পাতা:শ্রীকৃষ্ণকীর্ত্তন-বসন্তরঞ্জন রায়.djvu/২২৪

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6של उाशनर्तर प्लेका (*)। गद्वेग-आकृष्ट ग्रेग (रईण)। इश चक्षिणबांगर। शन शर्म-वगएा शान छनिक। अशि-थाङ्गळु चकृश्'ि (बकि); निशौ च'ि। एंकोन बाहेन हेछा–िझैँ झन् सूक्गॅझ्वप्लांसर्गछ aलिकांत९ ।। ৩। কপোল নে—াল ডোবড়ান। ধীনে— श्रीकृष्ठ ११ (#५)। बांश शू बनी हेशां-ि निील बांभांशृ# उभूभृ# (घर्ष९ चtगोईत बार्मिकांद्र মধ্যভাগনি), হুনু উন্নত্ব এবং গণ্ডদেশ শিৰ্ণ। विकल्ले झषु-रभू# { शांौ) कठि इeाष्ट्र इष्ट दू२ ९ शौडणांकांत शह५ कशिांइ। ॐ-यङ्कर स' (e । ॐक-भङ्गठ ऐहे?' (ऐड़े); *' ठिििश्। ७ अक्षङ्ग प्लेकर्षिमै–७क्षा ऐुरु गद्वांछ कt५ वर्षां९ dा इंझेशंनेि वडिfरु शंजाइ বুলি গড়িয়ছে। १। कर्ण-आङ्गठ को? (का?); क्वार्ष हे त। क्ने अछा। बीउ पिी घर्ष कांगै १ास ो गकी। कर्ण जय ब|ह पूर्शन-राइश भ.ि श्रूयः शूर: (भूत् १स्) *च रु१ि षष्ठिश्रितो পরিচায়ক। तिष्ठांगअिठ ब्रौढ़ तिन हुनौ: छांक्ज करणांग चजक छर्दि गांबू। गणि6णांघ्रन कांक्षन् षां । অৰলাকেল কুহুম কক্ষ বাস। षशिक जिक्रांtग्न अश्रुि ऐनहांग ॥ (शंक्षाN। श्न ६७ (व्न। ग्रंक्लष निकष रुंह कुण (गंज ॥ हेछां॥ि অভিমমুজনাহং ইত্যাদি মোৰ, বড়টির উক্তি,-- রাধে! আমি জডিম্যান্ধনী কর্তৃক ডোমার বৃক্ষ, নিযুক্ত টাছি। সুতরাং সূর্যমান আমার মতি ম্যা प्राशांर थक्लाऊि,-- प्लश् िदूषldतः शृ* शरशं: शनं*१, (लौछां★Iरा ttttS BB D D DDSDD D Di BBB BBB BB DDDS BBB BS BB बाँच्यूित गीत गरिए। कृनि बन्न- िा शाहे ! জন্মখণ্ডের টীকা সম্পূর্ণ।