक्कि करेकॉझिछ