পাতা:প্রবাসী (ত্রয়োবিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৮৪৩

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↔ ግቅ8 峻 -- • जखिषांम करब्रन । cनषांबकांब्र cझव्ह ब्रांब cनभिवटक ब्रांजाष्ट्राउ ७ सहिङ्कङ कब्रिब्रl खैiहांब्र कनjांब्र श्रृंॉगिंग्रंश* क८ब्रन । “The foe was defeated and driven out of the country; but instead of returning to Cheetore, Bappa continued his course to the ancient seat of his family, Gajni, expelled the barbarian, called Selim... Bappa on this occasion is said to have married the daughter of his enemy.” [.. libid, p. 212 J. श्रांटबब्र १ध#नैौ जांकग्रांनिइांtनञ्च श्रजनी कि न <sई लड़ेब्रl &थञ्चकर्डीब्र भरन cवांष इब्र ग११ग्न छैशंइिड श्ब्रांप्इ । बां&का बां**॥ cषांबांनांन छूर्रुिइन &छूठि हांटन अडियांन कtब्रन-अदर डथांकांब ब्रांबछदर्ज८क न्ब्रांख्रिष्ठ कब्रिब्रां तtठाएकब्र कनTां८क विवाह क८ब्रन । किड़ aई विखब्रयांaांब्र श्रृंब्र पञांङ्ग डिनि छिrडां८ब्र &थडrांशंभन कtब्रन नॉरें । cनंब वृग्नष्म তিনি সন্ন্যাস গ্রহণ করেন। “Advanced in years he abandoned his children and his country, carried his arms west to Khorasan and there established himself, and married new wives from among barbarians by whom he had a numerous offspring An old volume of historical anecdotes...... states that he became an ascetic at the foot of Meru, where he was buried alive after having overcome all the kings of the west, as in Ispahan, Kandahar, Cashmere, Irak, Iran, Turan and Caffiristhan ; all of whose daughters he married and by whom he had one hundred and thirty sons.” 哆 [Ibid, pp. 212 -213] विजिङ cश*सलिग्न डॉलिक विकृ श्रण७ जक्रिछ इहेtब cष हैशंtङ গজনীর উল্লেখ নাই। রাজস্থানের ২১২ পৃষ্ঠ হইতে উদ্ধৃত অংশে “Continued his course” wwl Ros omits as on Hol पांग्र cय छिtठtcब्रब जांठठांद्रौ ९अब्रttफैब्र भिद् श्रड श्रांजिब्राझिल । cमग्निरमब* कनTां८क दिवांश् कब्रिग्र क्लिष्ठitब्र थठां★भन कब्रिब्राहे दोन्नं ब्रांछम७ ५iब्र१ करब्रन । t 2 ॐ भद्दनांब्रश्चन यषिकांग्रैौ “ष्ठिांब्र झूर्ण श्रेष्ठं ८षंक्षांप्ब्र cझन्नझ् ब्रांज गंजीनिौब्र, इब्रिtब्र पञांनिण कछ ठांशग्न, क्जिग्न-श्रृंप्रर्षि बांश्रांरौौब्र ।" টণ্ড তাছার রাজস্থানে বর্ণনা করিয়াছেন ধে গেলেট বা গোহিলেই বংশের নাগাদিত্য যখন তীলদের দ্বারা নিহত হন, তখন হার শিশুপুত্র बांश्न पत्रब्रt१] पत्रांश्चन्त्र अंह१ क८ब्रन । १ई हांप्नझे खैॉशंङ्ग वांलjर्छौरुन अठिवांश्ऊि श्छ; *ोtब्र ठिनि किंcठांब झूcर्न जांबब्र अंइ१ कtब्रन १६१ उषौद्र नांवख-cवगैछूड एन । क्लिाउांब ठषन गब्रवाब्र वरt*ब्र जयौन हिण ॥ ७दे नमग्न ८कांन७ &वप्नजिक *द्ध क्लिष्ठांद्र श्रांकभ१ करग्न । बांग्रं| dरें बांजय १ बर्ष क८ब्रन, ७ *जब्र जनूनब्र१ कब्रिञ्च छैiहांब्र निङ्ग-शृङ्गरवद्र पञांकि चांबांनशांन नंछनी श्रेष्ठ (फेदछब्र भट्ठ भखनैौ वर्डभान कांप्रब ७क यांशैन बांभ ) cगणिय नांभक रुदनरक रिठांक्लिङ करब्रन, ●वर ठांहांब्र कछ।i८क बिषांह क८ब्रनं । छिंरठांtब्र किब्रिञ्च ठिनि निप्जरें निररांगन जर्षिकांब करब्रन । जरे गयद्र श्रेष्ठ रिठांब cशरणाई वरrनंब्र बुनिइॉम श्रेण । देहांब्र शूकर्ष ॐांहांटमब्र जांबांग हिल छेमटब्र । > चर्नेौद्र विरजवणांण *रे कांश्निौब्र ठेगब्र लिखिइांशन कब्रिब्रांtझ्न । প্রবাসী-আশ্বিন, ১৩৩e [ ३●* खां★, sन १७ یم جمعیيجسیر पञांबांटनब्र भरन ब्रांथिरङ हरेरब ८ष “वांत्र" ८कांम७ वाखि-विरनरवद्र बांम बtङ् ॥- फेछ बिटअहे इंह सूजिब्रांtइन। जांजि७ ब्रॉबहांटमब्र गजांउ शूद्रवर्णन “वांना" वा "वांगू वणिब्र गएचाषिउ हरेज परिकन । छैमब्रभूत्द्रब्र निकहे जांफ्रेभूहब cष निजांजिभि (छांबिथ क्ङ्गिध नच९ १०es ) পাওয়া গিয়াছে, তাহাতে গেলেট বংশের প্রথম পুরুষ গুহাৰ হইতে विश्न शूझष नखिकूबांब्र गर्दछ जकण ब्रांबांब्र नांगरे जांप्इ । किरू वां★ वजिब्रां ¢कांन७ मांभ नांदे ।। ३हांब्र कांब्र१ जां★ cकषांबe অনুসন্ধান করিতে হইৰে ন । जांफ्रेभूब्र-णिभिप्ठ ७कजन श्रृंबांकtछ नृ-छिद्र नांभ •ोeब्रl वांत्र ॥ छैiहांब्र बांभ cथांभन (अषभ cषांभन ) । जरनाकब्र मrख ** cषांबन ७ वां★॥ १कहे वाद्धि । श्रृंब्रयांब वtएलब्र cय ब्रांबांब्र नमब्र क्लिष्ठांब्र cनtणाएँ यश्रणब्र जशैरन बtrम रुजिब्र! &थव:म छैiहीब्र नांभ हिल बांब । ॐॉइtब्र मयब्रकांग्न ७कषांमि &थ*क्ति छैछ शृोड़ेब्रांहिंटलब, ठांशां८छ एsiब्रिथ हिल बिजमांक ११० । ७कलिश्र भांशङ्गा नांभक थांौन गूंषिष्ठ èरन्नष बांरक्ष् ८१ ४०० बिङ्गभांरक बांभं। ब्रांब उjांश्न कब्रिब्रॉ मछTांनौ इन । রাজস্থানে প্রাপ্ত গেলেই বংশের প্রাচীন দু’একজন নৃপতুির তারিখের সাহায্যে আমরা প্রমাণ করিতে পারি যে আটপুর-লিপির খোমলের ब्रांछष्व-कांल 4दे ममcब्र गप्लि८व । সমসামরিক কোনও ঐতিহাসিক প্রমাণ নাই বাহা দ্বারা প্রমাণ कब्र यांदेरठ viiरब्र cष यांश्र। ष्ठिjब्र अग्न करब्रन ।। ७नचप्क वांभांtषब्र अवांम ७ त्रांशTांप्नग्न छैन्ब्र निर्छब्र कब्रिएख ह३८व । विtननौ श्रजनन কাহার, বা বাগা ধৰন-কস্তাকে বিবাহ করিয়াছিলেন কি না, সে-সম্বন্ধে খুৰ সত্য ঐতিহাসিক প্রমাণ নাই। শ্ৰী জমুকুলচন্ত্র সেন दांश्रेरीब्र = बांभंtब्रां७ण । g ইতিহাস পাঠে জানা . যায় বাঙ্গারাওল চিতোরের রাণী বংশের আদিপুরুষ। ইহার তিন বৎসর বয়ঃক্রমের সময় ইহার পিত। নিহত इहेप्ल हेनि ८कांनजरभ *ीलांब्रन करब्रन । *$क्षण पदमब्र रुब्र:जरअब्र जभग्न इंनि किंरडां८ब्र थङTांशंबन करब्रन (१द९ कॉलङ्गाव उषांबौडन किंष्ठांब्रঅধিপতি কর্তৃক ইনি সেনাপতিপদে প্রতিষ্ঠিত হন। কাসিম্বের अषिबाब्रक्रस भूमलमानश१ रि७ब्र अङ्ग्रध१ कब्रिप्ण हेनि अशंभित्क ब्रt१ श्रृंब्रांडूठ करब्रन ७क्र श्रजबीनत्रब्र ग१ड ठांशविप्नब नकाकांबन कtब्रन । ठषीब्र गूनब्रांब्र भूमणभांनर्णनंरक ठिनि श्रृंब्रांख कब्रिब्रां भजनैौ अषिकांब्र करब्रन ७बर छरेनक ब्रांछशूठरीौद्ररक श्रथनौब निश्शंगटन প্রতিষ্ঠিত করেন। नदय *ठांकौब्र अषाछांtश छेउब्र छांब्रठवर्ष करब्रक क्रूज क्रूज ब्रांप्जा बिडख झ्छ । ब्रांछशूठ११ 4हे-मभूपञ्च gांप्लाब्र ●थठिछेtठl । त्रिंश्लल्ले ब्रांखभूठण१ कईक ७३ नवम्ब्रहे (क्वांद्र ब्रॉकै अडिठेिठ इछ। लिलाभिरङाब्र महिशै। शृण्वडी गर्विप्ठब्र' ७श-भाषा ७क शूजनखांन এসব করেন । সেই অনুসারে সেই পুত্রের নাম "গুহ" রাখা হয় । डौणञ१ कईक खश् ब्रांजगप्न थठिठेउ श्न । ॐांशांब्र नांबांशूनांtब्रहे “গিহলট” শব্দের ব্যুৎপত্তি হইয়াছে। &रै ल८श्ब्र जडेय अषरडम शृङ्गाय नांनंiणेिट्ठाब्र ब्रांखस्-जमदग्न डौजनं* विप्बांही हऎब छैiहांब्र 6यां4-मश्झांब्र काबू ॥ ७णैौन्त्र खिन-द९मब्र-बब्रक त्रिसनडांन“वांशृगा” कबलांवठौद्ध (cष बांकनौ ७श्रक बठिनाजब कब्रिब्रांहिष्णन ) करनषब्र कईक ब्रक्रिठ इन। ' বাপৃপার শিশুকালের বৃত্তান্ত বিশেষ কিছুই পরিজ্ঞাত হওয়া যায় না। डिनि गांक्षांद्र१ कृषक बांजरकब्र छांब्र cत्रोकांब्र१ कब्रिtङन ॥ ॐहे जबtब्र छिtठांब बशङ्ग-वश्लौब्र ब्रांजणूठञ१ कईक चक्कृिष्ठ DDDD BBD DDBB DD BB BB B BBBB BBS BB DDB BH HD DDD DDD BBB BB BBBB BB