৭২ ७ङ्ग। cवक्र° थगङगांवहांग्र भइश श्रृंशङ्कणT जर्षीं९ विवांङ-थषों बाहे, cजहै जवहांब ब्रैौप्लांकजकश चांग्लाइक्रांब ७ यांचू*ांगटन नृऋष कि न, फांश विघ्नाप्बब बाबांबन नरेि। cरून न, उॉमृनं चनष्ठा चदशांब्र जtण षप्तिर्वज्ञ cकांन जचक नांई। भइषा व डबि जषांबडूङ जां हज़, उछनिब ठांशंदवब्र नंॉबैौब्रिस् षर्ष छिद्र जञ्च षर्ष नांहे बणिदण७ हइ । पर्वांछङ्ग१ खञ्च गषांज जांबञ्चरू, जशांछ छिद्र खांरबांइफि बांहे, छांtनांब्रडि छिद्र षर्षांवईलांब जखरद नां। वर्षलांब छिइ छैचंटब्र छसि जखटत न, ७ष६ cयथitन जञ्च भइरबाब्र नाटक जचक नाहे, cगषांटन भइरश चैौडि यष्ट्रउि शर्वख जछाब न, जर्षीं९ अगङjांसन्हांब्र श्रृंiङ्गेौब्रिक श{ छिज्ञ चष्ट cङ्गंन *ि श्रश्चव नटश् । बई बछ णशांध जाँषञ्चक। जयौंब **टनम्न श्रृंटक ७कट्ठे धर्षश धtब्रांछन विवांह-धंषीं । विवांइ-4थषांब्र कूणषई यई cर, जौनूझब ७रू हर्हेब्बा गांश्नांबिक बTांनंांत्व छांरभं निर्दिfह कब्रिटर। गांहांब शांहl cषां★iा, cण cगरॆ खांश्व खांबश्चांधॊ ॥. श्रृंहशिङ्ग खांश्-१ांगन ७ ब्लकs । ब्रैौ बछ खांब्रथांश्वं, नंiणन ७ ब्रकt* जक्रष हईtणस दिब्रछ । दहशूझद-नब्रच्णंब्रांइ ५ईक्लनं तिब्रटि ७ बनडाiभ तृवं ङE नfभांखिक नांद्वी चांप्यूगांणtब ७ ब्रचt१ चक्रध। ७ जदशांब्र श्रूझव चैंौनांणन ७ ब्रच५ न कब्रिटण चदॐ ब्लौबांछिब्र विtणांश्रृं घछैिtव । चषक दक् िभूमक उांशंनिट्त्रंब cन नंडि श्रृंनब्रडाitन গুরুষপরম্পর উপস্থিত হইতে পারে, এমন কথা বল, তবে ৰিবাছ-এখার বিলোপ এবং সমাজ ও ধর্থ বিনষ্ট न ह३८ण. छांशंब्र जखांबना बाँहै, हैशं७ वणि८उ इदैरव। निवा। ठटव नांकांरठाब्रl cष जेौश्रृंक्राषब जांशाहांर्णन कब्रिtठ छांटश्न,cनकै जांबांबिक विप्लचबांधांब सङ्ग। जांब कि जडाब ? श्रृंक्रट्स कि यंजय করিতে পারে, না শিশুকে স্তৰ পান করাইতে णांरब्र ? •क्रांचtब्र, जौटलांटकद्र नंग्धेन गहेब णफ़ॉरे চলে কি ? निषा। उहरु नांग्रेौब्रिक इखिद्र चइनैणtनब्र रूषा ৰে পূর্বে বলিয়াছিলেন, তাহ খ্ৰীলোকের পক্ষে पांटले ना ? खङ्ग ॥ ८कन थोeि८व जां ? पांहांब cव बंख्रि चांtझ, cन छांशंद्र चइनॆणन कब्रिटव 1 ज्ञेौ८गांटकब्र मूल कद्विवांब नंख् िषांरक,डांश जइनैजिउ कझक;भूक्ट्वद्र खछ नंiन कब्राहेषांब अंखि पां८क, चष्ट्रलैणिङ रृङ्गं । বঙ্কিমচজের গ্রন্থাবলী । निशा । खिछ (मथों षांई८ङटङ tष, *कांडा औरणांरक्बां cषांछांद्र कछ, बबूकdशंङ्गां अंष्ट्रठि পৌরুষ কর্থে বিলক্ষণ পটুতা লাভ করিয়া থাকে। खक। चडानवविड रिकडिद्र बूढेirडद्र चडांद नांदे ॥ ७ गरूण विsांब्र न कब्रिड्रां ॐiशंण कब्रिब्रां ॐफांझेब निटणहे छांन इब्र। बांकृ, ५ उम्र cबईतू बण जांवञ्चक, ७iश बलl cनंण ॥ ७६न बांडाथैौडि ७ धन्त्रठियौडि जूचtक कब्रü| विrjरु ध८ब्बांबनैौम्र कर्ष পুনরুক্ত করিয়া সমাপ্ত করি। यषय बगिब्रांछि cव, चांडावैठि चङइकूé। नच्णडिवीडि चड:कूर्ख भएर, क्रुि चड:कूर्ड ऐछिब छूख्रिणांगणा ईशंब नtष जरबूज़ श्रेरण डेशं७ च s:कूटéइ छांद्र बनवठो रुद्र। अ३ फेडा वृखिहै बहे गरून कjब्रट१ बलि इ#मनौह ८वश्रृंविनिडे । चनडJथैौडब्र छांद्र शर्कवनौब cक्त्रविनिहै वृखि भश्रवाह चांब चांद्दछ कि न गएकश् । नहेि रणिरण थङ्कखि हडेटत न । विटौत्र, ७ई इ३° बुद्धिहे चडिनश ब्रयकैद। ऐशcनब्र इगा रग बांइ cरून बुखिद वांकिरण पॉलिट्ठ *ादब्र, किरू ७पन नंब्रष ब्रषगैौब बुखि बछ्प्वाइ जांद्र नारे। ब्रयनैद्रडांब बई झुई वृद्धि गबढ यहषाइचिारु ७डद्ब *ब्रांडर कब्रिहांरइ cर, बरे इंशः बृद्धि, विरचंबड: अन्नंडि-वीडि गरूण बांडित्व कांदागांहिंठा बशिङ्क छ रूब्रिञ्च ब्रांथिब्रां८छ् । जषख जनं८ड ইছাই কাব্যের একমাৱ উপাদান বলিলেও বলা शांच्च । छू 5ौञ्चङs, गांशांब्र१ बकूरrवाब्र नंzच वृषंकव्र७ ७ई इहे वृखिद्र छूना चांद्र नादे। उङि ७ जांत्रउिरू ॐौठिब सूर्ष $फ़छब्र ७ उँौब डब्र,किड़ डांश जइनैणन डिद्र शांeद्रां यांच्च न । cग जष्ट्रीणब७ रूfन ७ खांनगां८अंच । क्खुि च भंडाईवीडिब्र शृथ जकूबैणनशi८१ु ब८ण 4रृ६ च्णिं खे-ेीडिब्र वधं शिवश्iबेिषांं श्रइनेोणमणां८शंक हैtणe cण जष्ट्रीणन चडि नश्व' ● प्रभंकड। ७lहे शकण कांब८१७टे इरै बुसि चप्नक गषछ भइरषाद्र cषांब्रडब्र थर्वविtइ नब्रिवंउ इब्र। ऎशविl ofब्रष ब्रश्नैष ५्वं चाखिंiव विषयः, कांश्चन्नाः हैशंtनब्र चनंब्रिविड जइनेगान भइवाब्रचठिना aवृद्धि, ७वश् ईशांड cवत्र इर्विषर्नेौब्र, ५बछ ऐशंद चष्ट्र aजरनब्र कण हैशंtबद्ध गर्लsiगिर्नेौ इकि। उधन छछि, यौठि ७बर णशख १ई हैंशष्टमब्र cवtनं छांजिबां बांइ । अबछ गल्लत्वांऽब्र cनषों शांब्र ८ष, वइषा बोौशूद्यांजिब्र cघरश्द्र बनैङ्कङ श्डेंद्रा चछ जक्छ पर्व भउिात्र . कटङ्ग। बांचांजौद्र बरे कणक विप्नंद बणबांब ।।
পাতা:বঙ্কিমচন্দ্রের গ্রন্থাবলী (নবম ভাগ).djvu/৭৪
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