পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/২৬০

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গ্রন্থাবলী BBBBHH DDBHH DBBB DD DHHBDD HHDBS S वक्रानौ-करूँगक-भक्तिानिऊ ‘बप्रकृबिr७ अंकनिष्ठ श्रेंशझिण । भग्नांशि ছাড়া ভারতে স্বৰ্ণ লৌহ পারে কয়ল, ইস্পাত, এটা শেষ, গল্প-গম্ভ +इउिद्र उवाभू4 कह८षक फिनि 'अग्रसूक्रिड अकांच कशिा गां★रूजाजरक फैणङ्क७ कदिइएक्लन। भांझद्य छैइाग्न लिपिछ अइोक्जैौङ्ग ७की BBBBBB BBBS BBBS DDDS BB BDD DDDD BBDDD cरवण जाहेरजश्-िनशनिउ भूबिउ भूषकांश्त्रि छानिक इश्ङ ईशैल । ১। কৃষ্ণাবতী (উপকথার উপস্থা, চিত্র)। ১৯৯ সাল(১• मनि *४•२) । دوم ہو | २ । कूङ ७ बाकूय (अंझ, गठिक) । (४° बांश्झांबैि भv>४) । शृङ्गैौ :-वांबांण निषिद्भात्र { 'धग्रदूषि, अथशांड़१ ४४**),० औददागा (‘बग्रज्वशि,'cनोब • २>>-नजि },मूह ('अग्रसू,ि' cशोश् •२sw-शक्लेिख ), बडबईiरहद्र शयना (‘मग्रकृमेिं, बंॉक्ष ১৬৭২-গচিত্র ) । 筠 è • <लकून रिशूस(गाशविर sपड़ान) *** शान{? - q. Yet I ( «ه داد : ● ३शश अननाशझ्-कन ♛नांककर "क्रनी रिहभी*{भकडूदि भांश •***} भिक्षशिल। ** *क ‘थाझा cरे चरु ग'ि (चणही बात ****) ॐदशि cरूमंग कैल-ककश्न अहङ्गुछ झा करे ।। " 蠟 盛