পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৪৫৯

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अकैौबट्टश्च gनन थपनि गपूब cवरच् अझैच कद्रव, भरिद्रा थी पाब ८कब बाँवष औषण ? वानर्छौं छfक्षक थाथ कांक्र बैौणfकत्र क्यूट्ध cकजम विभिढाइ अछ जैटे, विनिडाद गौण कैरित्न বভিন্ন দেখায় ; কেজ দিশে স্থা ভোল अनटचद्र अष dरे यामद औषध ? जीवय बौवtभ ४ठ चानt, छणिवांनl, aठहे विज्ञान, এত দুঃখ কেম ? caएथइ*षाश् शाइ ? cकञ थः प्रदिवौं बांश ७थब भपूरद्र, cकब चाकाव्क दमन, बशि श्याः श्ोष्ा । भीषं इषूच *श्च । ( *छबकाभङ्गखिऔ') ७ छ। कणिद्र जका ! स्तनाङ्ग ििथएन 4वtब वxकह दूधं दत थि चाँइच् ॥ এখনাে হয়েছে জালে আশা কৰিছে, बल्लभ जो सूणकिgछ दरव अन्तरिक ! ४ाई कृभिर्थौरठ अथ बन थजकtब, चविकिक शनिवारद जनवथeन ? এইণ্ডপে চিড়-খেৰ, তীক্ষ বেশ ধীয়ে, कृफिरव अवक अथा । cबोधांचा £कदल